11 दिनों के खूनी संघर्ष के बाद गाजा पट्टी में सीजफायर, समझौते पर अपने ही देश में घिरे नेतन्याहू
इजरायल और हमास के बीच 11 दिनों से जारी संघर्ष सीजफायर पर जाकर शांत हुआ। इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने गाजा पट्टी में 11 दिनों के सैन्य अभियान को रोकने के लिए एकतरफा संघर्ष विराम को मंजूरी दे दी है। इजरायल के साथ सीजफायर की पुष्टि हमास ने भी की है।
गाजा। इजरायल और हमास के बीच 11 दिनों से जारी संघर्ष सीजफायर पर जाकर शांत हुआ। इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने गाजा पट्टी में 11 दिनों के सैन्य अभियान को रोकने के लिए एकतरफा संघर्ष विराम को मंजूरी दे दी है। इजरायल के साथ सीजफायर की पुष्टि हमास ने भी की है। चरमपंथी संगठन के एक अधिकारी ने बताया कि इजरायल के साथ आपसी और समकालीन सीजफायर हो गया है। इसके साथ ही गाजा में 11 दिन का संघर्ष समाप्त हो गया।
गौरतलब है कि संघर्ष को रोकने के लिए इजरायल पर चारों तरफ से दबाव था। अमेरिका की ओर से भी हमास पर हमलों पर रोक लगाने की अपील की गई थी। हालांकि तब इजरायल ने अपील को नकार दिया था और लड़ाई को निर्णायक मोड़ तक ले जाने की बात कही थी। हालांकि बाद में प्रधानमंत्री नेतन्याहू के हाई लेवल सिक्यॉरिटी कैबिनेट के मंत्रियों ने सर्वसम्मति से गाजा में सीजफायर के समर्थन में वोट किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रक्षा अधिकारियों ने मंत्रियों के सामने ब्रीफिंग करते हुए कहा था कि इजरायल ने कथित फिलिस्तीनी आतंकी समूह के खिलाफ तटीय इलाके में सभी संभावित उपलब्धियों को हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि हमास काफी डर गया है और उसे काफी चोट पहुंची है। उधर संघर्ष विराम की घोषणा को हमास ने अपनी जीत बताया है। सीजफायर को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू अपने ही देश में घिर गए हैं। न्यू होप के नेता गिदेयोन सार ने नेतन्याहू सरकार की सीजफायर की योजना की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सीजफायर हमास और अन्य आतंकी गुटों के खिलाफ इजरायल की कार्रवाई को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाएगा।
बता दें कि पूर्वी यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद में झड़प के बाद से पिछले 11 दिनों में हमास और फिलिस्तीन के अन्य चरमपंथी गुटों ने इजरायल पर 4 हजार के करीब रॉकेट दागे। हमास के रॉकेट दागने पर इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी पर ताबड़तोड़ हमले किए, जिसमें 227 फिलिस्तीनियों की जान चली गई, जबकि हमास के हमले में इजरायल में 11 लोगों की मौत हो गई।
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