जीएसटी के आतंक ने छीना लोगों का सुकून, मोदी सबसे बड़े कायर : खेड़ा
गरीब और मध्यम वर्ग 60 प्रतिशत टेक्स भरते हैं
कांग्रेस मीडिया विभाग चैयरमैन पवन खेड़ा ने गुरुवार को पीसीसी में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि देश में जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स के सरलीकरण की बजाय आतंक बना हुआ है
जयपुर। कांग्रेस मीडिया विभाग चैयरमैन पवन खेड़ा ने गुरुवार को पीसीसी में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि देश में जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स के सरलीकरण की बजाय आतंक बना हुआ है। जीएसटी को गलत तरीके से लागू करने से लोगों का सुकून छिन गया है। देश के किसानों पर जीएसटी लगाकर उनकी आमदनी बढ़ाने की जगह उनका शोषण शुरू कर दिया है। खेड़ा ने कहा कि गरीब और मध्यम वर्ग 60 प्रतिशत टेक्स भरते हैं और 3 प्रतिशत अमीर आदमी 10 प्रतिशत टैक्स भरते हैं। देश भर में जीएसटी का स्वरूप इतना बिगड़ गया है कि विदेशों के लोग भी भारत के जीएसटी पर चर्चा करते हैं और इसे भारत के लोगों के पक्ष में नहीं मानते। देश में जीएसटी में चोरी पर केंद्र सरकार कुछ नहीं बोलती। जीएसटी का पूरा नाम अब गब्बर सीतारमन टैक्स हो गया है। अमित शाह सब कुछ तो अडानी को दे रहे हैं तो झुग्गी झोपड़ी में खाना खाने से कुछ नहीं होने वाला है। राजस्थान में तो पर्ची सरकार के ऐसे हालात हैं कि मुझे तो यंहा के मुख्यमंत्री का नाम भी बार बार पूछना पड़ता है। कांग्रेस संगठन के कई राज्यों में कमजोर होने के सवाल पर कहा कि हमने कई राज्यों में पार्टी को मजबूत किया है। जल्दी ही देश भर में हम खाली पदों को भरकर संगठन को मजबूत करेंगे और बदलाव जल्दी नजर आएंगे। हमारी पार्टी में इतना लोकतंत्र है कि हम अपनी जिम्मेदारियों को निभाकर अपना काम करते हुए बदलाव कर रहे हैं।
जीएसटी मुद्दे पर जनता से जुड़ाव के मुद्दे पर कहा कि लोग हमारे साथ जुड़ रहे हैं। व्यापारियों के पास हमारे साथ चलिए, तो आपको पता चल जाएगा कि लोग अब भाजपा से दूरी बनाने लगे हैं। पहले कहते थे कि भाजपा बनियों की पार्टी है,लेकिन वैश्य समाज के लोग अब कांग्रेस की तरफ आशा भरी नजरों से देखने लगे हैं। आज जीएसटी इसलिए बड़ा मुद्दा है क्योंकि एक ही प्रोडक्ट पर 3 तरह के टैक्स लग रहे हैं। इंडिया गठबंधन पर कहा कि हर राज्य में अलग अलग परिस्तिथियों के अनुसार गठबंधन किया जाता है। हम राज्यों की इकाई के फीडबैक आधार पर गठबंधन तय करते हैं। सभी विपक्षी पार्टियां राजनीतिक परिस्थितियों के हिसाब से गठबंधन करती हैं। किसानों के आंदोलन पर कहा कि बेहद अजीब है कि देश की राजधानी के दरवाजे देश के अन्नदाता के लिए बंद है। युवाओं पर आवाज उठाने पर लाठीचार्ज किया जाता है। किसानों को अंदर घुसने नहीं दिया जाता। कांग्रेस आवाज उठाती है तो लोग आरोप लगाते हैं कि हम वोट के लिए आवाज उठा रहे हैं। भाजपा के सलाहकार ही उनको मरवा रहे हैं, बाकी तो टेली प्रोम्पटर बंद होने को दोष देना ही है। मोदी सरकार को अगर हम इस चुनाव में नहीं रोकते तो ये अंबेडकर को लेकर अपनी बरसों से रची जा रही साजिश में कामयाब हो जाते। संविधान को हम इनको बार बार याद दिला रहे है,वरना ये तो शपथ लेने के बाद भूल ही जाते हैं। ये संविधान का सम्मान नहीं करते। अंबेडकर पर ये केवल झूठ बोलते हैं। इतिहास तो ये पढ़ते नहीं है। पढ़े तो पता चले कि उनको किसने राज्यसभा में भेजा। ये सरकार कायरों और डरपोकों की सरकार है।
मोदी सबसे बड़े कायर हैं और बिना टेली प्रोम्पटर के कुछ नहीं बोल सकते। मीडिया के सवालों का सामना करने से कतराते हैं। प्रियंका गांधी पर बिधूड़ी की टिप्पणी पर कहा कि ये केवल बिधूड़ी की निंदा करने वाला मामला नहीं है। पूरे भाजपा नेताओं की मानसिकता का मुद्दा है। भाजपा के पास खुद का कोई नायक नहीं है। कभी हमसे सरदार पटेल को छीनते हैं तो कभी भगत सिंह, कभी अंबेडकर को छीनते हैं। संघ को लेकर कहा कि इनका मुखौटा और असली चेहरे अलग अलग है। इनका देश को बांटने और नफरत फैलाने का काम लगातार जारी है।
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