तुर्बत शहर पर कब्जा, हाईवे पर नियंत्रण, रात की यात्रा पर प्रतिबंध : बीआरएएस के 72 हमलों से थर्राया बलूचिस्तान, आजादी के लिए भीषण जंग
कराची समेत कई इलाकों में बलूचों का ऑपरेशन
बलूचिस्तान में आजादी के लिए भीषण जंग छिड़ चुकी है। बलूचिस्तान की आजादी के लिए जंग लड़ने वाले एक और समूह बलूच राजी आजोई संगर ने बलूचिस्तान में एक साथ 72 कॉर्डिनेटेड हमलों की जिम्मेदारी ली है
इस्लामाबाद। बलूचिस्तान में आजादी के लिए भीषण जंग छिड़ चुकी है। बलूचिस्तान की आजादी के लिए जंग लड़ने वाले एक और समूह बलूच राजी आजोई संगर ने बलूचिस्तान में एक साथ 72 कॉर्डिनेटेड हमलों की जिम्मेदारी ली है। बीआरएएस ने कहा है कि इसी दिन साल 1948 में पाकिस्तान ने बलूचिस्तान पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया था और बलूचिस्तान को अपना हिस्सा बना लिया था। बीआरएएस के प्रवक्ता बलूच खान की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि उसने पाकिस्तान की सेना, सुरक्षा जवानों, पुलिस चौकियों, सरकारी दफ्तरों, खुफिया एजेंसियों और आर्थिक संपत्तियों को निशाना बनाकर 72 हमले किए हैं।
बीआरएएस ने कहा है कि उसके हमलों में कम से कम 32 पाकिस्तानी सेना के जवान मारे गए हैं, जबकि 40 से ज्यादा जवान घायल हुए हैं। बीआरएएस ने इसके अलावा पाकिस्तानी सेना के 14 गाड़ियों को नष्ट करने की भी बात कही है। बीआरएएस के प्रवक्ता ने कहा है कि सूमह ने बलूचिस्तान के 30 से ज्यादा प्रमुख स्थानों पर नेशनल हाईवे पर कब्जा कर लिया है। तुर्बत पर पहले ही बलूच विद्रोहियों ने कब्जा कर रखा है और क्वेटा से कराची जाने वाले रास्ते पर भी अब बलूच विद्रोहियों का नियंत्रण है।
बलूचिस्तान में बलूच विद्रोहियों के हमले
बलूचिस्तान की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीआरएएस के लड़ाकों ने पासनी और ओरमारा के बीच तटीय राजमार्ग को दो घंटे तक ब्लॉक करके रखा और इस दौरान पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यात्रा कर रहे पाकिस्तानी सेना के 6 जवानों को गाड़ी से उतारकर गोली मारकर हत्या कर दी। इसके अलावा एलपीजी गैस ले जा रहे एक गैस टैंकर को भी आग के हवाले कर दिया गया। ग्वादर शहर के पाडी जीर क्षेत्र में एक अन्य हमले में एक सैन्य वाहन को आईईडी से टक्कर मार दी गई, जिसमें पांच सैनिक मारे गए और दो अन्य घायल हो गए। इसके अलावा तुर्बत में बीआरएएस लड़ाकों ने एक सैन्य खुफिया कार्यालय पर भीषण हमला किया। वहीं तुर्बत में ही एक हेलीपैड पर रॉकेट दागे और गोरखॉप सोरडी में एक सेना शिविर पर हमला किया गया। इसी तरह के सशस्त्र टकराव कोलवाह में हुए, जहां लड़ाकों ने रॉकेट लांचर और भारी तोपखाने का इस्तेमाल किया है, जिसमें पाकिस्तानी सेना के कई जवानों के मारे जाने की रिपोर्ट सामने आई है।
द बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीआरएएस ने इसके अलावा खारन-क्वेटा, क्वेटा-ताफ्तान और क्वेटा-कराची नेशनल हाईवे की नाकाबंदी कर दी है। इन नेशनल हाईवे पर बलूच विद्रोहियों का नियंत्रण है और गाड़ियों की कड़ी जांच के बाद ही उन्हें गुजरने दिया जाता है। इसके अलावा गाड़ियों में अगर पंजाब प्रांत के लोग मिलते हैं, तो उन्हें या तो पकड़ लिया जाता है या फिर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी जाती है।
कराची समेत कई इलाकों में बलूचों का ऑपरेशन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमलों की लहर बलूचिस्तान से आगे तक फैल चुकी है और बीआरएएस ने कराची, हब सिटी और रहीम यार खान में पुलिस स्टेशनों पर ग्रेनेड हमलों की जिम्मेदारी ली है। इसके अलावा बीआरएएस ने नोशकी में अपने एक प्रमुख लड़ाके जहानजेब मेंगल उर्फ बालाच जाम के मारे जाने की पुष्टि की है। समूह का दावा है कि मेंगल ने पाकिस्तानी सेना के साथ तीन घंटे तक संघर्ष किया, जिसमें घायल होने से पहले उसने आठ सैनिकों को मार गिराया। बीआरएएस के प्रवक्ता ने मेंगल को बलूच लिबरेशन आर्मी के स्पेशल स्ट्रैटजिक ऑपरेशन का एक मुख्य लड़ाका बताया और कहा कि उन्होंने पिछले अभियानों में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दूसरी तरफ बलूचिस्तान सरकार ने प्रांत में नेशनल हाईवे पर रात के वक्त यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। जियो टीवी के मुताबिक यह जानकारी कई संबंधित डिप्टी कमिश्नरों (डीसी) ने जारी की है। कच्छी, झोब, ग्वादर, नुश्की और मुसाखाइल के डीसी की तरफ से यात्रा प्रतिबंध जारी किए गए हैं।
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