पहाड़ों पर फार्म हाउस बनाने की मंजूरी देगी सरकार

फिलहाल इस प्रारूप पर आमजन से 20 दिसंबर तक सुझाव मांगे गए हैं

पहाड़ों पर फार्म हाउस बनाने की मंजूरी देगी सरकार

यूडीएच ने नगरीय क्षेत्र में स्थित पहाड़ों के संरक्षण के लिए विनियम 2024 का प्रारूप तैयार किया है। इसमें कई प्रावधान तय किए गए हैं। फिलहाल इस प्रारूप पर आमजन से 20 दिसंबर तक सुझाव मांगे गए हैं।

जयपुर। शहरी क्षेत्रों में स्थित ऐसे पहाड़ जिनका ढलान 8 डिग्री से अधिक एवं 15 डिग्री तक हो, उनमें सरकार फार्म हाउस और रिसोर्ट की मंजूरी प्रदान करेगी। यूडीएच ने नगरीय क्षेत्र में स्थित पहाड़ों के संरक्षण के लिए विनियम 2024 का प्रारूप तैयार किया है। इसमें कई प्रावधान तय किए गए हैं। फिलहाल इस प्रारूप पर आमजन से 20 दिसंबर तक सुझाव मांगे गए हैं।

पहाड़ों को तीन श्रेणियों में बांटा
ड्राफ्ट में पहाड़ों को तीन केटेगिरी में बांटा गया है। अ श्रेणी के पहाड़ से अभिप्राय उस भू भाग से है, जो आठ डिग्री तक के ढलान वाला क्षेत्र हो। ब श्रेणी के पहाड़ से अभिप्राय उस भू भाग से है, जो अ श्रेणी के बाहर का क्षेत्र हो तथा जिसका ढलान आठ डिग्री से अधिक एवं 15 डिग्री तक हो। स श्रेणी के पहाड़ से अभिप्राय उस भू भाग से है, जो अ एवं ब श्रेणी से बाहर का क्षेत्र हो तथा जिसका ढलान 15 डिग्री से अधिक हो।

कम से कम 5000 वर्ग मीटर रहेगा फार्म हाउस
बी श्रेणी के क्षेत्रों में निर्माण के निर्धारित किए गए मापदण्डों के अनुसार फार्म हाउस उपयोग के लिए भूखण्ड का न्यूनतम क्षेत्रफल 5 हजार वर्गमीटर रहेगा तथा अधिकतम भू आच्छादन क्षेत्रफल 500 वर्गमीटर एवं अधिकतम ऊंचाई भूतल प्लस एक मंजिल अर्थात 9 मीटर अनुज्ञेयी होगी। 

जल स्रोतों के किनारे बफर जोन
ड्राफ्ट में निर्माण क्षेत्र भी निषेध किया गया है। इसमें जल स्रोतों के किनारे बफर जोन जो किसी अधिनियम, संविधि, प्लान के तहत अधिसूचित नहीं है, जोन के लिए दस मीटर से अधिक चौडाई वाले नहर, नाला, स्टॉर्म वाटर ड्रेन की परिभाषा से न्यूनतम 9 मीटर तथा बावड़ी से सभी तरफ न्यूनतम 6 मीटर रहेगा। वन विभाग की ओर से अधिसूचित वन्यजीव अभ्यारण्य क्षेत्र एवं इको-सेंसेटिव जोन में वन विभाग की अधिसूचना ही निर्माण अनुमत होंगे। इसके साथ ही विभिन्न विभागों की अधिसूचनाएं भी मान्य रहेंगी।

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दण्ड का प्रावधान
विकासकर्ता की ओर से आवेदन से पूर्व आवेदित भूमि पर किसी भी प्रकार की कटिंग, फिलिंग पाए जाने पर भवन निर्माण स्वीकृति नहीं दी जाएगी तथा विकासकर्ता पर दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी। ऐसे किसी पंजीकृत तकनीकीविद की ओर से व्यवसाय की आचरण संहिता का उल्लंघन किया जाना अथवा सारवान तथ्यों को छिपाए जाने पर उसके विरूद्ध सक्षम अधिकारी की ओर से पंजीयन निलंबित किया जा सकेगा एवं अन्य वैधानिक कार्रवाई भी की जा सकेगी।

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15 डिग्री से अधिक ढलान वाले पहाड़ों पर बैन
स श्रेणी के अन्तर्गत 15 डिग्री से अधिक ढलान वाला क्षेत्र होगा, जिसमें किसी भी प्रकार की गतिविधि एवं निर्माण अनुज्ञेय नहीं होगा। इस श्रेणी में सार्वजनिक उपयोगिताएं बिजली आपूर्ति, जल आपूर्ति से संबंधित उपयोग भी निम्न घनत्व में रखते हुए अनुज्ञेय किए जा सकेंगे। विशेष प्रकरणों में सरकार अनुमति के लिए अधिकृत होगी।

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