बादलों ने धोया आसमां, सांसें हुई शुद्ध
कोटा में भी वायु प्रदूषण का ग्राफ गिरा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की ओर से प्रदेश के 8 स्थानों पर एक्यूआई स्टेशन लगे हुए हैं जहां नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स मॉनिटर किया जाता है। ये स्टेशन जयपुर, जोधपुर, अलवर, अजमेर, भिवाड़ी, पाली, कोटा व उदयपुर में है।
कोटा। पश्चिमी विक्षोभ के बादलों ने पूरे प्रदेश में आसमां को धो दिया। बारिश से धूल कण, गैस, कार्बन सहित अन्य धातु व अधातुओं के कण बौछारों के साथ बह गए हैं। कोटा, जयपुर, उदयपुर, अजमेर, जोधपुर और भरतपुर संभाग में हवा शुद्ध हो गई है। समूचे राजस्थान में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 50 के पास आ गया है। विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शुमार भिवाड़ी की हवा भी कुछ हद तक ठीक हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की ओर से प्रदेश के 8 स्थानों पर एक्यूआई स्टेशन लगे हुए हैं जहां नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स मॉनिटर किया जाता है। ये स्टेशन जयपुर, जोधपुर, अलवर, अजमेर, भिवाड़ी, पाली, कोटा व उदयपुर में है। इन शहरों में हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर यानी धूल कण, सल्फर डाई आक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड, नाइट्रोजन डाई आॅक्साइड, ओजोन और अमोनिया का आटोमेटिक मॉनिटरिंग की जाती है। सामान्यत: दिसम्बर और जनवरी के महीनों में एक्यूआई काफी अधिक रहता है क्यों हवा मंद रहने से प्रदूषक आसमां में ही निलंबित रहते हैं। इन दिनों हवा भी काफी तेज चल रही है और लगातार बह रही है जिसके कारण इस साल एक्यूआई 200 के आसपास ही रहा है।
यह होता है एक्यूआई
एक्यूआई में पार्टिकुलेट मेटर यानि धूल के कणों का मापन होता है। धूल कण 10 माइक्रोन और 2.5 माइक्रोन तक मापे जाते हैं। इसके अलावा हवा में नाइट्रोजन डाई आक्साइड, सल्फर डाई आक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड व ओजोन मापी जाती है। इसकी इकाई माइकोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होती है। एक्यूआई के माध्यम से ही यह पता चलता है कि हवा में प्रदूषण का स्तर कहां तक पहुंच चुका है और इसके प्रमुख कारण क्या हैं।
प्रदेश के प्रमुख शहर व एक्यूआई स्तर
कोटा - 184
उदयपुर - 183
जयपुर - 150
गिवाड़ी - 264
जोधपुर - 179
पाली - 100
अलवर - 122
एक्यूआई यह देता है संकेत
- अच्छा यानी क ोई दिक्कत नहीं 0-50
- संतोषजनक हवा 51-100
- बाहर जाने से बचें 101-200
- श्वसन के मरिज को तकलीफ 201-300
- लम्बे बीमार रोगियों को दिक्कत 301-400
- बाहर बिल्कुल नहीं निकलें 401-500
पश्चिमी विक्षोभ के चलते गत दिनों पूरे प्रदेश में बारिश हुई थी। बारिश से धूल कण, गैस, कार्बन सहित अन्य धातु व अधातुओं के कण बौछारों के साथ बह गए हैं। इस कारण वायु प्रदूषण में कमी हो पाई है।
-एसडी मीना, मौसम वैज्ञानिक कोटा
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