अमेरिका में 25 प्रतिशत नए ऑटो शुल्क लगाने की घोषणा, ट्रंप ने योजना पर किए हस्ताक्षर
महत्वपूर्ण खतरे का समाधान करने के लिए उठाया गया है
यह कदम 'अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण खतरे का समाधान करने के लिए उठाया गया है।
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 25 प्रतिशत ऑटो शुल्क लगाने की योजना की घोषणा की। ट्रम्प ने व्हाइट हाउस स्थित राष्ट्रपति कार्यालय में कहा कि हम उन सभी कारों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाएंगे, जो अमेरिका में नहीं बनती हैं। हम आज इस योजना पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। यह दो अप्रैल से लागू होगा। हम तीन अप्रैल से कर वसूलना शुरू करेंगे। व्हाइट हाउस की ओर से जारी किए गए एक दस्तावेज के अनुसार ट्रम्प ने 1962 के ट्रेड एक्सपेंशन एक्ट की धारा 232 का उपयोग करते हुए एक उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत ऑटोमोबाइल और कुछ ऑटो पार्टों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। यह कदम 'अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण खतरे का समाधान करने के लिए उठाया गया है।
व्हाइट हाउस ने कहा कि 25 प्रतिशत टैरिफ आयातित यात्री वाहनों (सेडान, एसयूवी, क्रॉसओवर, मिनीवैन, कार्गो वैन) और हल्के ट्रकों के साथ-साथ प्रमुख ऑटोमोबाइल पार्ट (इंजन, ट्रांसमिशन, पावरट्रेन पार्ट्स और इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट) पर लागू होगा। साथ ही यदि आवश्यक हो तो अतिरिक्त पार्टों पर शुल्क बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू भी होगी। व्हाइट हाउस के अनुसार अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौते (यूएसएमसीए) के तहत ऑटोमोबाइल आयातकों को यह अवसर दिया जाएगा कि वे अपनी अमेरिकी सामग्री को प्रमाणित करें। इसके साथ ही, 25 प्रतिशत टैरिफ केवल उन हिस्सों पर लागू होगा जो अमेरिका में नहीं बनाए गए हैं।
ऑटोमोबाइल पर वर्तमान अमेरिकी शुल्क आम तौर पर 2.5 प्रतिशत निर्धारित किया जाता है, जबकि हल्के ट्रकों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया जाता है। यूएसएमसीए के तहत मूल के नियमों को पूरा करने वाले वाहनों को इन शुल्क से छूट दी गई है। नवीनतम घोषणा के अनुसार, 25 प्रतिशत शुल्क मौजूदा शुल्कों के ऊपर जोड़ा जाएगा। ट्रम्प ने दावा किया कि ये शुल्क अमेरिकी उत्पादन को बढ़ावा देंगे, सरकार के लिए नई राजस्व उत्पन्न करेंगे, और राष्ट्रीय ऋण को कम करने में मदद करेंगे, लेकिन अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इन शुल्कों से कारों की कीमतें बढ़ जाएंगी और उपभोक्ताओं को नुकसान होगा, जो पहले ही ऊंची कीमतों का सामना कर रहे हैं।
पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स के नॉन-रेजिडेंट सीनियर फेलो गैरी क्लाइड हफबाउर ने शिन्हुआ को बताया कि यह ऑटो उद्योग के लिए एक बड़ा झटका है। फोर्ड और जीएम के शेयरों में भारी गिरावट आई है। ऑटो की उच्च लागत ने मांग को कम कर दिया है, खासकर तब जब उपभोक्ता आर्थिक रूप से कमजोर स्थिति में हैं। मुझे अमेरिकी ऑटो और पार्ट फर्मों में बड़ी संख्या में नौकरियां जाने की उम्मीद है।
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