अचिंता-जेरेमी को स्वर्ण

राष्ट्रमंडल खेल : अब तक भारत के 3 स्वर्ण सहित 6 पदक 

अचिंता-जेरेमी को स्वर्ण

भारत के जेरेमी लालरिननुंगा ने राष्ट्रमंडल खेलों की भारोत्तोलन प्रतियोगिता के 67 किलोग्राम भारवर्ग में रविवार को नए गेम्स रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीत लिया। भारत का इन खेलों में यह दूसरा स्वर्ण और कुल पांचवां पदक है।

बर्मिंघम। भारतीय वेटलिफ्टर अचिंता शेउली ने भारत को तीसरा स्वर्ण और छठा पदक दिलाया। अचिंता ने 73 किग्रा में प्रथम प्रयास में 137, दूसरे में 140 और तीसरे में 143 किलो वजन उठाया। भारत के जेरेमी लालरिननुंगा ने राष्ट्रमंडल खेलों की भारोत्तोलन प्रतियोगिता के 67 किलोग्राम भारवर्ग में रविवार को नए गेम्स रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीत लिया। भारत का इन खेलों में यह दूसरा स्वर्ण और कुल पांचवां पदक है। जेरेमी लालरिननुंगा ने स्नैच में अपने दूसरे प्रयास में 140 किलोग्राम उठाया। उन्होंने क्लीन एंड जर्क में अपने दूसरे प्रयास में 160 किलो वजन उठाकर कुल 300 किलोग्राम का नया गेम्स रिकॉर्ड बनाया। जेरेमी लालरिननुंगा ने स्नैच में भी नया गेम्स रिकॉर्ड बनाया।

बिंद्यारानी देवी के नाम रजत

23 वर्षीय बिंद्यारानी ने 202 किलो भार उठाकर अपने वर्ग में दूसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने सबसे पहले स्नैच में 86 किग्रा के निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी की, और फिर क्लीन एंड जर्क में 116 किग्रा उठाकर नया राष्ट्रीय और राष्ट्रमंडल रिकॉर्ड स्थापित किया।  बिंद्यारानी सिर्फ एक किलो के अंतर से स्वर्ण पदक से चूक गई।

Post Comment

Comment List

Latest News

राजस्थान लोकसभा चुनाव - 2024 का दूसरा चरण LIVE : प्रदेश की 13 सीटों के लिए मतदान शुरू राजस्थान लोकसभा चुनाव - 2024 का दूसरा चरण LIVE : प्रदेश की 13 सीटों के लिए मतदान शुरू
पुलिस ने मतदान के लिए चाक चौबंद व्यवस्था की है। अधिकारियों के अनुसार मतदान शांतिपूर्ण करवाने के लिए पुलिस के...
लोकसभा चुनाव - 2024 का दूसरा चरण LIVE : 13 राज्यों की 88 सीटों पर मतदान शुरू
सिद्दारमैया ने आरक्षण नीतियों में मोदी के दावों का किया खंडन, ज्ञान की कमी का लगाया आरोप
लोकसभा चुनाव की राजस्थान में भजनलाल शर्मा ने संभाली कमान, किए धुआंधार दौरे 
रोड़वेज अधिकारियों को अब समय से पहुंचना होगा कार्यालय, लगाई बायोमेट्रिक मशीन
अखिलेश ने कन्नौज से भरा पर्चा, चुनावी जंग हुई दिलचस्प
एक समाज के प्रत्याशियों वाली सीटों पर अन्य बाहुल्य जातियों के भरोसे मिलेगी जीत