कॉलेज एडमिशन अलर्ट : हजारों छात्र प्रवेश से रह जाएंगे महरूम

इस बार आर्टस और साइंस में रहेगी मारामारी,फर्स्ट डिवीजन को भी मौका मिलना मुश्किल, साइंस में 4 हजार बच्चों पर 1 हजार सीट , साइंस में 2 हजार से ज्यादा छात्रों के टूट गए थे सपने

कॉलेज एडमिशन अलर्ट : हजारों छात्र प्रवेश से रह जाएंगे महरूम

इस बार शहर के राजकीय महाविद्यालयों में प्रवेश पाना आसान नहीं होगा। क्योंकि, आटर्स, साइंस व कॉमर्स के परिणाम में आए जबरदस्त उछाल से कटआॅफ का लेवल बढ़ना तय है। हालांकि इस बार का परिणाम गत वर्ष के मुकाबले 2 प्रतिशत कम रहा है।

कोटा । राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित 12वीं के तीनों संकायों का ओवरऑल परिणाम 96 प्रतिशत रहा। वहीं, 70 प्रतिशत अंकों के साथ पास होने वाले स्टूडेंट्स अब कॉलेजों में एडमिशन की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन, इस बार शहर के राजकीय महाविद्यालयों में प्रवेश पाना आसान नहीं होगा। क्योंकि, आटर्स, साइंस व कॉमर्स के परिणाम में आए जबरदस्त उछाल से कटआॅफ का लेवल बढ़ना तय है। हालांकि इस बार का परिणाम गत वर्ष के मुकाबले 2 प्रतिशत कम रहा है। इसकी वजह, वर्ष 2021 में कोविड के दौरान परीक्षाएं नहीं होना है। उस समय का परिणाम पिछली कक्षाओं के प्राप्तांक व सत्रांक के आधार पर तैयार हुआ था। जिसका नतीजा यह हुआ कि स्टूडेंट्स के नंबर उम्मीद से कई गुना आ गए।  

इस बार 20 हजार से ज्यादा हुए फर्स्ट डिवीजन
वर्ष 2022 में बोर्ड द्वारा जारी किए परिणाम में साइंस, कॉमर्स व आर्ट्स में कुल 20 हजार 397 स्टूडेंट्स पास हुए। जिसमें 12 हजार 994 स्टूडेंट फर्स्ट डिवीजन हैं। इनमें 80 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या हजारों में हैं। वहीं गत वर्ष कटआॅफ की बात करें तो साइंस में जनरल कैटेगरी में करीब 93.20 प्रतिशत व आटर्स में जनरल कैटेगरी की 85.20 प्रतिशत कटआॅफ रही थी।

आटर्स में चुनौती : 8 हजार स्टूडेंट्स पर सिर्फ 4600 सीटें
कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए सबसे ज्यादा चुनौती आर्ट्स में प्रथम श्रेणी से पास होने वाले विद्यार्थियों के लिए होगी। क्योंकि, 8 हजार 229 स्टूडेंट्स के मुकाबले शहर के दोनों राजकीय आर्ट्स कॉलेजों में मात्र 4600 ही सीटें हैं। यानी कुल फस्ट डिवीजन विद्यार्थियों के अनुपात में आधी सीटें हैं। ऐसे में आधे से ज्यादा छात्र एडमिशन से महरूम हो जाएंगे। हालांकि सरकार ने शहर में एक और नया गर्ल्स आर्ट्स कॉलेज खोला है। जिसमें इसी वर्ष से आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी। इसमें 80-80 सीटों पर 2 सेक्शन चलाएं जाएंगे। यदि, नए कॉलेज की कुल 160 सीटों को भी जोड़ लिया जाए तो भी 3 हजार 469 स्टूडेंट्स को दाखिला नहीं मिल पाएगा।

