विपक्ष ने लगाया सरकार पर आरोप : किसानों-युवाओं का शोषण कर रही है सरकार, कहा- राज्यों के साथ भेदभाव एवं दमन करने वाला बजट
देश में बेरोजगारी की दर आठ प्रतिशत है
पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स के माध्यम से तीन लाख करोड़ रुपए की कमाई की है। इस पैसे का क्या इस्तेमाल हुआ, यह नहीं बताया है। देश में बेरोजगारी की दर आठ प्रतिशत है।
नई दिल्ली। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार का बजट राज्यों के साथ भेदभाव एवं दमन करने वाला और किसानों एवं युवाओं के शोषण को बढ़ावा देने वाला है, जबकि सत्ता पक्ष ने कहा कि सरकार वित्तीय अनुशासन एवं मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रखते हुए बुनियादी ढांचे के विकास के साथ भारत को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने की ओर अग्रसर है। लोकसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस की एस जोतमणि ने कहा कि सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स के माध्यम से तीन लाख करोड़ रुपए की कमाई की है। इस पैसे का क्या इस्तेमाल हुआ, यह नहीं बताया है। देश में बेरोजगारी की दर आठ प्रतिशत है।
हर सेकेंड एक युवा बेरोजगार हो रहा है। स्थिर रोजगार समाप्त हो रहे हैं। लोगों को ठेके पर कम वेतन में अधिक काम करने को मजबूर किया जा रहा है। कृषि विकास की बात कही जा रही है, पर किसान में कर्ज में डूबता जा रहा है। 26 लाख करोड़ रुपए का कर्ज कॉरपोरेट घरानों पर बकाया था उसे माफ कर दिया गया है, लेकिन किसानों के कर्ज के बारे में कोई चिंता नहीं है क्योंकि किसान चुनावी बॉण्ड नहीं खरीदता है। इसी प्रकार से छात्रवृत्तियों में 60 प्रतिशत अल्पसंख्यकों को बाहर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट वास्तव में राज्यों के साथ भेदभाव करने वाला और उनका दमन करने वाला एक रणनीतिक औजार है। यह देश का अमृत काल नहीं विघटन काल है।
शिवसेना के धैर्यशील संभाजीराव माने ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार जिस प्रकार से देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने एवं टैक्स प्रणाली को प्रबंधित कर रही है, उससे साफ है कि वह छत्रपति शिवाजी के शासन से प्रेरित हैं। इस बजट में करदाता को 12 लाख रुपए तक आय को कर मुक्त करके सम्मान दिया गया है और उन्हें विकसित भारत के साझीदार के रूप में देखा गया है। उन्होंने विपक्ष द्वारा जीएसटी को जजिया कर बताने पर नाराजगी जतायी और कहा कि कर्नाटक सरकार संविधान को जिस प्रकार से बदलने का काम कर रही है, उसे जजिया कर वाली मानसिकता कहते हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में कॉमेडियन कुणाल कामरा का नाम लिये बिना उसकी कॉमेडी की आलोचना की।
समाजवादी पार्टी (सपा) के लालजी वर्मा ने बजट में ग्रामीण विकास, लघु एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किये जाने का आरोप लगाया और कहा कि वित्त मंत्री की सोच कॉरपोरेट को समृद्ध करने से देश को मजबूत बनाने की है। जबकि इससे देश पर बाह्य ऋण 181 लाख करोड़ रुपए का हो गया है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय 80 रुपए प्रतिदिन की है,फिर भी उन पर टैक्स का भार बढ़ाया जा रहा है। देश की अर्थनीति में किसानों को केन्द्र में रखे जाने की जरूरत है।
कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार ने बजट में बुजुर्ग पेंशनरों में भेदभाव किया है। उन्होंने विभिन्न विभागों के व्यय योजना में कटौती किये जाने की आलोचना की। सपा की इकरा चौधरी ने देश में नौकरियों के अभाव का मुद्दा उठाया और कहा कि देश में आर्थिक असमानता बढ़ती जा रही है। सरकार बड़े-बड़े उद्योगपतियों को बढ़ावा दे रही है जबकि किसानों और गरीबों की हालत खराब हो रही है।
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