मानसून की मेहरबानी से बूंदी में फसलों की बंपर पैदावार

गत वर्ष की अपेक्षा डेढ़ गुना अधिक धान की आवक

मानसून की मेहरबानी से बूंदी में फसलों की बंपर पैदावार

इस बार औसत से कहीं ज्यादा हुई बरसात के चलते भूजल स्तर में पर्याप्त वृद्धि देखी गई जिससे आने वाले समय मे लंबे वक्त तक पानी की उपलब्धता रहेगी। इस बार पानी पर्याप्त मिलने से धान की पैदाबार में व्यापक वृÞद्धी देखने को मिली।

 बूंदी। जिले में मानसून में इस बार मानसून मेहरबान रहा। अच्छी बरसात का असर  फसलों में साफ देखने को मिल रहा है। आंकड़ों पर नजर डाले तो गत तीन सालों की अपेक्षा में इस साल फसलों का उत्पादन भी बढ़ा है। धान की गत वर्ष की अपेक्षा अच्छी पैदावार हो रही है। साथ ही अन्य फ सलों पैदावार बढ़ रही है। धान की बंपर आवक हो रही है। और आने वाली सरसों, गेंहू की पैदावार भी अच्छी रहेगा। मंडी मे पिछले वर्ष से डेढ़ गुना अधिक धान की आवक का अनुमान है। इस साल अन्य वर्षों के मुकाबले बहुत अच्छी बारिश हुई है। वाटर लेवल अच्छा होने से मार्च, अप्रेल तक पर्याप्त पानी उपलब्ध है। अक्टूबर में बारिश होने के कारण इस बार बूंदी जिले में सरसों की थोड़ी बुवाई लेट हुई है। लेकिन गेहूं की बुवाई के लिए नमी पर्याप्त हैं, जिससे किसानों को पलेवा करने की आवश्यकता नही थी।  जिन किसानों ने थोड़ा इंतजार करना मुनासीब समझा इनके लिए यह बारिश लाभदायक सिद्ध हुई। जहां पूरे मानसून हुई अच्छी बारिश और बाद में हुई बेमौसम बरसात के चलते वर्षा जल के परम्परागत स्त्रोत लबालब हो गए। कुएं, तालाब, नदी नाले सभी में पानी पर्याप्त में एकत्र हो गए। वहीं सभी प्रकार के छोटे बड़े बांध तालाब में हुइ पानी की आवक ने सभी के मन को आल्हादित कर दिया। इस बार औसत से कहीं ज्यादा हुई बरसात के चलते  भूजल स्तर में पर्याप्त वृद्धि देखी गई जिससे आने वाले समय मे लंबे वक्त तक पानी की उपलब्धता रहेगी। इस बार पानी पर्याप्त मिलने से धान की पैदाबार में व्यापक वृÞद्धी देखने को मिली। पिछले साल के मुकाबले इस साल डेढ़ गुणा आने का अनुमान है। जिसमें से 50 फि सदी की आवक मंड़ी में हो चुकी है। बतौर कृषि अधिकारियों के पड़त खेतों में  भी बुवाई होने से रकबें मे वृद्धि हुई है। 

ये रहेगा फसलों का उत्पादन
मानसून की अच्छी बरसात से खरीफ  की फ सल में अनाज 3 लाख 73 हजार 81.6 मैट्रिक टन, दलहन 51 हजार 675 मैट्रिक टन, तिलहन 88 हजार 559 मैट्रिक टन, अन्य खरीफ  फसलें 37 हजार 652 मैट्रिक टन उत्पादन अनुमानित है।  रबी की फसल में गेंहू 15 हजार 500 हेक्टेयर, दलहन 39 हजार हेक्टेयर, सरसों 72 हजार हेक्टेयर मिला कर कुल रबी की फसल का रकबा 2 लाख 83 हजार हेक्टेयर का अनुमान है।

