जैविक खाद तो नहीं बनी, कबाड़ का लग गया अम्बार

कोटा दक्षिण निगम के अतिक्रमण आॅफिस का रास्ता भी अटा

जैविक खाद तो नहीं बनी, कबाड़ का लग गया अम्बार

चम्बल गार्डन से पुराने कैंटीन हॉल मार्ग का है यह हाल।

कोटा। नगर निगम अधिकारियों की प्रयोगशाला बन गया है। अधिकारी आते हैं। लाखों रुपया अपनी योजनाओं पर खर्च कर देते हैं। लेकिन उनके चले जाने के बाद यह योजनाएं ढाक का तीन पात हो जाती हैं और जनता की गाड़ी कमाई का करोडों रुपया खर्च हो जाता है। ऐसा ही आर्गेनिक खाद बनाने के मामले में हुआ। दक्षिण की ओर से पूर्व में जिस जगह पर पत्तों से जैविक खाद बनाने की जगह बनाई गई थी। उस जगह पर वर्तमान में गार्डन का कचरा और कबाड़ का अम्बार लगा हुआ है। जिससे उस रास्ते से होकर निकलना अजीब सा लगता है। यह हालत है चम्बल गार्डन के पुराने कैंटीन हॉल की तरफ जाने वाले रास्ते का। पुराने कैटीन हॉल के बंद होने पर वह लम्बे समय तक बदहाल पड़ा हुआ था। लेकिन नगर निगम कोटा दक्षिण की तत्कालीन आयुक्त कीर्ति राठौड़ ने उस जगह को सही करवाया था। जहां कोटा दक्षिण निगम का अतिक्रमण कार्यालय शुरु किया। वहीं चम्बल गार्डन की तरफ बने निगम के स्टोर के पास और कैंटीन हॉल की तरफ जाने वाले रास्ते में पूर्व में गार्डन से निकले पत्तों का ढेर लगा हुआ था। उस ढेर को खत्म करने व उसका उपयोग जैविक खाद बनाने के लिए किया गया था। 

तत्कालीन आयुक्त ने शुरु की थी खाद बनाने की व्यवस्था
तत्कालीन आयुक्त के निर्देश पर निगम की गार्डन लेबर से वहां बड़ा गड्ढ़ा खुदवाकर उसमें पत्तों का ढेर, मिट्टी व पानी डालकर उससे खाद बनाने का काम शुरु किया था। कई दिन की प्रक्रिया के बाद उन पत्तों से खाद बनकर तैयार होने पर उसका गार्डन में ही पेड़ पौधों में उपयोग किया जा रहा था।  लेकिन वर्तमान में हालत यह है कि स्टोर की तरफ से पुराने कैंटीन हॉल की तरफ जाने वाले रास्ते में पहले जहां खाद बनाई जा रही थी। वहां इतने अधिक पत्ते व अन्य सामान के साथ ही अतिक्रमण निरोधक दस्ते द्वारा जब्त कर लाया गया सामान भी पटका हुआ है। जिससे खाद वाली जगह तो खत्म हो गई है। वहां पत्तों व कचरे का अम्बार लगा हुआ है। 

रोजाना निकल रहे पत्तों का है ढेर
नगर निगम कर्मचारियों का कहना है कि पत्तों से जैविक खाद बनाने के लिए केचुए वाली खाद के पास ही नई जगह बना दी है। इन पत्तों का उपयोग भी खाद के लिए ही किया जाना है। गार्डन से रोजाना बड़ी संख्या में निकल रहे पत्तों को यहां लाकर डालने से ढेर अधिक नजर आ रहा है। वहीं अतिक्रमण का कार्यालय यहीं होने से अतिक्रमण हटाने के दौरान जब्त किए गए सामान भी यहीं रखे जा रहे है। 

झूला जोन व वंडर पार्क की तरफ से दिख रहा दृश्य
इतना ही नहीं उस जगह से होकर निगम के अतिक्रमण निरोेधक दस्ता कार्यालय में जाने का रास्ता है। जिससे अधिकारी व कर्मचारियों को उस जगह से होकर निकलना पड़ रहा है। इतना ही नहीं जिस जगह पर इस तरह का दृश्य बन रहा है। वह पास की चम्बल गार्डन के झूला जोन से साफ नजर आ रहा है। गार्डन की चार दीवारी यहां से टूटी हुई है। ऐसे में गार्डन में झूला झूलने आने वाले और उस झूला जोन के पास ही निगम ने वेस्ट टू वंडर पार्क बनाया हुआ है। उस वनडर पार्क में आने वाले भी जब सामने की कबाड़ का अम्बार देख रहे हैं तो उन्हें एक तरफ तो अच्छा दृश्य दिखाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ उसके सामने ही ऐसा दृश्य देखना पड़ रहा है जहां कबाड़ के पहाड़ नजर आ रहे है। इसी यगह पर पूर्व में लाखों रुपए में क्रय किए गए हाथ ठेला रिक् शे भी पड़े-पड़े अनुपयोगी हो गए हैं। वे भी उसी जगह पर रखे हुए हैं। हालांकि नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते में शामिल> कर्मचारियों को भी रोजाना उस कबाड़ वाले रास्ते से जाना पड़ रहा है लेकिन अधिकारियों के डर के कारण कोई भी इस बारे में बोलने को तैयार नहीं है। 

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