75 साल में बदली सूरत : 1949 में एक तिहाई राजस्थान में नहीं थी सड़कें, 3.17 लाख किमी सड़कों का बिछा जाल
26 जिलों में से 15 जिलों में सड़कें नहीं थी
निधि के तहत 2004-05 से वर्ष 2023-24 तक 14384.50 करोड़ की निधि प्राप्त की गई, इसमें से दिसंबर 2024 तक 16176.75 करोड़ का व्यय किया गया हैं।
जयपुर। राजस्थान 3.42 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ देश का सबसे बड़ा राज्य है। यह तुलनात्मक दृष्टि से कम आबादी का राज्य है। राज्य में 1949 में 13,553 कि.मी. सड़कें थी, जिनमें 794 किमी डामर और 2037 किमी सड़कें मैटल की बनी हुई थी, लेकिन आज राज्य में सड़कों की लंबाई 3,17,121 किमी हो गई हैं अर्थात् हर तरफ सड़कों का जाल बिछा हुआ हैं।
सड़कों का घनत्व 92.66 किमी प्रति 100 वर्ग किमी
राज्य में 31 मार्च 2024 तक कुल सड़कों की लंबाई 317121 किमी हो गई हैं, जिसमें से 2,56,148 किमी डामर, 8702 किमी मैटल, 40,736 किमी ग्रेवल सड़कें एवं 11,535 किमी मौसम सड़कें हैं। राज्य में सड़कों का घनत्व 92.66 किमी प्रति 100 वर्ग किमी हैं, जबकि राष्टÑीय घनत्व मोर्थ नई दिल्ली की बेसिक रोड स्टेटिक्स आॅफ इंडिया 2018-19 के अनुसार 165.24 वर्ग किमी हैं।
41 जिलों में से 15 जिले सड़कों से जुडे थे
राज्य में 1949 में सड़कों का घनत्व मात्र 3.96 किमी प्रति 100 वर्ग किमी था तथा एक लाख जनसंख्या पर मात्र 85.24 किमी सड़कें थी। यहां तक कि कई जिला मुख्यालय भी सड़कों से जुडेÞ हुए नहीं थे। राज्य के वर्तमान 41 जिलों में से केवल 15 जिले, 100 उपखण्डों में से 54 उपखंड व 339 तहसील मुख्यालयों में से 102 तहसील मुख्यालय ही सड़कों से जुडेÞ हुए थे।
सड़कों के लिए 20 साल से पेट्रोल-डीजल पर वसूल रहे सेस
राज्य में सड़क विकास के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने के उदेश्य से राजस्थान विधानसभा ने वर्ष 2004 में अधिनियम संख्या 13 के तहत राजस्थान सड़क विकास अधिनियम लागू किया था, जिसके तहत राज्य में पेट्रोल-डीजल पर सेस अधिरोपित किया गया। वर्तमान में 15 जनवरी 2016 से पेट्रोल पर एक रुपए 50 पैसे और डीजल पर एक रुपए 75 पैसा प्रति लीटर की दर से सेस संग्रहित किया जा रहा है। निधि के तहत 2004-05 से वर्ष 2023-24 तक 14384.50 करोड़ की निधि प्राप्त की गई, इसमें से दिसंबर 2024 तक 16176.75 करोड़ का व्यय किया गया हैं।
Comment List