इसरो का स्पेडेक्स मिशन लॉन्च, दोनों स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में जोड़ेगा
मिशन की कामयाबी पर ही भारत का चंद्रयान-4 मिशन निर्भर है
चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। मिशन की कामयाबी पर ही भारत का चंद्रयान-4 मिशन निर्भर है। चंद्रयान-4 मिशन को 2028 में लॉन्च किया जा सकता है।
श्रीहरिकोटा। इसरो ने अंतरिक्ष में लम्बी छलांग लगाते हुए सोमवार को श्रीहरिकोटा से रात 10 बजे स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट मिशन लॉन्च किया। पीएसएलवी-सी60 रॉकेट से दो स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी से 470 किमी ऊपर डिप्लॉय किया गया। अब 7 जनवरी, 2025 को इस मिशन में अंतरिक्ष में बुलेट की स्पीड से दस गुना ज्यादा तेजी से ट्रैवल कर रहे इन दो स्पेसक्राफ्ट्स को कनेक्ट किया जाएगा। मिशन सफल रहा तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। मिशन की कामयाबी पर ही भारत का चंद्रयान-4 मिशन निर्भर है। चंद्रयान-4 मिशन को 2028 में लॉन्च किया जा सकता है।
पहले दो मिनट के लिए टाला
इससे पूर्व पीएसएलवी-सी60/स्पेडेक्स मिशन का प्रक्षेपण सोमवार रात 9.58बजे से 22.00 बजे तक दो मिनट के लिए टाल दिया गया था। इसरो ने एक्स में पोस्ट किया कि कहा कि प्रक्षेपण का दिन आ गया है! आज रात ठीक 10:00:15 बजे, स्पाडेक्स और उन्नत पेलोड के साथ पीएसएलवी-सी60 उड़ान भरने के लिए तैयार है। इसने कहा कि स्पाडेक्स आॅर्बिटल डॉकिंग में भारत की क्षमता स्थापित करने के लिए एक अग्रणी मिशन है, जो भविष्य के मानव अंतरिक्ष उड़ान और उपग्रह सर्विसिंग मिशनों के लिए एक प्रमुख तकनीक है।
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