बून्दी
विगत तीन वर्षों में जिले में हुई वर्षा 
वर्ष    वर्षा दर    औसत वर्षा    विगत 5 वर्षों की औसत दर
2020    3036    510.5    -
2021    6637    1106.2    750.54
2022     5979    996.5    971.78 
(30 सित.तक)

कृषि उत्पादन विगत तीन वर्षों में (बुवाई)
        2020    2021    2022 अग्रिम अनु.
अनाज    खरीफ    110781    85961    109253
    रबी    141325    141225    156000
दलहन    खरीफ    91160    77933    54108
    रबी    48167    46450    39000
तिलहन    खरीफ    41299    51332    67592
    रबी    37637    37637    73000
अन्य    खरीफ    5444    12767    14443
    रबी    14181    15895    15000
योग    खरीफ    248684    227993    245396
    रबी    241317    241207    283000

Read More मतदान प्रतिशत घटने से भाजपा की जीत में नहीं पड़ रहा कोई फर्क : विनय सहस्रबुद्धि

इस साल की बारिश का खेतों के साथ मंडी में भी देखने को मिल रहा है। अच्छी बारिश के चलते मंडी में धान की बंपर आवक हो रही है। वही आने वाले समय में सरसों, गेंहू, मक्का, चना की भी बंपर आवक होने की संभावना है। वर्तमान में 80.90 हजार बोरी धान की आवक मंडी में चल रही है, जो पिछले दिनों डेढ़ लाख बोरी थी।
- नाथूलाल लोकेश कुमार मंडी व्यवसायी

Read More ऑफिस में घुस महिला कर्मचारी से लूट ले गए 15 लाख रुपए 

इस बार हुई अच्छी बरसात का असर फ सलों में देखने को मिलेगा। फ सलों पैदावार के साथ गुणवत्ता बढ़ेगी। मंडी में पिछले वर्ष से डेढ़ गुना धान की आवक का अनुमान है। वर्तमान में धान के 50 फ ीसदी की खरीद मंडी में हो चुकी है, जो अभी और  बढ़ेगी। तीन लाख बोरी धान की आवक का अनुमान है। 
-अमित बिरला, धान व्यापारी

Read More चांदी 1100 रुपए और शुद्ध सोना 800 रुपए महंगा

बेमौसम हुई तेज बारिश से जहां सभी जल संसाधन लबालब हैं। उसके चलते आने वाली फसलों मे बंपर पैदावार देखने को मिलेंगी। गेंहू की फ सल में इस बारिश का फ ायदा सीधा सीधा दिखेगा। धान की पैदावार में तो अच्छा असर दिख ही गया हैं।
-कृष्ण नारायण शर्मा,अग्रणी कृषक. बडून्दा

बैमोसम बरसात होने से फ सलों में नुकसान तो हुआ है। लेकिन इससे फ ायदा भी है। अच्छी बरसात से रकबा बढ़ा भी है। लेकिन लेट बुवाई होने से क्षेत्र में फ सलों मे जोर कम दिखाई दे रहा हैं। वाटर लेवल अच्छा हैं, जो मार्च अप्रेल तक पर्याप्त है।
-प्रहलाद नागर, कृषक जैविक कृषि, भवानीपुरा

