बांसी सीएचसी पर डॉक्टर नदारद, कैसे मिलेगा मरीजों को उपचार?
जिम्मेदार बेपरवाह - दो चिकित्सक कार्यरत, मौके पर एक भी नही मिला
संबंधित विभागीय उच्चाधिकारी भी अनजान होकर बैठे है।
भण्डेड़ा। क्षेत्र में बांसी कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर शनिवार को एक भी चिकित्सक केन्द्र पर नहीं आए तो रोगी व तीमारदार मेल नर्स से उपचार के लिए कतारबद्ध नजर आए है। इस दरमियान परेशानियों का सामना कर रहे रोगियों का कहना था कि चिकित्सक नही होने से मेल नर्स के पास काफी भीड़ थी। गंभीर रोगियों को कतार में परेशान होना पड़ा तो जी घबराने पर एक तरफ बैठकर अपनी बारी का इंतजार करने को मजबूर होना पड़ा। ओपीडी डेढ़ सौ से दो सौ पार फिर भी जिम्मेदारों की बेपरवाही से रोगियों व तीमारदारों की परेशानी बढ़ा रही है। संबंधित विभागीय उच्चाधिकारी भी अनजान होकर बैठे है।
जानकारी के अनुसार बांसी में देई रोड पर स्थित सीएचसी पर शनिवार को एक भी चिकित्सक नही होने से यहां पर आए रोगियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। रोगियों के साथ आए तीमारदारों ने बताया कि उचित उपचार के लिए यहां पर आए है। मगर यहां पर एक भी चिकित्सक नही मिलने पर रोगी व तीमारदारों को उपचार लेने के लिए मेल नर्स को दिखाने के लिए लंबी कतार में लगना पडा है। गंभीर रोगियों को लाइन में जी घबराहट की स्थिति में कतार से एक तरफ बैठना पड़ा है। संबंधित विभाग ने क्षेत्र के रोगियों को समय पर उचित उपचार के लिए तीन चिकित्सक लगा रखे है। जिनमें से एक को दुगारी लगा रखा है। दो चिकित्सक यहां पर कार्यरत है। शनिवार को दोनों में से एक भी नही होने से यहां पर धीरे-धीरे काफी संख्या में रोगी व तीमारदार पहुंच गए थे। जो चिकित्सक के नही मिलने पर उचित उपचार के लिए कुछ तो अन्यत्र जाते हुए देखे गए हैं। फिर भी केन्द्र पर मेल नर्स को दिखाने के लिए कतार में काफी भीड़ नजर आई है। भीड़ को देख कुछ रोगी व तीमारदार अपनी खडे रहने की हालत नही होने पर इधर-उधर बैठे हुए कतार में भीड़ कम होने का इंतजार करते हुए नजर आए है। गौरतलब है कि मौसमी बीमारियां फैलने से घर-घर में लोग वायरल, बुखार, सर्दी,खांसी का शिकार हो रहे है। लेकिन बांसी सीएचसी में ऐसी स्थिति में मरीजों की भीड़ बढ़ने पर डॉक्टर का उपलब्ध न होना ग्रामीणों को काफी अखर रहा है।
लगभग 24 गांवों के लोग पहुंचते है इलाज कराने
बांसी सीएचसी पर डोड़ी, उंरासी, मानपुरा, बीजन्ता, फतेहपुरा, भामर, मरां, मुण्डली, कल्याणपुरा, सादेड़ा, कालानला, माधोराजपुरा, फलास्थुनी, गुजरियाखेड़ा, निमोद, खोड़ी, भजनेरी, डोकून, रामगंज, भण्डेड़ा, बांसी सहित 24 गांवों से भी रोगी उचित उपचार की मंशा लिए पहुंचते है, पर रोगियों के भर्ती वार्ड में बेड भी कम पड़ते नजर आते है।
उपचार के लिए आए रोगियों का कहना
उचित उपचार के लिए यहां पर आए है, पर यहां पर आए तो चिकित्सालय में एक भी चिकित्सक नही मिला। मजबूरन मेल नर्स से उपचार के लिए पहुंचे, तो काफी भीड़ थी। कतार में लगना पडा बहुत समय बाद रजिस्ट्रेशन की नंबर की बारी आई। फिर जाकर मेल नर्स से उपचार मिला है।
- लक्ष्मण गुर्जर, निवासी गुजरियाखेड़ा
उपचार के लिए आई हूँ। कतार में खडेÞ नही रहा जा रहा है जी घबराता है। लंबे समय से परेशान हो रही हूं फिर भी उपचार के लिए दीवार का सहारा लेकर बैठना पड़ रहा है।
- देव बाई, निवासी भामर का झोपडा
मुझे आठ रोज हो गया केंद्र पर आते हुए। मगर चिकित्सक नही मिलते है। उचित उपचार के लिए आते है पर उपचार कंपाउंडर से ही लेना पड़ता है। संबंधित विभागीय जिम्मेदारों का ध्यान नही है। यहां पर इस समय काफी संख्या में रोगी पहुंच रहे है। पर उचित उपचार नही मिल रहा है वह भी लंबे समय तक अपनी बारी आने के लिए या तो कतार में लगो या फिर इधर उधर बैठकर समय गुजारना पड़ता है। तब भी उचित उपचार नही मिल रहा है।
- उच्छबलाल, निवासी बांसी
उचित उपचार के लिए नाले की राह को खतरे से निकल कर आए है। यहां आए तो पता चला की देखने वाले ही नही है। फिर इधर-उधर भटकते हुए कंपाउंडर के पास लगी भीड में लगना पड़ा है। जो उनसे उपचार लिया है।
- भैरवलाल गुर्जर, निवासी रामगंज
केन्द्र पर उचित उपचार की आस लगाकर आई थी। यहां पर चिकित्सक नही है। जो दवाइयां कंपाउंडर से लिखवानी पडी है।
- मुमताज बैगम, निवासी मंरा स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है
इस समय बांसी केंद्र पर दो हैं, क्यों नहीं आए हैं। ब्लॉक सीएमएचओ से इसकी जानकारी करते हैं।
- डॉ. आॅपी सामर, सीएमएचओ, बूंदी
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