आधिपत्यवादी सोच न थोपे अमेरिका, चीन ने कहा- संबंधों को शीत युद्ध की पुरानी मानसिकता से न देखे
गैर-जिम्मेदाराना और पक्षपाती रिपोर्ट जारी करता है
आरोप लगाया कि अमेरिका इन रिपोर्ट का इस्तेमाल बड़े देशों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने, चीन को दबाने और अपने वैश्विक वर्चस्व को बनाए रखने के लिए करता है।
बीजिंग। चीन ने अमेरिका से अपनी आधिपत्यवादी सोच को उस पर न थोपने का आग्रह किया है और कहा कि चीन-अमेरिका संबंधों को शीत युद्ध की पुरानी मानसिकता से न देखे। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने बीजिंग में अमेरिका की एक रिपोर्ट में चीन को अपने शीर्ष सैन्य और साइबर खतरे के रूप में बताए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने हुए ये बातें कहीं। उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका हर साल इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना और पक्षपाती रिपोर्ट जारी करता है, जिससे चीन खतरा जैसी धारणाएं फैलाई जाती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका इन रिपोर्ट का इस्तेमाल बड़े देशों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने, चीन को दबाने और अपने वैश्विक वर्चस्व को बनाए रखने के लिए करता है।
चीन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि ताइवान मुद्दा पूरी तरह से उसका आंतरिक मामला है और इस पर किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रवक्ता ने कहा कि चीन 'ताइवान स्वतंत्रता का विरोध करने और अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश इसे हल्के में न ले या गलत अनुमान न लगाए। जियाकुन ने अमेरिका से आग्रह किया कि वह अपनी आधिपत्यवादी सोच को चीन पर न थोपे और चीन-अमेरिका संबंधों को शीत युद्ध की पुरानी मानसिकता से न देखे। उन्होंने कहा कि रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के नाम पर चीन को रोकने और दबाने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।
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