क्षमता से अधिक बंदी होने से जेल पड़ रही छोटी
कोटा केन्द्रीय कारागार में क्षमता से अधिक बंदियों से जेल प्रशासन परेशान
जेल के अंदर 1000 बंदियों के रहने के लिए बैरिक, रसोई, मैस आदि का निर्माण किया जाएगा।
कोटा। कोटा सेंट्रल जेल में क्षमता से अधिक बंदियों व सजायाफ्ता कैदियों की संख्या जेल प्रशासन के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। इस जेल में क्षमता से अधिक बंदियों के होने से कैदियों के लिए अब छोटी पड़ने लगी है। वर्तमान जेल की क्षमता 1009 बंदियों की है, लेकिन यहां कैदियों को क्षमता से अधिक संख्या में रखा जा रहा है। बंदियों को सोने-बैठने खाने-पीने तथा जन सुविधाओं तथा सोने के लिए भी जगह कम पड़ रही है। इस समस्या के निदान के लिए राज्य सरकार द्वारा दिसंबर 2021 में शुभूपुरा में जेल के लिए भूमि आवंटन किया गया, लेकिन चार साल बीतने के बाद भी अभी तक कार्य प्रगति पर नहीं आया है। नयी जेल बनने के बाद यहां 1000 सजायाफ्ता बंदियों को रखा जाएगा। इस जेल की क्षमता 1000 बंदियों को रखने की होगी। इसके बावजूद अभी तक जेल के मामले में कार्रवाई केवल कागजों में चल रही है। इस जेल के निर्माण में 82 करोड़ का खर्च होगा। 2021 में ही जमीन को जेल प्रशासन को सौंप दिया गया था। इसके बावजूद तीन से चार जेल अधीक्षक बदल गए, लेकिन निर्माण कार्य में प्रगति पर नहीं ला सके । नक्शा हो रहा है तैयार: जेल अधीक्षक राजेन्द्र कुमार ने बताया कि केन्द्रीय कारागार की क्षमता मात्र 1009 बंदियों की है, लेकिन यहां मंगलवार को 1548 बंदी हैं। कभी-कभी तो संख्या और भी बढ़ जाती है। इस समस्या को कम करने के लिए वर्ष 2021 में शंभूपुरा में ं1000 सजायाप्ता बंदियों को रखने के लिए 9.06 हेक्टेयर भूमि यूआईटी द्वारा आवंटित कर चुकी है और कब्जा भी सौंप दिया गया है। उन्होंने बताया कि जेल प्रशासन ने कब्जा संभाल लिया है। इस जेल के निर्माण के लिए पुलिस हाउसिंग सोसाइटी बनाई गई है और उसके द्वारा नक्शा तैयार किया जा रहा है। इस जेल में अत्याधिनुक सुविधाओं के लिए राज्य सरकार की तरफ से 82 करोड़ का बजट भी मंजूर किया गया है। जिसमें जेल के अंदर 1000 बंदियों के रहने के लिए बैरिक, रसोई, मैस आदि का निर्माण किया जाएगा।
32 क्वार्टर का होगा निर्माण
जेल अधीक्षक ने बताया कि वर्तमान जेल में 32 नए क्वार्टर भी पुलिस हाउसिंग सोसायटी के द्वारा ही बनाया जाना प्रस्तावित है। इसका का कार्य भी जल्द ही शुरू किया जाएगा।
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