इस साल अन्य वर्षों के मुकाबले बहुत अच्छी बारिश हुई है। वाटर लेवल अच्छा होने से मार्च अप्रेल तक पर्याप्त पानी उपलब्ध है। अक्टूबर में बारिश होने के कारण इस बार बूंदी जिले में सरसों की थोड़ी बुवाई लेट हुई है। लेकिन गेहूं की बुवाई के लिए नमी पर्याप्त हैं, जिससे किसानों को पलेवा करने की आवश्यकता नही थी। एक पानी बचाने के लिए गेहूं की बुवाई जल्दी हो गई इसलिए यूरिया की समस्या बन थी। इस मांग के तहत माहवार यूरिया का वितरण होना है। जिसके तहत दिसंबर में 20 हजार मैटिक टन, जनवरी में 20 हजार मैटिक टन यूरिया का वितरण होना निर्धारित है। असिंचित क्षेत्र में थोड़ा बुवाई जल्दी होती हैं । इस सप्ताह में असिंचित क्षेत्र 75 प्रतिशत कंप्लीट हो जाएगा। सिंचित क्षेत्र में बुवाई शुरू हो गई हैं। गेहूं की बुवाई अभी चल रही हैं। 1.50 लाख हेक्टेयर में जिले में बुवाई होती हैं 70 हजार हेक्टयर में गेहूं की बुवाई अभी बाकी हैं । 65 हजार हेक्टयर में जिले में सरसो की बुवाई हुई हैं 42 हजार हेक्टयर में चने की बुवाई हैं। धान की अच्छी पैदावार होने ेसे बंपर आवक हो रही है। और वाली सरसों, गेंहू की पैदावार भी अच्छी रहेगा।
- रतन लाल मीणा,उपनिदेशक, कृषि विभाग बूंदी

वर्तमान में कीट प्रजातियों का प्रकोप फ सलों में देखा नहीं जा रहा है। चने की फ सल में लेकर संभावना है तो किसान फेरोमॉन ट्रेप का उपयोग कर सकते हैं, वही सरसों की फसल में मोयले की संभावना देखी जा सकती है। इसलिए बॉर्डर पर लगे देशी आंकड़े कटाई करने के साथ मेंथोल, फेरोमोन का उपयोग किया जा सकता है। सरसों मे गलने की शिकायत आ रही है, वहां से सिंचाई से कार्बनडाजीन वर्मी कंपोस्ट मिलाकर उपयोग कर सकते हैं। किसानों को सलाह की सरसों में 25 दिसंबर से 15 जनवरी तक सिंचाई करने से बचें, ताकि फ सल में सड़ने गलने की समस्या नहीं रहेगी। वहीं पर चनें सहित अन्य फ सलों में लट और कीट पतंगों से बचाव करने के लिए खेतों में डंडे  (बर्डपर्च) गाढ़े जा सकते हैं, ताकि परभक्षी पक्षी खेतों में मौजूद रहे और कीट, पतंगों तथा लटों आदि को चट कर सकें। गेहूं,सरसों,चना आदि में मौत का फ ायदा भी देखने को मिलेगा।
- डॉ हरीश वर्मा, कार्यक्रम समन्वयक कृषि विज्ञान केंद्र बून्दी

Post Comment

Comment List

Latest News

राजस्थान लोकसभा चुनाव - 2024 का दूसरा चरण LIVE : प्रदेश की 13 सीटों के लिए मतदान शुरू राजस्थान लोकसभा चुनाव - 2024 का दूसरा चरण LIVE : प्रदेश की 13 सीटों के लिए मतदान शुरू
पुलिस ने मतदान के लिए चाक चौबंद व्यवस्था की है। अधिकारियों के अनुसार मतदान शांतिपूर्ण करवाने के लिए पुलिस के...
लोकसभा चुनाव - 2024 का दूसरा चरण LIVE : 13 राज्यों की 89 सीटों पर मतदान शुरू
सिद्दारमैया ने आरक्षण नीतियों में मोदी के दावों का किया खंडन, ज्ञान की कमी का लगाया आरोप
लोकसभा चुनाव की राजस्थान में भजनलाल शर्मा ने संभाली कमान, किए धुआंधार दौरे 
रोड़वेज अधिकारियों को अब समय से पहुंचना होगा कार्यालय, लगाई बायोमेट्रिक मशीन
अखिलेश ने कन्नौज से भरा पर्चा, चुनावी जंग हुई दिलचस्प
एक समाज के प्रत्याशियों वाली सीटों पर अन्य बाहुल्य जातियों के भरोसे मिलेगी जीत