ईआरसीपी मुद्दे पर गहलोत और शेखावत आमने-सामने

शेखावत ईआरसीपी को बाधित करने का कार्य कर रहे हैं

ईआरसीपी मुद्दे पर गहलोत और शेखावत आमने-सामने

ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत एक बार फिर से आमने-सामने हैं।

जयपुर। ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत एक बार फिर से आमने-सामने हैं। गहलोत ने ईआरसीपी पर 13 जिलों के विधायकों और कांग्रेस नेताओं की बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री की सभा में गजेन्द्र सिंह स्वयं मौजूद थे, यह आप सभी ने फोटो में भी देखा होगा। इसके बावजूद वे इस तरह की बात कर रहे हैं। इसका मतलब वो मीटिंग के अंदर एब्सेंट माइंड रहते हैं। प्रधानमंत्री की बैठक में एब्सेंट माइंड रहना अच्छी बात है क्या। इसका मतलब हम कभी कहेंगे कि प्रधानमंत्री ऐसे मंत्री को रखते ही क्यों हो, जो आपकी बैठक में ही एब्सेंट माइंड रहता है। प्रधानमंत्री ने कहा और आपने सुना ही नहीं।

पांच राज्यों की कॉन्फ्रेंस चल रही थी, जिसमें जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का अजमेर और जयपुर की सभाओं में वादा किया था। इस पर शेखावत ने कहा कि मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा, अगर प्रधानमंत्री ने इस तरह का वादा किया हो, नहीं तो मुख्यमंत्री और आपको लेना होगा, फरमान जारी कर दिया। अब लें, वह स्वयं कहां चले गए, यह स्थिति है। गहलोत ने कहा कि शेखावत ईआरसीपी को बाधित करने का कार्य कर रहे हैं। सिंचाई के लिए जल नहीं मिलने से किसानों की आय ही समाप्त हो जाएगी, जबकि प्रधानमंत्री ने उनकी आय दोगुनी करने की घोषणा की थी।

गहरे मानसिक दबाव में कुर्सी जाने के डर से बिगड़ी गहलोत की भाषा : शेखावत
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस भाषा का प्रयोग राजस्थान के मुख्यमंत्री इन दिनों कर रहे हैं, उसकी अपेक्षा एक राज्य के मुखिया से नहीं की जा सकती। गहलोत की बिगड़ी भाषा से स्पष्ट लग रहा है कि वो गहरे मानसिक दबाव में हैं। एक ओर कुर्सी जाने का डर हमेशा उन्हें सताता रहता है, दूसरा राज्य उनसे संभल नहीं रहा है। कानून-व्यवस्था समेत राज्य में सबकुछ चौपट हो गया है। शेखावत ने कहा कि 2020 में जब गहलोत की कुर्सी पर संकट आया था, तब भी उन्होंने सचिन पायलट के लिए ऐसी ही भाषा का प्रयोग किया था। पिछले दिनों जब राहुल गांधी ने सचिन पायलट की तारीफ की, तो गहलोत को फिर कुर्सी पर संकट नजर आने लगा है, उसी दिन से वह बेचैन हैं। शेखावत ने कहा कि पहले मुख्यमंत्री ने सचिन पायलट पर मुझसे मिलकर सरकार गिराने का षड्यंत्र रचने का झूठ बोला। अब मेरे लिए भी उन्हीं शब्दों का प्रयोग करने लगे, जिनका सचिन पायलट के लिए करते आ रहे हैं। शेखावत ने कहा कि गहलोत से बस इतना सा अनुरोध है, इधर-उधर की बातों में लोगों को उलझाने से आपकी कुर्सी बचने वाली नहीं है।

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