इंतजार और अभी : खेल दिवस पर भी खाली हाथ रह गए खिलाड़ी और कोच, उम्मीदें जगाकर भी नहीं हो सकी महाराणा प्रताप और गुरु वशिष्ठ अवार्ड की घोषणा
वशिष्ठ अवार्ड की कतार में है
अपरिहार्य कारणों से आज घोषणा संभव नहीं हो सकी। जल्द ही पुरस्कारों की घोषणा की जाएगी और समारोह आयोजित कर खिलाड़ियों व कोचों का सम्मान किया जाएगा।
जयपुर। मेजर ध्यानचन्द के जन्म दिन राष्ट्रीय खेल दिवस पर राजस्थान खेल परिषद द्वारा प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित महाराणा प्रताप और गुरु वशिष्ठ अवार्ड देने की घोषणा की गई थी। इसके लिए कई महीनों से तैयारियां भी चल रही थीं। लेकिन शुक्रवार को पुरस्कारों की घोषणा भी नहीं हो सकी। सात साल से सम्मान का इंतजार कर रहे खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को एक बार फिर मायूसी हाथ लगी। इस संबंध में खेल परिषद के सचिव राजेन्द्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि हमने पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन कुछ अपरिहार्य कारणों से आज घोषणा संभव नहीं हो सकी। जल्द ही पुरस्कारों की घोषणा की जाएगी और समारोह आयोजित कर खिलाड़ियों व कोचों का सम्मान किया जाएगा।
सात साल से अटका सम्मान
प्रदेश में महाराणा प्रताप और गुरु वशिष्ठ अवार्ड आखिरी बार 2017-18 में दिए गए थे। उसके बाद से अब तक कुल 481 खिलाड़ी और कोच इन पुरस्कारों के लिए आवेदन कर चुके हैं। इनमें 334 खिलाड़ी महाराणा प्रताप पुरस्कार के दावेदार हैं, जबकि 147 प्रशिक्षक गुरु वशिष्ठ अवार्ड की कतार में हैं।
दो दिन चली चयन बैठक
पुरस्कारों के लिए अलग-अलग चयन समितियों का गठन किया गया था। दो दिन तक चली लंबी बैठकों के बाद सूचियों को अंतिम रूप दिए जाने का दावा किया गया, लेकिन ऐलान आखिरी समय पर रोक दिया गया। परिषद ने इसके पीछे कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया। इसी को लेकर खेलजगत में चुटकियां भी ली गईं कि कहीं एसआई भर्ती जैसी स्थिति न हो जाए।
एक साथ 70 को मिलना है सम्मान
नियम के अनुसार हर साल 5 खिलाड़ी महाराणा प्रताप और 5 प्रशिक्षक गुरु वशिष्ठ अवार्ड के लिए चुने जाते हैं। इस हिसाब से अब एक साथ 35 खिलाड़ी और इतने ही प्रशिक्षक सम्मानित किए जाएंगे। परिषद सूत्रों के मुताबिक फिलहाल न तो सम्मान स्वरूप दी जाने वाली प्रतिमाएं तैयार हैं, और न ही चयनित खिलाड़ियों के लिए प्रशस्ति पत्र और ब्लेजर बन पाए हैं।

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