सरकारी भवनों पर सोलर पैनल लगाने की कवायद तेज, सबसे ज्यादा 400 मेगावाट क्षमता के प्लांट लगेंगे
एक मेगावाट सोलर प्लांट लगाने का अनुभव होना जरूरी है
टेंडर में शामिल होने वाली कंपनियों को कम से कम एक मेगावाट सोलर प्लांट लगाने का अनुभव होना जरूरी है।
जयपुर। प्रदेश में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सरकारी भवनों पर सोलर पैनल लगाने की कवायद तेज कर दी है। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम ने सरकारी बिल्डिंगों पर एक हजार मेगावाट क्षमता के सोलर रूफटॉप लगाने की प्रक्रिया तेज कर टेंडर कर दिए हैं। कुल तय क्षमता में जयपुर में सबसे ज्यादा 400 मेगावाट और राजसमंद में सबसे कम 3.27 मेगावाट के सोलर प्लांट लगेंगे। सरकारी बिल्डिंगों पर रूफटॉप लगाने की प्रक्रिया में सभी सरकारी बिल्डिंगों पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। अक्षय ऊर्जा निगम ने जारी टेंडरों में टेंडर लेने वाली कंपनियों को 25 साल के लिए आॅपरेशन एंड मेंटनेंस की जिम्मेदारी मिलेगी। टेंडर प्रक्रिया में कम से कम पांच मेगावाट और अधिकतम सौ मेगावाट तक टेंडर जारी होंगे। इसके लिए आठ अगस्त तक प्री बिड मींटिग हो चुकी और 29 अगस्त को टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद 30 अगस्त को टेंडर खुलेंगे। टेंडर में शामिल होने वाली कंपनियों को कम से कम एक मेगावाट सोलर प्लांट लगाने का अनुभव होना जरूरी है।
छोटे छोटे टुकड़ों में होंगे टेंडर : डिडेल
अक्षय ऊर्जा निगम एमडी नथमल डिडेल के अनुसार प्रदेशभर में एक हजार मेगावाट के ये सोलर प्लांट लगने से बिजली की बड़ी मांग पूरी होगी। सरकार खेती की जमीनों पर भी सोलर लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। सरकारी बिल्डिंगों पर सोलर पैनल के लिए टेंडर को छोटे छोटे टुकड़ों में किया जाएगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा बिडर आ सकें और काम जल्दी हो सके। संभवत: एक साल में प्रदेश की सभी सरकारी बिल्डिंगों में रूफटॉप सोलर लगाने का टारगेट है। सरकारी बिल्डिंगों पर रूफटॉप सोलर लगने से बिजली की डिमांड तो पूरी होगी ही, जनता को पावर कट से भी काफी हद तक निजात मिलेगा।
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