गांव के दंगल में कांग्रेस का मंगल

गांव के दंगल में कांग्रेस का मंगल

चार जिलों की 30 पंचायत समितियों में 14 में कांग्रेस और 8 में भाजपा का कब्जा, आठ में निर्दलीय रहेंगे निर्णायक

 जयपुर। प्रदेश में चौथे चरण में हुए पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में सत्तारूढ़ कांग्रेस की जीत का सिलसिला जारी है। हालांकि चारों जिला परिषदों में कांग्रेस और भाजपा बराबर बहुमत हासिल किया है। चार जिलों बारां, कोटा, करौली और श्रीगंगानगर में 30 पंचायत समितियों में 14 में कांग्रेस और आठ में भाजपा ने बहुमत हासिल किया है। शेष आठ में निर्दलीय निर्णायक भूमिका में रहेंगे।


सभी 568 वार्डों में से कांग्रेस ने 278 वार्डों में सफलता हासिल की है। भाजपा ने 165, बसपा ने 14 तथा सीपीआईएम ने 13 वार्डों में जीत दर्ज कराई है। 97 वार्डों में निर्दलीयों और एक वार्ड में आरएलपी का प्रत्याशी जीता है।


पंचायत समितियों के सभी वार्डों के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना मंगलवार को सुबह 11 बजे शुरू हुई थी। चारों जिलों की जिला परिषदों में 106 वार्ड है। समाचार लिखे जाने तक इनमें से 102 वार्डों के परिणाम घोषित किए जा चुके हैं। इनमें कांग्रेस को 59 और  भाजपा को 35 में जीत मिली है। पांच वार्डों में निर्दलीयों और दो में सीपीआईएम जीती है। एक वार्ड में बसपा के प्रत्याशी ने जीत दर्ज कराई है। इन चुनावों में 2251 उम्मीदवारों ने अपना भाग्य आजमाया। इनमें से 1946 उम्मीदवार पंचायत समिति सदस्यों के लिए जबकि 305 उम्मीदवार जिला परिषद सदस्यों के लिए चुनाव मैदान में थे। इनमें से 106 जिला परिषद सदस्यों में तीन और 568 पंचायत समिति सदस्यों में से छह सदस्यों को निर्विरोध चुन लिया गया।


यहां कांग्रेस को बहुमत

अटरू, किशनगंज, मांगरोल, शाहबाद, अनूपगढ़, घड़साना, करणपुर, पदमपुर, रायसिंह नगर, श्री विजयनगर, श्रीगंगानगर, सूरतगढ़, मंडरायल और लाडपुरा पंचायत समिति।

यहां भाजपा को बहुमत

अंता, बारां, छबडा, छीपाबडौद, मासलपुर, खैरबाद, सांगोद और सुल्तानपुर पंचायत समिति।

यहां निर्दलीय निर्णायक

सादुलशहर, हिण्डौन, करौली, नादौती, सपोटरा, श्रीमहावीरजी, टोडाभीम और इटावा पंचायत समिति।

चारों जिला परिषदों में फिफ्टी-फिफ्टी
बारां और कोटा में भाजपा तथा श्रीगंगानगर
और करौली में कांग्रेस को बहुमत


106 वार्डों में से कांग्रेस को 62 और भाजपा को 36 में मिली जीत
 प्रदेश की चार जिला परिषदों में हुए चुनावों में कांग्रेस और भाजपा दोनों को बराबर-बराबर बहुमत मिला है। चुनावी नतीजों के बाद श्रीगंगानगर और करौली में कांग्रेस तथा बारां और कोटा में भाजपा को बहुमत मिला है। चारों जिलों में कुल 106 वार्डों में से कांग्रेस को 62, भाजपा को 36, बसपा को एक और सीपीआईएम को दो वार्डों में जीत हासिल हुई है। इनके साथ ही पांच वार्डों में निर्दलीयों ने बाजी मारी है। परिणामों के अनुसार बारां के 25 वार्डों में से भाजपा को 13 और कांग्रेस को 12 वार्डों में जीत हासिल हुई है। इसी प्रकार करौली के 27 वार्डों में से कांग्रेस को 15 और भाजपा को सात वार्डों में सफलता मिली है, जबकि एक वार्ड में बसपा और चार वार्डों में निर्दलीयों ने जीत दर्ज कराई है। कोटा में 23 वार्डों में से 13 में भाजपा और 10 में कांग्रेस के प्रत्याशी निर्वाचित घोषित किए गए हैं। इसी प्रकार श्रीगंगानगर जिला परिषद  के 31 वार्डों में से 25 में कांग्रेस, तीन में भाजपा, दो में सीपीआईएम और एक में निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज कराई है।

