नाम बदलने में केंद्र सरकार माहिर : इसका कोई मुकाबला नहीं, जयराम रमेश ने कहा- महात्मा गांधी से भी इनको नफरत
महात्मा गांधी नाम से क्या दिक्कत है
अब गांधी शब्द हटाकर सरकार ने योजना का नाम बापू कर दिया है, जिससे स्पष्ट हो गया है कि सरकार को गांधी नाम से भी नफरत है।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने सरकार के महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना-मनरेगा का नाम बदलने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि पूरे देश को मालूम है कि नाम बदलने में केंद्र सरकार धुरंधर है, लेकिन अब यह भी साफ हो गया है कि उसे सिर्फ पंडित जवाहर लाल नेहरू से ही नहीं, बल्कि महात्मा गांधी नाम से भी नफरत है। कांग्रेस ने कहा कि महात्मा गांधी के नाम पर मनरेगा योजना चल रही थी और लंबे समय से इस योजना के तहत गांवों में लोगों को रोजगार मिल रहा है, लेकिन अब गांधी शब्द हटाकर सरकार ने योजना का नाम बापू कर दिया है, जिससे स्पष्ट हो गया है कि सरकार को गांधी नाम से भी नफरत है।
पार्टी संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में मनरेगा का नाम बदलने के निर्णय पर कहा कि योजनाओं के नाम, कानून के नाम बदलने में मोदी सरकार धुरंधर है, इसका कोई मुकाबला नहीं है। निर्मल भारत अभियान को स्वच्छ भारत अभियान बनाया, ग्रामीण एलपीजी वितरण कार्यक्रम को उज्ज्वला नाम दिया.) पैकेजिंग, ब्रांडिंग और नाम देने में ये धुरंधर है।
उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल से केंद्र सरकार को पहले से ही नफरत है, लेकिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से भी उनको नफरत है, यह अब दिख रहा है। उन्होंने कहा कि हैरानी इस बात की है कि पंडित नेहरू से तो इन्हें नफरत है, लेकिन महात्मा गांधी से इतनी नफरत, महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना 2005 से चल रही है। इसका नाम आप पूज्य बापू रोजगार गारंटी योजना कर रहे हैं, महात्मा गांधी नाम से क्या दिक्कत है।

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