राजस्थान में नवाचार से आकर्षित होंगे देशी-विदेशी पर्यटक : दीया
पर्यटकों की संख्या में वृद्धि करना है
इस पहल का उद्देश्य इन स्थलों के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को संरक्षित करना और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि करना है।
जयपुर। राजस्थान की उपमुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री दीया कुमारी ने गोवा की राजधानी पणजी में पश्चिमी और मध्य राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के पर्यटन मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में राजस्थान में पर्यटन के क्षेत्र में नवाचार, पर्यटकों की सुविधा बढ़ाने, सांभर और खींचन को विकसित करने, धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ाने जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। उपमुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री दीया कुमारी ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि राजस्थान को पर्यटन का सिरमौर बनाने के लिए पर्यटन के ढांचागत विकास विकास का कार्य सघनता से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिरों और धार्मिक स्थलों का नवीनीकरण किया जाएगा, जिसमें मरम्मत, आगंतुक सुविधा में वृद्धि और पहुंच में सही करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य इन स्थलों के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को संरक्षित करना और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि करना है।
उपमुख्यमंत्री ने पर्यटन मंत्रालय के निरंतर समर्थन और प्रोत्साहन के लिए भी अपनी कृतज्ञता व्यक्त की, जिसने राजस्थान में पर्यटन के विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कुमारी ने कहा कि राजस्थान और पर्यटन एक दूसरे के पर्याय हैं। जीवन, संस्कृति, विरासत, कला, शिल्प, विविध भूभाग, किले, महल, रेगिस्तान, पहाड़ियाँ, बाघ पार्क, अभयारण्य सब कुछ राजस्थान की विशेषता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान 9 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों का घर है। यहां 6 विश्व प्रसिद्ध पहाड़ी किलों सहित, 4 राष्ट्रीय उद्यानों और 25 से अधिक वन्यजीव अभयारण्यों के साथ एक समृद्ध सांस्कृतिक और वन्य जीवन अनुभव प्रदान करता है। राज्य में थार रेगिस्तान से लेकर हरे-भरे अरावली पर्वतमाला के विविध परिदृश्य, लोक संगीत और नृत्य की समृद्ध परंपराएं, मसालेदार और विविध व्यंजनों का स्वाद और गर्मजोशी भरे आतिथ्य का अनुभव है, जो इस क्षेत्र की विशेषता है। राजस्थान पर्यटन के सभी प्रकार के यात्रा कार्यक्रम और बजट वर्गों को पूरा करता है।
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