शांतिपूर्ण मांग करने वाले को जमानत तक नहीं मिल रही और बांग्लादेश में खुले घूम रहे अपराधी: भारत
संत चिन्मय की गिरफ्तारी पर जताई गहरी चिंता
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यहां एक बयान में कहा कि हमने चिन्मय कृष्ण दास, जो बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत के प्रवक्ता भी हैं, की गिरफ्तारी और जमानत से इनकार पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
नई दिल्ली। भारत ने बांग्लादेश में हिन्दू प्रतिरोध व्यक्त करने वाले अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कान) के संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत से इनकार किए जाने पर आज गहरी चिंता जताई और बंगलादेश की सरकार से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने की अपील की। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यहां एक बयान में कहा कि हमने चिन्मय कृष्ण दास, जो बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत के प्रवक्ता भी हैं, की गिरफ्तारी और जमानत से इनकार पर गहरी चिंता व्यक्त की है। यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कई हमलों के बाद हुई है।
चटगांव में चिन्मय की रिहाई को लेकर झड़प में एक की मौत
ढाका। बांग्लादेश के चटगांव में इस्कॉन धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान मंगलवार को हुई झड़प में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य लोग घायल हो गए। मृतक की पहचान शैफुल इस्लाम अलीफ के रूप में हुई है। जो पेशे से एक प्रशिक्षु वकील था। ढाका में एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने चटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आपातकालीन विभाग में ड्यूटी डॉक्टर डॉ. निबेदिता घोष के हवाले से इसकी पुष्टि की और घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। आज अपराह्न अदालत द्वारा धर्मगुरु चिन्मय को जेल भेजने का आदेश दिए जाने के बाद कोतवाली थाने के लालदिघी इलाके में प्रदर्शकारियों की झड़प हो गई। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गयी और अन्य छह लोग घायल हो गए।
अल्पसंख्यकों के घरों में हो रही लूटपाट
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अल्पसंख्यकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ चोरी और तोड़फोड़ तथा देवताओं और मंदिरों को अपवित्र करने के कई मामले दर्ज कराए गए हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन घटनाओं के अपराधी बड़े पैमाने पर खुले घूम रहे हैं जबकि शांतिपूर्ण माध्यम से वैध मांग करने वाले एक धार्मिक नेता के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम दास की गिरफ्तारी के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे अल्पसंख्यकों पर हमलों पर भी चिंता व्यक्त करते हैं। हम हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं, जिसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार भी शामिल है।
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