असर खबर का - खाद संकट से राहत, रफ्तार पकड़ने लगी आपूर्ति
जिले में 1300 मीट्रिक टन की रैक पहुंची
पिछले दिनों खाद की कमी के चलते किसानों को लंबी कतारों में लगना पड़ रहा था।
कोटा । किसानों के लिए राहत भरी खबर है। कोटा जिले में खाद की आपूर्ति अब धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है। हाल ही में जिले में 1300 मीट्रिक टन खाद की एक रैक पहुंच चुकी है, जिससे सहकारी समितियों और डीलरों के माध्यम से किसानों को खाद उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं, कृषि विभाग के अनुसार आगामी दिनों में 2600 मीट्रिक टन खाद की एक और रैक जिले में आने वाली है। जिला प्रशासन और कृषि विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार वर्तमान में जिले में करीब 8000 मीट्रिक टन खाद का स्टॉक मौजूद है। यह स्टॉक रबी फसलों के लिए किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए धीरे-धीरे वितरित किया जा रहा है।
विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में वितरण
पिछले दिनों खाद की कमी के चलते किसानों को लंबी कतारों में लगना पड़ रहा था और कई जगहों पर असंतोष की स्थिति भी बन गई थी। अब लगातार रैक आने से हालात में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। कृषि अधिकारियों का कहना है कि आगामी रैक के पहुंचते ही जिले में खाद की उपलब्धता और बेहतर हो जाएगी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि खाद वितरण में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पीओएस मशीन के माध्यम से ही खाद दी जा रही है, ताकि किसी भी तरह की कालाबाजारी और अनियमितता पर रोक लगाई जा सके। इसके अलावा कृषि विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में खाद का वितरण करवाया जा रहा है, ताकि सभी किसानों को जरूरत के हिसाब से खाद की आपूर्ति हो सके।
नवज्योति ने प्रमुखता से उठाया था मामला
रबी सीजन में अचानक से मांग बढ़ने के कारण कोटा जिले हाड़ौती में खाद का संकट उत्पन्न हो गया था। इस सम्बंध में दैनिक नवज्योति में 6 दिसंबर के अंक में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया था। जिसमें बताया था कि हाड़ौती में रबी सीजन के दौरान किसानों के सामने खाद पाने की जद्दोजहद एक बार फिर बढ़ गई है। स्थिति यह है कि सुबह तड़के से शुरू होने वाली खाद वितरण केंद्रों पर लंबी कतारें दोपहर तक लगी रहती हैं। धरतीपुत्र कहलाने वाले किसान आवश्यक कृषि संसाधन के लिए घंटों इंतजार करने को मजबूर हैं। कई बार तो किसानों को खाली हाथ ही लौटना पड़ रहा है। कोटा जिले सहित हाड़ौती के अन्य जिलों में सरकारी एवं सहकारी वितरण केंद्रों पर यूरिया की मांग तेजी से बढ़ी है, लेकिन सीमित स्टॉक और आधार कार्ड आधारित वितरण प्रणाली के कारण प्रक्रिया में देरी हो रही है। सर्दी का असर बढ़ने के कारण अब गेहूं का यूरिया की जरूरत है। ऐसे में किसानों की खाद के लिए भीड़ बढ़ती ही जा रही है।
यदि इसी तरह नियमित आपूर्ति बनी रही तो बुवाई और फसल प्रबंधन में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। कृषि विभाग को जिले में खाद की वितरण व्यवस्था पर सख्ती से निगरानी रखनी चाहिए ताकि सभी किसानों को समय पर खाद मिल सके।
- लक्ष्मीचंद नागर, किसान नेता
खाद की आपूर्ति सुचारू करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। एक रैक पहले ही पहुंच चुकी है और जल्द ही 2600 मीट्रिक टन की रैक और आएगी। किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है, जिले में पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है।
- अतीश कुमार शर्मा, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग

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