गाड़ियों में लग रही आग, अरमान हो रहे खाक

10 माह में सड़क पर दौड़ते 60 से ज्यादा वाहनों में लगी आग

गाड़ियों में लग रही आग, अरमान हो रहे खाक

छोटी-छोटी गलतियों की अनदेखी से हुआ बड़ा नुकसान।

कोटा। हाल ही में हुई प्रमुख घटनाएं - केस 1 - पार्किंग में खड़ी कार में लगी आग
सब्जीमंडी क्षेत्र में बुधवार को सड़क पर खड़ी कार में अचानक आग लग गई। व्यस्तम मार्ग होने से लोगों में हड़कम्प मच गया। सब्जीमंडी फायर स्टेशन से मौके पर पहुंची दमकल की मदद से आग पर काबू पाया जा सका। कार मालिक परिवार के साथ इंद्रा मार्केट में खरीदारी करने गए थे, आकर देखा तो कार का अगला हिस्सा चल चुका था।

केस 2 - कार आॅटो लॉक, कांच तोड़कर निकाला
मंडाना टोल प्लाजा के पास नेशनल हाईवे-52 पर 7 अप्रेल 2024 को चलती कार में आग लग गई। बोनट से उठे धुआं देख चालक ने कार रोक बाहर निकलने का प्रयास किया लेकिन कार आॅटोलॉक हो गई। ऐसे में राहगीरों की मदद से कार में सवार लोगों ने साइड विंडो के कांच तोड़ बाहर निकले। थोड़ी ही देर में कार आग के गोले में तब्दील हो गई।  

बाइक-कार से लेकर ट्रोले तक बने आग के गोले
सड़कों पर दौड़ते वाहन अचानक आग के गोले में तब्दील हो रहे हैं। शहर में आए दिन चलती कारों में आग लगने की घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं। इससे न केवल कार चालक बल्कि सड़क पर चल रहे अन्य वाहन चालकों व राहगीरों की भी जान संकट में पड़ जाती है। बीते कुछ दिनों में ही चार से पांच घटनाएं घटित हो चुकी हैं। जबकि, 1 जनवरी 2024 से 17 अक्टूबर तक करीब 25 से 30 कारों में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। नवज्योति ने घटनाओं के कारणों की पड़ताल की तो सामने आया कि छोटी-छोटी गलतियों को नजर अंदाज करना ही कार में आग लगने का बड़ा कारण बनी। आइए, एक्सपर्ट से जानते हैं आग लगने के प्रमुख कारण।

गाड़ी की मूल वायरिंग से छेड़छाड़ जानलेवा
हर कम्पनी की गाड़ियों की डिजाइन अलग-अलग होती है, जिनमें वायरिंग उसी मापदंड के अनुरूप की जाती है। जब वायरिंग से छेड़छाड़ होती है, तो कार में आग की संभावनाएं प्रबल हो जाती है। क्योंकि, एडिशनल एसेसरीज लगाने के लिए बिछाई वायरिंग से लोड बढ़ता है, जिससे तार गर्म होकर आपस में चिपकने लगते हैं, जो स्पार्किंग के लिए जिम्मेदार होता है। वहीं, कंपनी तय मानकों के अनुसार कार में लाइट, साउंड फिटिंग, एसी, ब्लोअर, सीएनजी किट सहित अन्य एसेसीरीज लगा कर देती है। जब हम बाहर से उसमें अधिक एसेसीरीज जैसे  हैड लाइट, हूटर और हार्न लगवाते हैं तो वायरिंग पर ज्यादा जोर पड़ता है, जो शार्ट सर्किट का कारण बनता है।  

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बाल-बाल बची जान
आरकेपुरम क्षेत्र में 27 मई को घटोत्कच सर्किल पर कार में आग लग गई। इंजन से उठे धुआ देख कार सवार तुरंत बाहर निकल दूर जाकर खड़े हो गए। चंद मिनटों में ही कार आग की लपटों से घिर गई। बाद में श्रीनाथपुरम फायर स्टेशन से दमकल मौके पर पहुंची लेकिन तब तक कार खाक हो चुकी थी।

