म्यांमार में जुंटा सेना की बड़ी हार, पहली बार रोहिंग्या बहुल बांग्लादेश की सीमा पर विद्रोहियों का कब्जा
सित्त्वे पर ही सेना का कब्जे बचा है
गृह युद्ध में एक नया मोड़ आ गया है क्योंकि अराकान आर्मी अब पूरे रखाइन राज्य को कंट्रोल कर रही है, सिर्फ राजधानी सित्त्वे पर ही सेना का कब्जे बचा है।
नेपीडा। म्यांमार में लंबे समय से चल रहे गृह युद्ध में विद्रोही लड़ाकों को बड़ी कामयाबी मिली है और जुंटा शासन की सेना की जबरदस्त हार हुई है। अराकान आर्मी ने सेना के बेहद मजबूत ठिकाने, बीजीपी5 बैरक पर कब्जा कर लिया है। यह बैरक रखाइन राज्य में बांग्लादेश की सीमा के पास है। ऐसे में देश के बॉर्डर का अहम इलाका जुंटा शासकों के हाथ से निकल गया है। अब अराकान आर्मी का बांग्लादेश से लगी म्यांमार की पूरी सीमा पर नियंत्रण हो गया है। यह 2021 के तख्तापलट के बाद सेना की बड़ी हार है। इससे म्यांमार में चल रहे गृह युद्ध में एक नया मोड़ आ गया है क्योंकि अराकान आर्मी अब पूरे रखाइन राज्य को कंट्रोल कर रही है, सिर्फ राजधानी सित्त्वे पर ही सेना का कब्जे बचा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार में 2021 में सेना के सत्ता हथियाने के बाद से ही अराकान आर्मी लड़ रही है और कई इलाकों पर कब्जा कर चुकी है। इस कड़ी में बीजीपी5 बेस पर कब्जा अराकान आर्मी की सबसे बड़ी जीत है। इससे सेना की स्थिति काफी कमजोर हो गई है और विद्रोही गुट का प्रभाव बढ़ गया है। बीजीपी5 बेस म्यांमार सेना के लिए रखाइन राज्य में आखिरी गढ़ था। एए ने इस बेस पर कई महीनों से घेराबंदी कर रखी थी और भीषण हमले के बाद आखिरकार कब्जा कर लिया। रोहिंग्या बहुल इलाके में बना यह बेस लगभग 20 हेक्टेयर में फैला है।
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