आटर्स-साइंस में मारामारी, कॉमर्स खाली
वर्ष 2021-22 की बात करें तो आटस व साइंस कॉलेजों में एडमिशन को लेकर मारामारी रही। वहीं, कॉमर्स कॉलेजों में सीटें खाली रह गई। दरअसल, गवर्नमेंट व जेडीबी के आर्ट्स व साइंस के चारों कॉलेजों को मिलाकर 6 हजार 94 सीटें थीं। जबकि, एडमिशन के लिए 15 हजार 766 आवेदन आए थे। इनमें से 6 हजार 95 विद्यार्थियों को ही एडमिशन मिल पाया था। शेष रहे 9 हजार 671 छात्र-छात्राओं को दाखिला नहीं मिल सका। वहीं, जेडीबी व राजकीय कॉमर्स कॉलेज की कुल 2 हजार 80 सीटों में से 952 सीटें खाली रह गई। 

साइंस में 4 हजार बच्चों पर 1 हजार सीट
शहर में दो ही साइंस कॉलेज हैं। पहला गवर्नमेंट साइंस व दूसरा जेडीबी विज्ञान महाविद्यालय। दोनों ही कॉलेजों में भी एडमिशन के लिए मारामारी रहेगी। 12वीं विज्ञान परीक्षा में कुल 4 हजार 346 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से पास हुए हैं। इनके मुकाबले दोनों कॉलेजों की मिलाकर 1 हजार 494 सीटें हैं। यानी, आधी से भी कम सीटें होने से दोगुने स्टूडेंट्स कॉलेज में दाखिला नहीं ले पाएंगे। ऐसे में उन्हें या तो स्वयंपाठी के तौर पर या फिर प्राइवेट कॉलेजों में प्रोफेशनल कोर्स की ओर रुख करना पड़ेगा। दरअसल, गवर्नमेंट साइंस कॉलेज में 880 सीटें हैं जबकि, जेडीबी विज्ञान महाविद्यालय में 614 सीटें हैं। इस बार कटआॅफ बढ़ने की संभावना है, ऐसे में कई विद्यार्थी एडमिशन से वंचित रह सकते हैं। सरकार को जल्द ही सीटें बढ़ाने को लेकर जल्द ही निर्णय करना होगा।

पिछले साल बीए प्रथम वर्ष में 7 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को नहीं मिला था दाखिला 
सभी स्टूडेंट्स को एडमिशन दें तो भी खाली रहेगी 1 हजार से ज्यादा सीटें
आर्ट्स व साइंस में जहां सीटों के लिए मारामारी रहती है, वहीं कॉमर्स महाविद्यालयों में स्थिति ठीक इसके उलट है। यहां हर साल सीटें खाली रह जाती है। छात्रों में कॉमर्स की ओर रुझान कम ही देखने को मिल रहा है। इस वर्ष 672 बच्चों ने ही 12वीं की परीक्षा दी थी। जिसमें से 419 ही प्रथम श्रेणी से पास हुए हैं। वहीं,  कुल पास होने वालों की संख्या 655 हैं। जबकि, जेडीबी और राजकीय कॉमर्स कॉलेज की 2 हजार 80 सीटें हैं। ऐसे में सभी विद्यार्थी प्रथम वर्ष में एडमिशन लें तो भी 1 हजार 425 सीटें खाली रह जाएंगी।

गत वर्ष कॉमर्स में 952 सीटें रह गई थी खाली
विद्यार्थियों के अभाव शहर के दोनों कॉमर्स कॉलेजों में 952 सीटें खाली रह गई थी। कॉमर्स संकाय के हाल यह है, दोनों कॉलेजों को मिलाकर कुल 2 हजार 80 सीटें हैं। जिनमें से गवर्नमेंट कॉमर्स में 519 व जेडीबी कॉमर्स कॉलेज में 433 सीटें खाली रह गई। राजकीय कॉमर्स महाविद्यालय की प्राचार्य संगीता सुनेजा का कहना है, कुछ सालों से विद्यार्थियों का कॉमर्स के प्रति रुझान घटा है। परीक्षा में पास होने के बाद कॉलेज में प्रवेश लेने के बजाए प्रोफेशनल कोर्सों की ओर रुख कर रहे हैं।