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यह हैं सुझाव
- कार में सफर करने से पहले गाड़ी का जनरल चेकअप जरूर करें। 
- आगजनी की घटनाएं गर्मियों में अधिक होती है इसलिए 45 से 50 डिग्री तापमान में वाहन में सफर नहीं करें। 
- फयूल लाइन के ज्वाइंट के आसपास रबरशील होती, जो कटी-फटी होने से लीकेज की संभावना रहती है। इसका ध्यान रखें।
- कार निमार्ता कम्पनियों को घरों में लगे एमसीबी बोर्ड की तरह कार में भी ऐसी डिवाइस लगाना चाहिए, ताकि शोर्ट सर्किट होेने पर एमसीबी ट्रिप होने से फयूल व गैस की सप्लाई बंद हो जाए। 

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इन गलतियों को न करें नजर अंदाज - चलती कार में आग लगने के 5 मुख्य कारण हैं
- पेट्रोल, डीजल व गैस लीकेज होना। 
- वायरिंग में स्पार्किंग से शॉर्ट सर्किट का खतरा।
- वाहन में बैठकर धूम्रपान करना। 
- गाड़ी में ज्वलनशील पदार्थ रखना, जैसे परफ्यूम सैनेटाइजर सहित अन्य तरह के स्प्रे रखना काफी खतरनाक है।
- वाहन को लग्जरी बनाने की होड़ में क्षमता से अधिक एसेसरीज लगवाना आग लगने का सबसे बड़ा कारण है। 

चलती कार में आग लगने के प्रमुख कारण
- पेट्रोल पाइप लाइन की रबरशीट कट जाने से आगजनी की घटना हो सकती है। 
- कार लगातार 100 किमी से अधिक चलाने से इंजन गर्म अधिक गर्म होता है, जिससे वजह से वायरिंग के उपर लगी प्लास्टिक कवर पिघलना लगता है, जो शोर्ट सर्किट की वजह बनता है।  
- गाड़ी में लगे सीएनजी किट के सिलिंडर की निर्धारित समय तीन साल में हाइड्रो टेस्टिंग नहीं करना। यह टेस्टिंग सिलिंडर की क्षमता का पता लगाने के लिए की जाती है, जो आरटीओ द्वारा तय एजेंसी करती है। 
- वाहन में धूम्रपान आग लगने का सबसे प्रमुख कारण है। इंजन के साथ लगने वाले वायरिंग का कवर का फायर प्रूफ न होना। 
- ओवर हीटिंग, फ्यूल लीकेज व वायरिंग में शार्ट सर्किट प्रमुख कारण है। 
- सर्दियों में अधिकतम आधे घंटे से अधिक समय तक ब्लोअर यानी हीटर चलाने से ओवरहीट होती है। जिससे आग लग सकती है।  
- टायर व्हील जाम होेने से टायर पर दबाव पड़ता है और घर्षण से टायर में आग लग सकती है।  
- बाहर से गैस किट लगवाना भी आगजनी का प्रमुख कारण है। 
- कार में खाद्यय पदार्थ का इस्तेमाल से चूहों की दस्तक बढ़ती है और वह वायरिंग को कुतर देते हैं।  

इनका कहना है
जनवरी से अब तक करीब 45 से 50 वाहनों में आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें कारों के 25 से 30 मामले शामिल हैं। चलते वाहनों में आग लगने के मुख्य कारण शोर्ट सर्किट, अनावश्यक एसेसरीज लगवाना, कम्पनी निर्धारित वायरिंग से छेड़छाड़, धूम्रपान, ज्वलनशील पदार्थ जैसे परफ्यूम, सेनेटाइजर, एयर फ्रेशनर स्प्रे आदि मुख्य कारण है। सतर्कता व जागरूकता से ही हादसों से बचा जा सकता है। 
- राकेश व्यास, मुख्य अग्निशमन अधिकारी कोटा

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