अब वन्यजीव के हमले से इंसान की मौत पर मिलेगा 5 लाख का मुआवजा

जन व पशुहानि की मुआवजा राशि में हुई बढ़ोतरी

अब वन्यजीव के हमले से इंसान की मौत पर मिलेगा 5 लाख का मुआवजा

वन्यजीवों के हमले की सूचना 48 घंटे के भीतर पुलिस व वन अधिकारी को देनी होगी। इंसान व पशु की मौत का सक्षम चिकित्साधिकारी की ओर से जारी प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा। मुआवजा राशि घर के मुख्या या उत्तराधिकारी को ही मिलेगी।

कोटा।  राज्य सरकार की ओर से वन्यजीवों से होने वाली जनहानि से लेकर घायल और वन्यजीवों से पशुओं के होने वाले नुकसान के मुआवजे में बढ़ोतरी की गई है। वन्यजीवों द्वारा निर्धारित जनहानि होने पर मुआवजा 4 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है। यानी, वन्यजीवों के हमले से इंसान की मौत हो जाती है तो उसके आश्रितों को अब 5 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। प्रशासनिक विभाग की ओर से वन विभाग के प्रस्ताव के अनुसार राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभ्यारण्यों में अथवा उसके बाहर जीवों द्वारा जनहानि के अलावा पशुधन के घायल या मौत होने पर मुआवजा की वर्तमान दरों में प्रस्तावित 25 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है। वित्त विभाग की ओर से दरों को संशोधित करने की सहमति जारी कर दी गई है। मुआवजे के लिए सक्षम चिकित्सा अधिकारी का प्रमाणपत्र जरूरी होगा। स्थाई अयोग्य होने पर मुआवजे की प्रस्तावित राशि 2.50 लाख रुपए थी, लेकिन मुख्यमंत्री चिंरजीवी दुर्घटना बीमा योजना के प्रावधान के तहत वित्त विभाग ने 3 लाख का मुआवजा स्वीकृत किया है। गौरतलब है कि सरकार के शासन सचिव वेंकटेश शर्मा ने 10 नवम्बर 2022 को वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक हॉफ जयपुर को इस संबंध में पत्र जारी किया गया था। 

जनहानि व पशुहानि होने पर यह मिलेगा मुआवजा
जनहानि होने पर पहले 4 लाख की राशि मिलती थी, अब यह बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी है। इसी तरह स्थाई अयोग्य होने पर 2 से बढ़ाकर 3 लाख रुपए, अस्थाई अयोग्य होने पर 40 हजार की जगह 50 हजार रुपए की राशि कर दी है। वहीं, पालतू मवेशियों की श्रेणी में भैंस व बैल की मौत होने पर 20 हजार से बढ़ाकर 25 हजार, गाय के लिए 10 हजार से बढ़ाकर 12 हजार 500, भैंस, गाय के बछड़े पर 4 हजार से बढ़ाकर 5 हजार रुपए, बकरी, बकरा और भेड़ की मौत पर 2 हजार की जगह 3 हजार और ऊंट की राशि 20 हजार से बढ़ाकर 25 हजार और खच्चर के 3 हजार रुपए मुआवजा मिलेगा।

इन्हें नहीं मिलेगी सहायता
जादौन ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति वन्यजीव अभयारण्य में वन्यजीवों का शिकार करने की मंशा से अंदर गया और हिंसक जीवों के हमले में मौत का शिकार हो जाने पर उसके आश्रितों को कोई मुआवजा राशि नहीं दी जाएगी।

ऐसे मिलेगी आर्थिक सहायता
राजस्थान अधीनस्त वन कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह जादौन ने बताया कि वन्यजीवों के हमले की सूचना 48 घंटे के भीतर पुलिस व वन अधिकारी को देनी होगी। इंसान व पशु की मौत का सक्षम चिकित्साधिकारी की ओर से जारी प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा। मुआवजा राशि घर के मुख्या या उत्तराधिकारी को ही मिलेगी। घायल को उपचार के दौरान चिकित्साधिकारी की ओर से जारी प्रमाण पत्र व वनकर्मियों की रिपोर्ट के आधार पर क्षतिपूर्ति राशि दी जाएगी। इसी तरह मवेशी के मामले में उसके मालिक को तत्काल विभाग को सूचना देनी होगी। मारे गए मवेशी के शव को घटनास्थल से तब तक नहीं हटाया जाए जब तक घटना की जांच क्षेत्रीय वन अधिकारी ने नहीं की हो। साथ ही उसके मांस में किसी प्रकार का विष अथवा घातक पदार्थ नहीं मिलाया गया हो।

Read More अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी दबदबा कायम हैं ताइक्वांडो में कोटा की बेटियों का

जरख ने 6 माह की मासूम को कर दिया था जख्मी
इटावा उपखंड क्षेत्र के झाडोल गांव में गत वर्ष नवम्बर माह में जरख ने घर में घुसकर 6 माह की मासूम बच्ची पर हमला कर गंभीर घायल कर दिया था। जरख ने मासूम का सिर नोंच लिया। जिससे उसके सिर व आंखों पर गहरे जख्म हो गए थे। इससे पूर्व मंडाना क्षेत्र में भी वन्यजीव के हमले से भेड़-बकरियों की मौत हो गई थी।  

Read More 3 साल से कोरोना वॉरियर्स का हक दबाकर बैठे चिकित्सा अधिकारी

अब तक दे चुके 2.76 लाख का मुआवजा
मैंने 6 जुलाई 2022 को कार्यभार ग्रहण किया था और दो माह बाद ही सितम्बर में पूर्व के 5-6 केस पेंडिंग पड़े हुए थे, जिनका तुरंत निस्तारण करते हुए पीड़ितों को 2 लाख 76 हजार रुपए का मुआवजा दिलाया है। इसमें वन्यजीवों द्वारा इंसान के घायल होने और पशुहानि के मामले शामिल हैं। हाल ही में इटावा क्षेत्र में जरख के हमले में घायल हुई बालिका के परिजनों को करीब 40 हजार का मुआवजा दिया गया था।  ऐसे मामलों में जल्द से जल्द निस्तारण कर पीड़ितों को राहत पहुंचाना ही हमारी कोशिश है। 
- जयराम पांडेय, डीएफओ कोटा वन मंडल

Read More व्यवस्था परिर्वतन की लड़ाई लड़ रही है आप : पालीवाल

Post Comment

Comment List

Latest News