पतंग बाजार सजा, पुष्पा-2 की थीम का आसमान में दिखेगा क्रेज
मोटू पतलू, छोटा भीम लड़ाएंगे पेच
रंग बिरगी झालर, स्पाइडरमैन व कार्टून वाली पतंगों की मांग
कोटा। दिसंबर का प्रथम पखवाड़ा शुरू होते ही शहर में मकर संक्रांति पर्व की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इन दिनों बाजार में रंग बिरंगी पतंगों का बाजार सजने लगा है। इस बार पुष्पा -2 झुकेगा नहीं वाली पतंगे बाजार में डिमांड में है। इसके अलावा छोटा भीम, मोटू पतलू और डोरेमोन पतंगे बच्चों को लुभाने आ गई है। इस बार डोरेमोन व छोटा भीम पुष्पा -2 से मुकाबला करेंगी। इसके अलावा इस बार रंग बिरगी झालर वाली पतंगों के साथ कई नए कार्टून कैरेक्टर और नववर्ष 2025 के स्वागत की पतंगें बाजार में आई है। शहर के गुमानपुरा, रामपुरा, चौथमाता बाजार में पतंग बाजार सजने लगे हैं। आसमान में शाम के समय अब पतंगे दिखाई देनी शुरू हो गई हैं।
5 रुपए से लेकर 50 रुपए तक की पतंगें उपलब्ध
इस बार बाजार में कई तरह की नई पतंगे आई है। पतंग विक्रेता मनीष जैन ने बताया कि दो फीट की पतंग 50 रुपए में बिक रही है। इसके अलावा कार्टून केरेक्टर छोटा भीम, स्पाइडरमैन, बाहुबली, डोरेमोन, जादू वाली पतंगे बाजार में मौजूद है। बाजार में मांझा 10 रुपए से लेकर 500 रुपए तक मौजूद है। इस बार पतंगों में मुख्य आकर्षण राम मंदिर, छोटू पतलू, एग्री बर्ड, तिरंगा, घर तिरंगा पतंग भी आई हुए है। तीन रुपए से लेकर 50 रुपए तक पतंगे बाजार में उपलब्ध है। पतंगबाजी सुबह 6 बजे से 8 बजे तक और शाम को 5 से 7 बजे तक नहीं उड़ाएं। इन दोनों समय में पक्षियों का आसमान में विचरण समय होता है।
प्रिंटेड पतंगों का भी क्रेज
बच्चों में कार्टून किरदार वाले पतंगों की खूब मांग है। पतंगों पर बेन टेन, बार्बी, छोटा भीम, स्पाइडर मैन, शिवा, कृष्णा कार्टून के चित्र बने हुए हैं। बाजार में जयपुर, रामपुर की प्रिंटेड पतंगों का क्रेज सबसे अधिक है। पिछली बार के मुकाबले दाम में बहुत अंतर नहीं है। पांच रुपए से लेकर 50 रुपए तक की पतंगे बाजार में हैं।
बरेली का मांझा की डिमांड ज्यादा
पंतग विक्रेता मनीष जैन ने बताया कि इस बार बाजार में बरेली का मांझा ज्यादा बिक रहा है। बरेली का मांझा 250 रुपए से लेकर 500 रुपए तक बिक रहा है। वहीं इस बार कई फैन्सी चरखी आई है। इसके साथ तिरंगा यात्रा वाली पतंग, स्वच्छता के संदेश वाली पतंगे ज्यादा आई है।
नायलोन और चाइनीज मांझा रोज चार से पांच पक्षियों को कर रहा घायल
इस बार बाजार में चाइनीज मांझा धड़ल्ले से बिक रहा है। जिसके कारण रोज चार से पक्षी घायल हो रहे है। दुकानदारों के पास स्पेशल मांग पर ये नायलोन व चाइनीज माझा उपलब्ध रहा है। लेकिन इस बार दुकानदार धातु निर्मित मांझे की बिक्री लेकर सावचेत नजर आ रहे हैं। स्वयंसेवी संस्थाओं ने लोगों से अपील की है कि पतंगबाजी सुबह 6 बजे से 8 बजे तक और शाम को 5 से 7 बजे तक नहीं उड़ाएं। इन दोनों समय में पक्षियों का आसमान में विचरण समय होता है।
एक साल में 1200 से ज्यादा पक्षी हो चुके घायल
मनोज आदिनाथ ने बताया कि रोज तीन चार पक्षी रोज घायल होकर आ रहे है। पूरे साल घायल पक्षी आ रहे है। पिछले साल मकर संक्राति के दौरान 170 पक्षी घायल हुए थे। पूरे साल भर में 1200 से अधिक पक्षी घायल हो चुके है।
इनका कहना है
मकर संक्रांति पर पर्व पक्षी घायल होकर ज्यादा आते है। वैसे तो पूरे साल ही रोज तीन चार पक्षी घायल होकर आ रहे है। पतंगबाजी के दौरान पक्षी ज्यादा घायल होते है। उनके विचरण के समय ध्यान रखा जाए तो इनको घायल होने से बचाया जा सकता है।
- डॉ. अखिलेश पांडेय, उपनिदेशक पशु चिकित्सालय कोटा

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