धारीवाल और भाया के क्षेत्र में कांग्रेस हारी : रमेश मीणा की प्रतिष्ठा भी दांव पर
 चार जिलों में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के क्षेत्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा भी अपने क्षेत्र में कांग्रेस को केवल एक पंचायत समिति में बहुमत दिला पाए हैं। उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गई है। श्रीगंगानगर जिले से एक भी मंत्री नहीं है, लेकिन वहां कांग्रेस ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। वहां नौ पंचायत समितियों में से आठ में बहुमत हासिल किया है।


काबिना मंत्री प्रमोद जैन भाया के क्षेत्र में कांग्रेस को अंता, बारां, छबड़ा, छीपाबड़ौद पंचायत समिति में हार का सामना करना पड़ा। उनके क्षेत्र बारां जिला परिषद में भी कांग्रेस बहुमत हासिल नहीं कर पाई। काबिना मंत्री शांति धारीवाल के क्षेत्र खैरबाद, सांगोद, इटावा और सुल्तानपुर पंचायत समिति में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा। केवल लाडपुरा पंचायत समिति में ही कांग्रेस को बहुमत मिला है। कोटा जिला परिषद की बात करें तो यहां कांग्रेस बहुमत से दूर रही। यहां 23 वार्डों में से भाजपा को 13 और कांग्रेस को 10 वार्डों में सफलता मिली है। काबिना मंत्री रमेश मीणा के क्षेत्र की आठ पंचायत समितियों में से कांग्रेस को केवल एक मंडरायल में बहुमत मिला है। हालांकि, यहां भाजपा को भी केवल एक पंचायत समिति मासलपुर में बहुमत हासिल हुआ है। यहां छह पंचायत समितियों में दोनों दलों को ही बहुमत से दूर रहना पड़ा।


जिला प्रमुख-प्रधान चुनाव कल, दोनों दलों ने की बाड़ाबंदी

चारों जिलों में गुरुवार को जिला प्रमुख और प्रधान के चुनाव होंगे। एक-दूसरे के वोटों में सैंधमारी की आशंका के चलते दोनों दलों ने अपने-अपने सदस्यों की बाड़ाबंदी कर दी। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से घोषित चुनावी कार्यक्रम के अनुसार 23 दिसम्बर को सुबह दस बजे जिला परिषदों और पंचायत समितियों के मुख्यालयों पर बैठक होगी, सुबह 11 बजे नामांकन, 11.30 बजे तक नामांकन पत्रों की जांच, दोपहर एक बजे तक नाम वापस और तीन से शाम पांच बजे तक मतदान होगा।

म  तगणना से स्पष्ट हो गया है कि राजस्थान की जनता ने कांग्रेस और सरकार के सेवा कार्यों पर अपनी मुहर लगा दी है। चार जिला परिषदों के लिए 106 वार्डों में हुए चुनाव में 59 पर कांग्रेस प्रत्याशी विजयी हुए हैं तथा 30 पंचायत समितियों के 277 पर कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। जीते हुए 132 निर्दलीय प्रत्याशियों में से अधिकांश कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं। - गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेशाध्यक्ष कांग्रेस

कि  सानों और युवाओं ने जनविरोधी कांग्रेस सरकार के खिलाफ जनादेश है। चारों जिलों में कांग्रेस के बोर्ड थे। अब हाडौती के दो जिलों  कोटा-बारां में भाजपा ने कमल खिलाया है। 33 में से अब 19 जिला प्रमुख अब भाजपा के हो जाएंगे। पंचायत चुनाव के नतीजे भी सत्ता के खिलाफ हैं। -सतीश पूनिया, प्रदेशाध्यक्ष, भाजपा

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