नॉलेज : 12वीं में समान अंक पर 10वीं के नंबर वाले स्टूडेंट्स को मिलेगा कॉलेज में दाखिला
एडमिशन पॉलिसी के अनुसार यदि, किसी कक्षा में बोनस अंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स और बोनस रहित स्टूडेंट्स दोनों के मेरिट लिस्ट में समान प्रतिशत हो तो उनमें बोनस रहित स्टूडेंट्स का मेरिट में नंबर ऊपर होगा। वहीं, 12वीं में समान अंक होने और मेरिट में भी समान अंक रहने पर कक्षा 10वीं में अधिक प्राप्तांक प्रतिशत वाले स्टूडेंट्स का नंबर मेरिट में ऊपर होगा। यदि यह भी समान है तो अधिक उम्र वाले स्टूडेट्स को प्राथमिकता मिलेगी।

एक्सपर्ट व्यू
जिले में 12वीं आर्ट्स का परिणाम 96.26 प्रतिशत रहा है। फस्ट डिवीजन वालों की संख्या ही 8 हजार से ज्यादा है। कॉलेज में एडमिशन को लेकर मारामारी तो रहेगी। बच्चों को एडमिशन देना चुनौतीपूर्ण रहेगा। कटआॅफ भी हाई जाएगी। कॉलेज प्रशासन स्वीकृत 2200 सीटों पर ही एडमिशन दे सकता है। विद्यार्थियों की मांग पर शिक्षा आयुक्तालय जयपुर को प्रस्ताव भेजेंगे।
- संजय भार्गव, प्राचार्य राजकीय आटर्स महाविद्यालय

निश्चित तौर पर 12वीं विज्ञान का परिणाम ज्यादा रहा है। 4 हजार 346 विद्यार्थी ही प्रथम श्रेणी से पास हुए हैं। ऐसी स्थिति में मेरिट लिस्ट का लेवल हाई रहेगा। हम स्वीकृत सीटों पर ही विद्यार्थियों को दाखिला दे सकते हैं। विद्यार्थियों की मांग सहायक निदेशक कॉलेज शिक्षा के माध्यम से उच्चाधिकारियों को अवगत करा सकते हैं।
-डॉ.अरुण कुमार, अतिरिक्त प्राचार्य राजकीय साइंस महाविद्यालय

प्रवेश न मिले तो बहुत हैं विकल्प, निराश न हो विद्यार्थी
कॉलेज में यदि प्रवेश नहीं मिलता है तो इसमें निराश होने जैसी बात नहीं है, क्योंकि मौजूदा समय में स्टूडेंट्स के सामने और भी बहुत से विकल्प हैं। जिन्हें वे अपनी रुची के अनुसार चुन सकते हैं। पीएमटी, फाइव इयर लॉ, इंजीनियरिंग, बीफार्मा, बीसीए, बीबीए, एमबीए, एग्रीकल्चर, नर्सिंग, फामेर्सी, पैरामेडिकल, पॉलिटेक्निक, आईटीआई समेत कई प्रोफेशनल कोर्स हैं, जिनमें एडमिशन लेकर कॅरियर बना सकते हैं। 
- डॉ. रघुनाथ परिहार, सहायक निदेशक कॉलेज शिक्षा 

सीटें बढ़ाने पर अभी से करनी होगी तैयारी
इस बार औसत परिणाम ज्यादा रहने से एडमिशन को लेकर मारामारी रहेगी। प्रथम श्रेणी से पास होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में इजाफा हुआ है। इनमें अधिकांश स्टूडेंट्स 75 या उससे अधिक प्रतिशत अंक लाने वाले हैं। ऐसे में कॉलेज में कटआॅफ भी 5 से 10 प्रतिशत बढ़ जाएगी। साइंस स्टूडेंट्स के साथ इस बार कॉमर्स और कला संकाय के विद्यार्थियों की मैरिट ज्यादा रही है। सरकार यदि हर कॉलेज में एक से दो सेक्शन बढ़ाने की अनुमति दें तो फिर भी कुछ हद तक स्थिति संभल सकती है। इसके लिए अभी से तैयारी करनी चाहिए, ताकि स्टूडेंट्स को परेशानी ना हो। अन्यथा बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को प्राइवेट फार्म भरने पड़ सकते हैं।
- प्रदीप चौधरी, जिला शिक्षाधिकारी

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