Parks में गिरे पेड़ के पत्तों से तैयार किया जा रहा है जैविक खाद
निगम हेरिटेज ने तीन पार्कों से की शुरुआत
पूरी तरह से जैविक प्रक्रिया अपनाने के कारण इस खाद में बाजार की खाद के मुकाबले ज्यादा मिनरल्स होते है, जिससे कि भूमि की उर्वरा शक्ति ज्यादा होती है और पौधे आसानी से जल्द पनप पाते हैं।
जयपुर। पार्को में पौधों को जैविक खाद उपलब्ध कराने के लिए नगर निगम जयपुर हेरिटेज ने पेड़ों से गिरने वाले पत्तों का उपयोग जैविक खाद बनाने में किया जा रहा है। इसके लिए तीन पार्को से इसकी शुरूआत कर दी है और जल्द ही सभी पार्को में इसकी शुरूआत की जाएगी। जैबिक खाद उपलब्ध होने पर मानसून में होने वाले पौधारोपण में इसका फायदा मिलेगा।
तीन पार्कों में चल रहा खाद बनाने का काम
उद्यान उपायुक्त सरोज ढाका ने बताया कि आदर्श नगर के शहीद भगतसिंह पार्क, कल्पना चावला पार्क और शास्त्री नगर में राजस्थान पुलिस अकादमी स्थित पार्क में जैविक खाद तैयार की जा रही है। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाएं पूरी प्रक्रिया से खाद तैयार कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक पार्क में दस-दस महिलाओं का समूह काम कर रहा है। तीनों पार्को में अब तक करीब 2 टन के करीब खाद तैयार की जा चुकी है। निगम की ओर से जल्द ही इसे बिक्री के लिए उपलब्ध कराएगा।
बाजार की खाद की तुलना में ज्यादा मिनरल्स
ढाका ने बताया कि महिलाएं पार्को में गिरी हुई पेड़ की पत्तियों को इकठा करती है। इनके अलावा पास के ही अन्य छोटे पार्क से भी पत्तियां लाती है। पत्तियों में से प्लास्टिक या अन्य कचरा बाहर किया जाता है। इसके बाद शेडर मशीन से जैविक प्रक्रिया से इसे तैयार किया जाता है। उन्होंने बताया कि खाद बनाने में केमिकल की जगह दही, बेसन आदि विधि अनुसार मिलाया जाता है। इसके बाद तेज धूप में सुखाया जाता है, फिर दुबारा छानकर पैकिंग कराई जाती है। खाद को बनाने में करीब 25 से 25 दिन का समय लगता है। पूरी तरह से जैविक प्रक्रिया अपनाने के कारण इस खाद में बाजार की खाद के मुकाबले ज्यादा मिनरल्स होते है, जिससे कि भूमि की उर्वरा शक्ति ज्यादा होती है और पौधे आसानी से जल्द पनप पाते हैं।
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