असर खबर का - कोटा वन मंडल ने स्वर्ण अक्षरों में लिखवाया वन कर्मचारियों का नाम
अच्छा काम करने वाले वन कर्मचारियों को वन मंडल दे रहा सम्मान
नवज्योति ने अच्छा काम करने पर प्रोत्साहन राशि के रूप में कर्मचारियों सम्मान दिए जाने की आवाज उठाई थी।
कोटा। कोटा वन मंडल की ओर से बेस्ट परफोर्मेंस देने वाले कर्मचारियों का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखवाया जा रहा है। इसके लिए विभाग ने बेस्ट परफोर्मेंस ऑफ द मंथ शुरू किया है। जिसके तहत अपनी बीट में अच्छा काम करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे कर्मचारियों में उत्साह बढ़ रहा है, जिसका सकारात्मक असर कर्मचारियों की कार्यशैली में देखने को मिल रहा है। दरअसल, दैनिक नवज्योति ने वन विभाग में कर्मचारियों का काम इन्सेंटिव बेस्ड किए जाने का मुद्दा उठाया था। इसको लेकर गत 19 जनवरी को इन्सेंटिव बेस्ड हो काम तो जंगल बने घर, हर वनकर्मी बने रक्षक शीर्षक से खबर प्रकाशित कर वन अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया था। इस पर कोटा वन मंडल ने नवाचार करते हुए अपने कार्यालय में बेस्ट फरफोर्मेंस ऑफ द मंथ स्कीम शुरू की है।
200 प्रतिशत बढ़ा राजस्व
कोटा वन मंडल के डीएफओ तरुण मेहरा ने बताया कि दो माह के अतिरिक्त चार्ज में इस प्रयास से वनकर्मियों में काम के प्रति जोश और जूनून बढ़ा। उनमें आत्मविश्वास का संचार बढ़ा। जिसका सकारात्मक फायद यह हुआ कि प्रतिमाह के वन राजस्व में 200 प्रतिशत बूम आ गया। फील्ड स्टाफ में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। कार्यशैली में गुणात्मक सुधार देखने को मिल रहा है। अच्छा काम करने वाले कर्मचारियों का नाम उप वन संरक्षक के चैम्बर में लगे बोर्ड पर स्वर्ण अक्षरों में लिखाया जा रहा है, जो एक माह तक लगे रहेंगे। हर महीने कर्मचारियों की परफॉर्मेंस की रैंकिंग जारी कर बेस्ट परफोर्मेंस का खिताब दिया जाता रहा है। इससे कर्मचारियों में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी है। काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारी उत्साह से लबरेज नजर आ रहे हैं। इस नवाचार का विभाग में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है।
मनोबल बढ़ेगा, पारिस्थितिकी तंत्र सुधरेगा
नवज्योति ने अच्छा काम करने पर प्रोत्साहन राशि के रूप में कर्मचारियों सम्मान दिए जाने की आवाज उठाई थी। इन्सेंटिव बेस्ड वर्किंग से वनकर्मियों का जोश दोगुना बढ़ेगा। हर महीने कार्य मूल्यांकन के आधार पर रैंकिंग जारी कर लक्ष्य की प्राप्ती करने वाले कर्मचारियों को सार्वजनिक मंच पर सम्मानित किए जाने पर उनमें प्रतिस्पर्दा की भावना बढ़ेगी और अपनी बीट में बेहतर से बेहतर कार्य करने को प्रेरित होंगे। वहीं, पारिस्तिकी तंत्र मजबूत होने से जंगल में खुशहाली आएगी और वन्यजीवों की संख्या में इजाफा होगा। साथ ही कर्मचारियों में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगेगी। इसके लिए वे नवाचार अपनाएंगे और वनक्षेत्र को सुरक्षित करेंगे। माफियाओं के चंगुल से जंगल बचेगा और देश के मानचित्र पर सेंचूरी का नाम प्रदर्शित होगा।

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