जेल के बंदियों का ऑर्केस्टा बैण्ड अब बाहर भी सुनाई देगा 

अधिकारियों के निर्देशन में ले रहे है विशेष प्रशिक्षण, सभी तरह के समारोह में बन्दी दिखाएगे अपनी कला का प्रदर्शन  

जेल के बंदियों का ऑर्केस्टा बैण्ड अब बाहर भी सुनाई देगा 

अजमेर। सेन्ट्रल जेल के बन्दियों का ऑर्किस्टा अब जेल के बाहर भी लोगों को सुनाई देगा। जेल प्रशासन बंदियों में ऑर्किस्टा बैण्ड के माध्यम से एक नई ऊर्जा का संचार कर रहा है। जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल की अनूठी पहल, नवाचार एवं उनके प्रयासों से अजमेर सेन्ट्रल जेल में आशाऐं बंदी ऑर्केस्ट्रा बैण्ड का शुभारम्भ किया गया है।

 अजमेर। सेन्ट्रल जेल के बन्दियों का ऑर्किस्टा अब जेल के बाहर भी लोगों को सुनाई देगा। जेल प्रशासन बंदियों में ऑर्किस्टा बैण्ड के माध्यम से एक नई ऊर्जा का संचार कर रहा है। जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल की अनूठी पहल, नवाचार एवं उनके प्रयासों से अजमेर सेन्ट्रल जेल में आशाऐं बंदी ऑर्केस्ट्रा बैण्ड का शुभारम्भ किया गया है।

आशाऐं ऑर्केस्ट्रा बैण्ड के लिए अधीक्षक मालीवाल के अथक प्रयासों के द्वारा मुख्यमंत्री जिला नवाचार निधि 2021 योजना के अन्तर्गत जिला परिषद अजमेर से संगीत उपकरण प्राप्त किए गए। इसमें पियानो, गिटार, आॅक्टोपेड, कोन्गो, ढोलक, तबला, ड्रम, काजोन एवं सिगंर की-बोर्ड सम्मिलित है। इसमें प्रशिक्षित संगीतज्ञ रवजीत सिंह द्वारा सजा प्राप्त व विचाराधीन बंदियों को प्रतिदिन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें पियानो पर गौरव, गिटार पर नयन, आॅक्टोपेड पर ब्रजमोहन, कोन्गो पर राजू, ढोलक पर शिवराज, तबला पर रणजीत, ड्रम पर ईश्वर आदि बंदियों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया जा रहा है।

बंदियों में सकारात्मक सोच लाना 

अधीक्षक मालीवाल ने बताया कि आशाऐं ऑर्केस्ट्रा बैण्ड प्रशिक्षण की यह पहल जेल में निरूद्ध बंदियों की सांस्कृतिक प्रतिभा को निखारने, जीवन में नवीनता लाने, स्वनियोजित करने के लिए एवं बंदियों को नकारात्मकता के भाव से निकालकर सकारात्मक सोच की ओर उन्मुख करने व जेल में अन्य बंदियों के प्रेरणास्त्रोत के लिए यह आशाऐं ऑर्केस्ट्रा बैण्ड एक सेतु के रूप में कार्य करेगी। इस आशाऐं ऑर्केस्ट्रा बैण्ड में प्रशिक्षु बंदी केवल जेल में ही नहीं अपितु जेल के बाहर भी अपनी धुनों, गीतों तथा साजों के माध्यम से समाज के व्यक्तियों की बंदियों के प्रति नकारात्मक सोच को बदलकर पुन: अपने साथ समाज में पुर्नस्थापित करने की दिशा में एक ठोस कदम होगा। ऑकेस्ट्रा बंदी बैण्ड वर्तमान अधीक्षक का बीजांकुर है, जिन्होंने सेन्ट्रल जेल कोटा के पदस्थापन के दौरान भी इस बैण्ड का प्रारंभ व संचालन सफलतापूर्वक किया।

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कलक्टर ने वित्तीय स्वीकृति दी 

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जिला कलक्टर अंशदीप ने इस ऑकेस्ट्रा बैण्ड को बंदियों में सकारात्मक परिवर्तन के रूप में मानते हुए इसे मुख्यमंत्री नवाचार निधि से नवाचार के रूप में सृजन की तत्काल ही वित्तीय स्वीकृति प्रदान की। इसी का परिणाम है कि आज यह केन्द्रीय कारागृह अजमेर बंदियों का ऑर्केस्ट्रा बैण्ड मूर्त रूप ले चुका है।

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समारोह के लिए बुक हो सकेगा बैण्ड 

राजस्थान के इस बंदी ऑकेस्ट्रा बैण्ड की विशेषता यह है कि यह अपनी प्रस्तुति शहर के प्रोग्राम में भी दे सकता है। यह बैण्ड आम आदमी की पहुँच में है। इसकी बुकिंग के लिए जेल के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। किसी भी प्रकार के सामाजिक कार्यक्रम, शादी समारोह, जन्मदिन में इसकी बुकिंग करवाई जा सकती है। बंदी बैण्ड को प्रारंभ करने के पीछे उद्देश्य बंदियों को रोजगार का नवीन माध्यम प्रदान करना है। बैण्ड में कार्यरत बंदियों को बुकिंग से प्राप्त राशि का 50 प्रतिशत सीधा उनके बैंक अकाउण्ट के माध्यम से भुगतान किया जाता है। यह उनके रोजगार का साधन है।

संगीत थैरेपी का काम करता है 

जेल अधीक्षक मालीवाल संगीत को एक थैरेपी मानती है। वाद्य यंत्रों से जुड़ना सरस्वती की साक्षात पूजा हैं। यह व्यक्ति के हृदय में आमूल-चूल परिवर्तन करती है। धुनें बजाना, वाद्य यंत्रों पर अपनी ऊंगलियोें के कमाल से सुर निकालना व्यक्ति को अपनी आत्मा से जोड़ता है। वहीं संगीत सुनना भी व्यक्ति को मानसिक, आध्यात्मिक संतोष एवं सुख प्रदान करता है।

अपराधियों की मानसिकता में होगा सुधार 

इस आॅर्केस्ट्रा बैण्ड को तैयार करने में उपकारापाल धारासिंह एवं मुख्य प्रहरी रेशम का बड़ा योगदान है। कुछ ही दिनों में यह बंदी आॅर्केस्ट्रा बैण्ड शहर में अपना जादू बिखेरने वाला है। जेल की सलाखों के पीछे गूंजने वाला यह संगीत अपराधियों की मानसिक वृत्ति में सुधार करने का उचित, सकारात्मक तथा सफल माध्यम है।

21 बन्दी ले रहे ट्रेनिंग 

वर्तमान जेल महानिदेशक भूपेन्द्र कुमार दक के निर्देशन में यह बंदी बैण्ड़ तैयार किया गया है। राजस्थान में बंदी बैण्ड नियमों के तहत यह संचालित किया जा रहा है। इसमें विचारधीन बंदी भी भाग ले सकते है। इस बैण्ड में अभी 21 बंदी ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे है। बंदी गौरव व बृजमोहन का विशेष योगदान है। बंदी गौरव संगीत में विशरद की उपाधि हासिल कर चूके हैं।

 

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