हम उम्र और खुद से बड़ी लड़कियों की उस्ताद है रौनक

12 साल की उम्र से शुरू किया अखाड़ा खेलना

हम उम्र और खुद से बड़ी लड़कियों की उस्ताद है रौनक

बड़ी उम्र की लड़कियों को सिखाती है करतब।

कोटा। खुद को इतना काबिल बनाना कि लोग तुम्हारी उम्र को देखने के बजाए तुम्हारे कामों को देखकर ये कहे कि काश हम भी ऐसा कर पाते। निडर सोच के साथ हर करतब को करने और खुद को हर कदम पर बेहतर करने की सोच रखने वाली संकट मोचन व्यायामशाला की रौनक गुर्जर, जो खुद एक लड़की होकर अखाड़े की अन्य लड़कियों के लिए उस्ताद है। रौनक संकट मोचन व्यायामशाला के अखाड़े में आने वाली पहली लड़की हैं, जिसने अन्य लड़कियों और महिलाओं को भी अखाड़े में आने के लिए प्रेरित किया। करीब पांच साल पहले अखाड़ा खेलने की शुरूआत करने वाली रौनक आज 20 से ज्यादा लड़कियों को अखाड़ा खेलना सिखाती है।

12 साल की उम्र में शुरू किया अखाड़ा
रौनक गुर्जर अपने घर की सबसे बड़ी बेटी हैं ऐसे में वो घर में बेटे की जिम्मेदारी भी निभाती हैं। रौनक ने बताया कि वो जब वो 12 साल की थी तो अखाड़े में आया करती थी। जहां लड़कों को देखकर उन्हें भी शस्त्रों को चलाने को मन होता था। इस पर रौनक ने अखाड़े के संचालक अखिलेश राठौर से अखाड़ा सिखाने के लिए कहा, जहां से रौनक के अखाड़ा खेलने की शुरूआत हुई। प्रारंभ में तो एक ही लड़की होने के चलते थोड़ी समस्या हुई लेकिन उन्हें देख अन्य लड़कियां भी आने लगी। रौनक बताती हैं कि उन्हें सेना में जाना है, जिसके लिए मजबूत शरीर होना जरूरी है। इसी कारण वो रोज अखाड़े में आकर अभ्यास करती हैं ताकि खुदको सेना के लिए तैयार कर सके। रौनक के घर में माता पिता और चार बहनें हैं। लेकिन केवल उनकी मां ही रोजगार करती हैं उनके पिता की नौकरी बीमारी के कारण छूट गई है। जिसके चलते रौनक जितना जल्दी हो सके सेना में जाना चाहती हैं जिससे वो घर में उनकी मां का हाथ बंटा सकें। वहीं रौनक आज अपने हम उम्र और खुद से बड़ी लडकियों की उस्ताद हैं और उन्हें करतब दिखाना और शस्त्र चलाना सिखाती हैं।

लड़कियों को करतब दिखाते और अखाड़ा खेलते देखना खुशी होती है
संकट मोचन व्यायामशाला के संचालक दिग्विजय सिंह बताते हैं कि पहले यह अखाड़ा मंग्लेश्वर व्यायामशाला के नाम से चलता था। मंग्लेश्वर व्यायामशाला के यहां से शिफ्ट होने के बाद यहां संकट मोचन व्यायामशाला शुरू की गई। पहले तो लड़के की खेला करते थे। लेकिन पांच साल से अब लड़कियां भी खेलने आती हैं। हम भी मौहल्ले और आसपास के लोगों से लड़कियों को अखाड़ा खेलने और आत्मरक्षा के लिए करतब सीखने के लिए बोलते हैं तो वो भी खुशी से भेजते हैं। लड़कियों को लड़कों की बराबरी करते देख और हैरतंगेज करतब करते देख हमें भी बहुत खुशी होती है। हमें भी देखकर अच्छा लगता है कि लड़कियों को मजबूत बनाने में हमारी भी योगदान दे रहे हैं। 

खेलों के प्रति होना चाहिए रूझान
व्यायामशाला में आने वाली खुशी करीब चार साल से अखाड़ा कर रही हैं। खुशी कहती हैं कि हर लड़की और लड़के को पढ़ाई के साथ साथ खेलों के प्रति भी रूझान रखना चाहिए। ये हमें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत रखता है। हम जब भी अखाड़े में आते हैं तो हमें सबसे अलग होने का एहसास होता है। इतने सारे शस्त्रों और चीजों से करतब दिखाने के बाद किसी भी स्थिति के लिए डर बिल्कुल खत्म हो जाता है। 

Read More भजनलाल शर्मा ने केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का किया अवलोकन, अधिकारियों को दिए निर्देश

रौनक को देखकर अखाड़े में आई अब गर्व होता है
संकट मोचन व्यायामशाला में करतब आने वाली इशिता प्रजापति कहती हैं कि जब उन्होंने रौनक गुर्जर को अखाड़े में आते देखा तो उन्हें भी शस्त्र चलाने और करतब दिखाने का मन करने लगा। जिसके बाद वो भी अखाड़े में रोज आने लगी। जहां हर दिन नए नए करतब देखने और करने को मिलने लगे तो खुद पर गर्व होने लगा कि हम भी कुछ कर सकते हैं। इसके बाद धीरे धीरे सारे शस्त्रों को चलाना सीखते गए। इशिता आगे खेलते हुए आॅलंपिक गेम्स में जाना चाहती हैं। इसके लिए वो कुश्ती और मलखंभ का भी अभ्यास करती हैं। इशिता कहती हैं कि अखाड़ा और शस्त्र चलाना हर किसी को सीखना चाहिए है क्योंकि इससे इंसान में आत्मरक्षा की क्षमता आने के साथ आत्मविश्वास भी बढ़ता है। 

Read More SI Recruitment Paper Leak Case: किरोड़ी लाल से मिलने पहुंचे एसआई भर्ती परीक्षा में चयनित हुए अभ्यर्थी और उनके परिवारजन 

Post Comment

Comment List

Latest News

ट्रेन हादसे रोकने में मोदी सरकार विफल, तय नहीं की जा रही है जवाबदेही : प्रियंका  ट्रेन हादसे रोकने में मोदी सरकार विफल, तय नहीं की जा रही है जवाबदेही : प्रियंका 
एक के बाद एक हो रही ट्रेन दुर्घटनाओं के बावजूद सरकार की तरफ से ना तो कोई जवाबदेही तय की...
भजनलाल शर्मा ने पशुपालकों के लिए की बड़ी घोषणा, दुग्ध उत्पादन के दायित्वों का एक सप्ताह में होगा भुगतान
छत्तीसगढ़ में दुर्गा विसर्जन के दौरान हादसा, करंट की चपेट में आने से 15 लोग झुलसे
एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द नहीं करने की मांग, अभ्यर्थियों के परिजन पहुंचे भाजपा मुख्यालय
पुलिस के प्रशिक्षकों ने छात्राओं को सिखाए आत्मरक्षा के गुर
वार्षिकोत्सव में विद्यार्थियों ने दी लघु नाटिका की प्रस्तुति
हरियाणा में हार के कारकों को समझने की आवश्यकता, पार्टी ने शुरू की आंतरिक समीक्षा : खड़गे