30 जनवरी से गुप्त नवरात्र की शुरुआत, विशेष पूजा का महत्व
माघ मास में पड़ रहे गुप्त नवरात्र 7 फरवरी को संपन्न होंगे
30 जनवरी से गुप्त नवरात्र की शुरुआत हो रही है, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। गुप्त नवरात्र साल में दो बार, माघ और आषाढ़ माह में आते हैं
जयपुर। 30 जनवरी से गुप्त नवरात्र की शुरुआत हो रही है, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। गुप्त नवरात्र साल में दो बार, माघ और आषाढ़ माह में आते हैं। इसे विशेष रूप से साधना और तांत्रिक क्रियाओं के लिए शुभ माना जाता है। इस बार नवरात्र 8 दिनों तक रहेगा, जिसमें मां दुर्गा के रूपों की उपासना की जाती है। गुप्त नवरात्र का महत्व साधकों और भक्तों के लिए अत्यधिक है। ऐसा माना जाता है कि इन दिनों में की गई पूजा, हवन और साधना विशेष फलदायी होती है। लोग इन दिनों अपने घरों में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं।
क्या है अंतर
गुप्त नवरात्र और सामान्य नवरात्र में अंतर यह है कि सामान्य नवरात्र में पूजा सार्वजनिक रूप से होती है, जबकि गुप्त नवरात्र अधिक व्यक्तिगत और गुप्त साधनाओं के लिए समर्पित होता है। इन दिनों भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए मां दुर्गा की आराधना करते हैं। इस बार माघ मास में पड़ रहे गुप्त नवरात्र 7 फरवरी को संपन्न होंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्र में पूजा करना हर प्रकार के संकट और बाधाओं को दूर करता है।
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