नए कनेक्शन फ्री बिजली दायरे से हुए बाहर कुसुम योजना में अग्रणी बना राजस्थान
निवेशकों ने सोलर एनर्जी में बढ़ाई उम्मीदें
पीएम सूर्यघर योजना में सालभर सोलर एनर्जी को बढ़ावा दिया गया और साल के अंत में सोलर निवेशकों ने बडी संख्या में निवेश एमओयू करके प्रदेश में सोलर एनर्जी की उम्मीदों को बढ़ाया
जयपुर। पीएम सूर्यघर योजना में सालभर सोलर एनर्जी को बढ़ावा दिया गया और साल के अंत में सोलर निवेशकों ने बडी संख्या में निवेश एमओयू करके प्रदेश में सोलर एनर्जी की उम्मीदों को बढ़ाया। बिजली संकट से निपटने के लिए केन्द्रीय उपक्रमों के साथ मिलकर ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार ने कदम उठाए तो कुसुम योजना में राजस्थान अग्रणी राज्य बना। ऊर्जा विभाग में साल के आखिर में कर्मचारियों के विरोध के बीच निजीकरण और ओपीएस का मुद्दा भी छाया रहा। थर्मल इकाइयों के कोयला संकट से जूझने के बीच भजनलाल सरकार ने कोयले की कमी पूरी करने के लिए केन्द्र सरकार से बात कर कोयला उपलब्धता कराने पर काम किया। जिससे थर्मल यूनिट्स में दस से 15 प्रतिशत बिजली उत्पादन बढ़ा। बिजली संकट से निपटने के लिए केन्द्रीय उपक्रमों के सहयोग से बिजली आपूर्ति की गई। किसानों को बिजली उपलब्ध कराने के लिए औद्योगिक और घरेलू उपभोक्ताओं को सप्लाई के लिए रोस्टर सिस्टम अपनाया गया। कृषि कनेक्शनों के विद्युत भार बढ़ाने के लिए स्वैच्छिक भार वृद्धि घोषणा योजना लागू की गई।
प्रदेश के बिजली सेक्टर के लिए यह साल उतार चढ़ाव वाला बना रहा। सरकार बदलने के बाद नए उपभोक्ता 100 यूनिट फ्री बिजली योजना से वंचित रह गए।
केन्द्रीय उपक्रमों के साथ भागीदारी बढ़ाई
बिजली संकट से निपटने के लिए ऊर्जा उत्पादन की जरूरत देखते हुए ऊर्जा विभाग ने केन्द्रीय उपक्रमों के साथ भागीदारी से प्रदेश को ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की योजना बनाई। एनटीपीसी, कोल इंडिया, एनएलसी, गेल इंडिया, इन्द्रप्रस्थ गैस, आॅयल इंडिया लि. जैसे केन्द्रीय उपक्रमों के साथ संयुक्त उद्यम समझौते किए। इनसे 31 हजार 800 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा तथा 3575 मेगावाट की थर्मल आधारित परियोजनाएं स्थापित होंगी।
योजना के अनुसार वर्ष 2029-30 तक राजस्थान ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा।
- राज्य में पहली बार लगेंगे 2 हजार मेगावाट क्षमता के बैटरी एनर्जी स्टोरेज प्लांट
- पीएम सूर्यघर योजना में बनेगा हर जिले में एक आदर्श सोलर ग्राम
- अक्षय ऊर्जा के लिए नवीन एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति में बैटरी स्टोरेज तथा ऊर्जा भण्डारण को मिलेगा प्रोत्साहन
- पहली बार ग्रीन हाइड्रोजन तथा पम्प स्टोरेज परियोजनाओं
पर काम - सभी राजकीय कार्यालय होंगे सौर ऊर्जा से रोशन
- परसा ईस्ट-कांता बासन (पीईकेबी) कोल ब्लॉक से कोयला खनन करने में हासिल की सफलता
- पीएम कुसुम तथा पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के त्वरित क्रियान्वयन के लिए एसओपी
प्रधानमंत्री कुसुम योजना में देश में अग्रणी राजस्थान
किसानों की बंजर जमीनों पर सोलर प्लांट लगाकर बिजली उत्पादन करने और किसानों की आमदनी बढाने के लिए विभाग ने पहल की। इसी वजह से पीएम कुसुम योजना में राजस्थान देश में अग्रणी बना हुआ है। कंपोनेंट-ए में 282 मेगावाट की परियोजनाएं स्थापित हुर्इं तो कुसुम-सी में 63.47 मेगावाट क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड 25 सोलर प्लांट स्थापित हुए। इन प्लांटों से 6370 किसानों को दिन में बिजली मिल रही है। विभाग ने 4574 मेगावाट के 1791 सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के कार्यादेश भी जारी किए।
पीएम सूर्यघर योजना से लोगों के घटे बिजली बिल,थर्मल इकाइयों को किया मजबूत
रूफ टॉप सोलर से मिल रही बिजली के खर्च से मुक्ति के लिए विभाग ने पीएम सूर्यघर योजना में राजस्थान के लक्ष्य को पूरा करने के प्रयास तेज किए। यही वजह है कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में घर-घर रूफ टॉप सोलर लगाए जा रहे हैं। थर्मल इकाइयों की उत्पादन क्षमता में सुधार किया गया। उचित रखरखाव से प्रदेश की थर्मल इकाइयों की तकनीकी खामियों को दूर किया गया। पीक डिमांड के समय विद्युत उत्पादन में 10 से 15 प्रतिशत की बढोतरी की गई। साथ ही, नए ग्रिड सब स्टेशनों को मंजूरी देकर गांव-ढाणी तक बिजली पहुंचाने का काम किया।
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