भवन बना नहीं,करोड़ों की जमीन पर खड़े हो रहे संवेदक के वाहन

कोटा उत्तर निगम का प्रस्तावित भवन हुआ निरस्त, भवन निर्माण के लिए नहीं मिला बजट

भवन बना नहीं,करोड़ों की जमीन पर खड़े हो रहे संवेदक के वाहन

भवन तो बना नहीं अब उस जमीन पर संवेदक के सफाई वाहन जिनमें टिपर से लेकर बिन लिफ्टर व अन्य सफाई वाहन खड़े हो रहे है।

कोटा। शहर के बीचो बीच पुरानी सब्जीमंडी में अतिक्रमण से मुक्त करवाई गई करोड़ों की बेशकीमती जमीन इन दिनों नगर निगम के संवेदक के सफाई वाहन खड़े करने के काम आ रही है। जबकि इस जमीन पर नगर निगम कोटा उत्तर का भवन बनना प्रस्तावित था। भवन के लिए बजट नहीं मिलने से अब वह तो निरस्त हो चुका है।  ज्वाला तोप के पास पुरानी सब्जीमंडी में  नगर निगम की जमीन पर पूर्व में अतिक्रमण हो रहा था। जिसे पिछली कांग्रेस सरकार के समय में तत्कालीन नगर विकास न्यास के अतिक्रमण निरोधक दस्ते ने अतिक्रमण से मुक्त कराया था।  उस समय तत्कालीन स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने इस जमीन पर नगर निगम कोटा उत्तर का नया भवन बनाना प्रस्तावित किया था। लेकिन वह भवन तो बना नहीं अब उस जमीन पर संवेदक के सफाई वाहन जिनमें टिपर से लेकर बिन लिफ्टर व अन्य सफाई वाहन खड़े हो रहे है। 

निगम ने बनाई चार दीवारी, डीपीआर निरस्त
अतिक्रमण से मुक्त हुई करीब 9 हजार वर्ग मीटर जमीन पर नगर निगम की ओर से चार दीवारी बनाई गई है। जबकि निगम की ओर से पूर्व में यहां नया भवन बनाने की डीपीआर का टेंडर जारी कर दिया था। डीपीआर बनकर तैयार भी हो गई थी। लेकिन सरकार बदलने के बाद वह डीपीआर भी निरस्त कर दी गई। साथ ही सरकार ने नया भवन बनाने के लिए बजट भीनहीं दिया। ऐसे में  अब नया भवन बनना भी लगभग निरस्त हो गया है। 

50 करोड़ से बनना था नया भवन
पूर्व कांग्रेस सरकार में कोटा उत्तर निगम का बहुमंजिला  भवन बनाया जाना था। जिस पर अनुमानित करीब 50 करोड़ रुपए खर्च होने थे। उस समय विधानसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले इस भवन का शिलान्यास तो कर दिया गया था। लेकिन भवन निर्माण का बजट कहां से आएगा यह तय नहीं हो सका था। राज्य में सरकार बदलने के बाद फिर से एक नगर निगम बनाने की संभावना को देखते हुए कोटा उत्तर भवन के लिए  बजट नहीं मिलने से अब भवन नहीं बनेगा। 

जमीन पर संवेदक का कब्जा
नगर निगम की इस जमीन पर वर्तमान में संवेदक का कब्जा है। यहां निगम द्वारा संवेदक को दिए सफाई वाहन खड़े हो रहे है। उन वाहनों की रखवाली के लिए यहां चौकीदार की टापरी बनी हुई है। जिससे वहां उनके कर्मचारी रह रहे है।  नगर निगम  कोटा उत्तर के गैराज प्रभारी व सहायक  अभियंता अजय बब्बर ने बताया कि कोटाउत्तर में घर-घर कचरा संग्रहण का काम निजी फर्म को दिया गया है। जिसके तहत अभी तक 70 वार्डों व 7 सेक्टरों में से 6 सेक्टरों में सर्वे पूरा होने पर उनका काम संवेदक को दिया जा चुका है। सिर्फ पटरी पार रेलवे कॉलोनी क्षेत्र का सेक्टर एक बाकी है। ऐसे  में उन सभी 6 सेक्टरों में काम आने वाले टिपर व वाहन संवेदक को दिए गए है। संवेदक को वाहन खड़े करने केलिए जगह निगम को देनी है। ऐसे में संवेदक द्वारा अपने वाहन निगम की जमीन पर खड़े किए हुए है। उन्होंने बताया कि आधुनिक ट्रांसफर स्टेशन तैयार होने पर ये वाहन वहां खड़े किए जा सकेंगे। लेकिन अभी खेड़ली फाटक व उम्मेदगंज के  ट्रांसफर स्टेशनों के चालू नहीं होने से संवेदक के वाहनों को खड़ा करने के लिए सुरक्षित स्थान के रूप में ज्वाला तोप के पास की निगम की जमीन को दिया गया है। 

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