तपती धरती पर भूख प्यास से संघर्ष कर रहा है राज्य पशु ऊंट
तपती धरती व पानी की कमी से यह ऊंट अब उठ नहीं पा रहा है।
कस्बे के उपखण्ड कार्यालय में इस ऊंट को अन्यत्र इलाज के लिए भेजने वाला कोई नहीं है।
श्रीडूंगरगढ़। यहां के उपखण्ड कार्यालय परिसर में करीब एक सप्ताह से राजस्थान का राज्य पशु ऊंट भूख प्यास से संघर्ष कर रहा है। तपती धरती व पानी की कमी से यह ऊंट अब उठ नहीं पा रहा है। कस्बे के उपखण्ड कार्यालय में इस ऊंट को अन्यत्र इलाज के लिए भेजने वाला कोई नहीं है। इस ऊंट को इलाज व संरक्षण के लिए आपनो गांवो श्रीडूंगरगढ़ सेवा समिति ने जिला कलक्टर को पत्र लिखा है। समिति के मदन सोनी ने बताया कि राजस्थान में ऊंटों की घटती आबादी को देखते हुए सरकार ने इसे राज्य पशु का दर्जा दिया है। गहलोत सरकार ने 2022-23 के राज्य बजट में ऊंट संरक्षण और विकास नीति का ऐलान भी किया है। जिसके लिए वित्तीय वर्ष में 10 करोड़ रुपए के बजट का प्रस्ताव रखा गया है। परंतु धरातल पर योजनाओं का क्रियान्वयन बमुश्किल ही नजर आ रहा है। राज्य पशु की दुर्दशा यहां के उपखंड कार्यालय परिसर में हो रही है। अधिकारियों से भरे इस परिसर में किसी की संवेदना नहीं जागी है। ये यहां कहां से पहुंचा इसकी जानकारी नहीं मिली परन्तु ये उठ नहीं सकता और भूख प्यास से संघर्ष करते हुए एक ही स्थान पर पड़ा है।
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