ट्रंप का एक और बड़ा फैसला : अमेरिका में अब बंद होगा शिक्षा मंत्रालय, छात्रों का अब क्या होगा

स्थानीय सरकारों को सौंप दिया जाए

ट्रंप का एक और बड़ा फैसला : अमेरिका में अब बंद होगा शिक्षा मंत्रालय, छात्रों का अब क्या होगा

व्हाइट हाउस ने कहा है कि मंत्रालय अपने मुख्य कामों को बरकरार रखेगी। आदेश में कहा गया है कि शिक्षा का काम अब राज्यों और स्थानीय सरकारों को सौंप दिया जाए।

वाशिंगटन।  अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर साइन किए हैं, जिससे देश के शिक्षा मंत्रालय यानी डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन को बंद करने का रास्ता साफ हो गया है। राष्ट्रपति चुनाव के समय में ही ट्रंप ने इसे बंद करने का वादा किया था, जिसे अब उन्होंने पूरा कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप लंबे समय से कहते चले आ रहे हैं कि एजुकेशन डिपार्टमेंट देश का सबसे बेकार विभाग है और इसने लिबरल विचारधारा से लोगों के मन को गंदा किया है। हालांकि, शिक्षा मंत्रालय को बंद करना कांग्रेस के अधिनियम के बिना संभव नहीं है, जिसने 1979 में इस विभाग का गठन किया था। ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ने कहा कि वे ऐसा करने के लिए कानून लाएंगे, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता राष्ट्रपति के फैसले का विरोध करने के लिए तुरंत आगे आ गए हैं। यहां गौर करने वाली बात ये है कि व्हाइट हाउस ने कहा है कि मंत्रालय अपने मुख्य कामों को बरकरार रखेगी। आदेश में कहा गया है कि शिक्षा का काम अब राज्यों और स्थानीय सरकारों को सौंप दिया जाए।

क्या असर होगा?
शिक्षा मंत्रालय बंद होने से लाखों बच्चों को जरूरी सेवाओं से हाथ धोना पड़ सकता है। यूएसए टुडे के मुताबिक, 2.6 करोड़ बच्चे गरीबी में रह रहे हैं, जिसमें से 75 लाख विकलांग हैं और लाखों बच्चे सरकारी सहायता पर निर्भर हैं। मंत्रालय बंद होने के साथ इन सभी बच्चों पर बड़ा असर दिखेगा। मंत्रालय सभी को समान शिक्षा देने, नागरिक अधिकारों के कानूनों को लागू करने और भेदभाव को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके बंद होने के साथ हाशिए पर रहने वाले समुदाय की सुरक्षा कमजोर होगी। छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप और ग्रांट्स के आवंटन में देरी दिख सकती है।
मंत्रालय को बंद करने से दो प्रमुख फंडिंग प्रोग्राम में बाधा आ सकती है। इन प्रोग्राम के तहत विकलांग बच्चों और कम आय वाले परिवारों के छात्रों को 30 बिलियन डॉलर से अधिक की सहायता मिलती है। कांग्रेस द्वारा स्थापित ये प्रोग्राम कमजोर आबादी वाले स्कूलों को सहायता और संसाधन प्रदान करते हैं।  बिना मंत्रालय की निगरानी के इन फंडों के आवंटन और प्रबंधन में अनिश्चितता हो सकती है। मंत्रालय को खत्म करने से राज्यों के बीच असमानता बढ़ सकती है। अमीर राज्य अपनी शिक्षा व्यवस्था को बनाए रख सकते हैं या सुधार सकते हैं। गरीब राज्य सरकार की फंडिंग के समर्थन के बिना संघर्ष कर सकते हैं। इससे देश में शिक्षा का अंतर बढ़ सकता है।

क्या करता है मंत्रालय 
शिक्षा मंत्रालय अमेरिका में 1 लाख से ज्यादा सरकारी और 34 हजार से अधिक प्राइवेट स्कूलों की देखरेख करता है। हालांकि, ज्यादातर सरकारी स्कूलों को फंडिंग राज्य और स्थानीय सरकारों के जरिए मिलती है। मगर एक दम से मंत्रालय के बंद होने से अरबों डॉलर की सहायता में व्यवधान पड़ेगा, जो स्कूलों और कम आय वाले कॉलेज छात्रों को केंद्र यानी फेडरल सरकार के माध्यम से मिलती है। ये स्कूलों को फेडरल ग्रांट्स भी देता है, जिससे खास जरूरत वाले बच्चों को पढ़ाने वाले टीचर्स की सैलरी दी जा सके। विभाग लगभग 268 बिलियन डॉलर का बजट मैनेज करता है और इसमें लगभग 4,400 कर्मचारी कार्यरत हैं। इसकी मुख्य जिम्मेदारियों में शिक्षा के लिए फेडरल फाइनेंशियल एड यानी वित्तीय सहायता वितरित करना, अमेरिका के स्कूलों पर डेटा इकट्ठा करना, भेदभाव को रोकने वाले संघीय शिक्षा कानूनों को लागू करना और कांग्रेस के शिक्षा कानून को लागू करना शामिल है। फिलहाल इसके बंद होने से छात्रों को मिलने वाली वित्तीय सहायता पर ज्यादा असर होगा।

Tags: trump

Post Comment

Comment List

Latest News

क्रेडाई राजस्थान रियल एस्टेट एक्सपो-2025 : आरआईसी में होगा प्रदेश का सबसे बड़ा रियल एस्टेट एक्सपो, 45 से अधिक रियल एस्टेट कारोबारी लेंगे हिस्सा; 400 से अधिक प्रॉपर्टी होंगी डिस्प्ले क्रेडाई राजस्थान रियल एस्टेट एक्सपो-2025 : आरआईसी में होगा प्रदेश का सबसे बड़ा रियल एस्टेट एक्सपो, 45 से अधिक रियल एस्टेट कारोबारी लेंगे हिस्सा; 400 से अधिक प्रॉपर्टी होंगी डिस्प्ले
क्रेडाई राजस्थान (कॉन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) की ओर से 17 से 20 अप्रैल तक राजस्थान इंटरनेशनल...
भाजपा नेता योगेश रोहिला ने पत्नी सहित 3 बच्चों को मारी गोली, तीनों मासूमों की मौत 
प्रदेश भाजपा का होली मिलन समारोह : मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री सहित पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता हुए शामिल, भजनलाल ने कार्यकर्ताओं पर बरसाए फूल
जोधपुर शहर के समस्त फिल्टर हाउस से सभी क्षेत्रों में  25 मार्च को बन्द रहेगी जलापूर्ति
मेक इन इंडिया बना केवल प्रचार का माध्यम, एक दशक पहले सत्ता में आने के लिए मोदी ने किए थे लुभावने वादे : खड़गे
भजनलाल शर्मा ने की घोषणा : राजस्थान में खुलेंगे 50 नए प्राथमिक विद्यालय, शिक्षा विभाग ने जिलों से मांगे प्रस्ताव 
मारवाड़ी समाज भामाशाह के रूप में कर रहा समाज सेवा, मदन दिलावर ने की योगदान की सराहना