मछलियों के पम्प के इंपैलर में फंसने का खतरा: बीछवाल जलाशय से मछलियों को स्थाई रूप से हटाने का काम शुरू
पंजाब से बुलाई विशेषज्ञों की टीम, मछलियां निकालने में लगी नावें और फ्रिजर वाले वाहन
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के बीछवाल स्थित जलाशय से मछलियों को स्थायी रूप से हटाने का काम बुधवार से शुरू कर दिया गया है। कारण बताया गया है कि जलाशय में मछलियां होने की स्थिति में इसमें बचे हुए कम पानी का उपयोग भी संभव नहीं है। तकनीकी विशेषाज्ञों के अनुसार जलाशय में कम पानी रहने के दौरान मछलियों के पम्प के इंपैलर में भी फंसने का खतरा होता है।
बीकानेर। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के बीछवाल स्थित जलाशय से मछलियों को स्थायी रूप से हटाने का काम बुधवार से शुरू कर दिया गया है। कारण बताया गया है कि जलाशय में मछलियां होने की स्थिति में इसमें बचे हुए कम पानी का उपयोग भी संभव नहीं है। तकनीकी विशेषाज्ञों के अनुसार जलाशय में कम पानी रहने के दौरान मछलियों के पम्प के इंपैलर में भी फंसने का खतरा होता है। मशीनरी के खराब होने का भी डर रहता है। संभागीय आयुक्त डॉ नीरज के पवन ने अपनी मौजूदगी में बुधवार को जलाशय से मछलियां निकलवाने का काम शुरू करवाया। उन्होंने जलाशय का निरीक्षण किया और पानी की उपलब्धता के बारे में जाना।
संभागीय आयुक्त ने बताया कि बीछवाल जलाशय का निर्माण 1994 में हुआ। इसके माध्यम से शहरी क्षेत्र में पेयजल वितरण किया जाता है। वर्तमान में बीछवाल जलाशय में बड़ी संख्या में मछलियां हैं। जलाशय में पानी का लेवल कम होने के कारण इन मछलियों के लिए ऑक्सीजन कम हो जाती है। इससे मछलियों के जीवन पर भी खतरा हो जाता है। उन्होंने बताया कि इसके मद्देनजर जलाशय निर्माण के बाद पहली बार यहां से मछलियां निकलवाने का कार्य प्रारम्भ किया गया है। इस कार्य के लिए पंजाब से विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है तथा मछलियां निकालने के लिए नावों और फ्रिजर वाले वाहनों की व्यवस्था भी की गई है। यह कार्य अतिशीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही जलाशय की साफ सफाई का कार्य भी हो जाएगा। जिससे जलाशय में निचले स्तर का पानी भी आपूर्ति के लिए उपयोग में आ सकेगा। इस दौरान जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता अजय कुमार शर्मा और अधीक्षण अभियंता बलवीर सिंह मौजूद रहे।
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