15 से 27 फीसदी हॉस्टलों व मैरिज गार्डनों का ही जमा हुआ यूडी टैक्स

बड़े बकायादारों पर निगम कसेगा शिकंजा

15 से 27 फीसदी हॉस्टलों व मैरिज गार्डनों का ही जमा हुआ यूडी टैक्स

नोटिस के बाद भी टैक्स जमा नहीं करवाया जाएगा पर संपत्ति होगी सीज।

कोटा। वर्तमान वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही समाप्त होने को है। लेकिन अभी भी शहर में बड़ी संख्या में ऐसी सम्पत्तियां हैं जिनका नगरीय विकास कर(यूडी टैक्स) जमा नहीं हुआ है। विशेष रूप से मैरिज गार्डन व हॉस्टलों का काफी टैक्स बकाया है। ऐसे में अब नगर निगम की ओर से शहर में बड़े बकायादारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम की ओर से हर साल आवासीय व व्यवसायिक सम्पत्तियों से वसूल किया जाने वाला नगरीय विकास कर(यूडी टैक्स) जमा नहीं करवाने वालों पर नगर निगम सख्त कार्रवाई करेगा। विशेष रूप से बड़े बकायादारों पर सख्ती की जाएगी। यह कार्रवाई आने वाले दिनों में होगी।राज्य सरकार की गाइड लाइन के अनुसार निर्धारित मापदंड के तहत आवासीय, व्यवसायिक, संस्थानिक व इंडस्ट्रीयल सम्पत्तियों से नगरीय कर हर साल वसूल किया जाता है। इस वार्षिक टैक्स की अधिक से अधिक वसूली हो सके।

 इसके लिए सरकार की ओर से अप्रैल से जून तक पहली तिमाही में टैक्स जमा करवाने वालों को दस फीसदी की और दूसरी तिमाही जुलाई से सितम्बर तक चालू वित्त वर्ष का टैक्स जमा करवाने वालों को पांच फीसदी की छूट का प्रावधान किया हुआ है। जबकि तीसरी व चौथी तिमाही में किसी तरह की छूट का कोई प्रावधान नहीं है। वरन् टैक्स जमा नहीं करवाने वालों को नगर निगम की ओर से नोटिस जारी किए जाते हैं। एक या दो नोटिस के बाद भी टैक्स जमा नहीं करवाने वालों पर निगम की ओर से नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाती है।हालत यह है कि पूर्व में कोटा उत्तर व दक्षिण निगम में नगरीय विकास कर के अलग-अलग उत्तर में 8 और दक्षिण में 10 करोड़ का लक्ष्य तय किया गया था। लेकिन तीसरी तिमाही समाप्त होने को है अभी तक तो करीब आधा ही टैक्स जमा हुआ है। हालत यह है कि हॉस्टल, मैरिज गार्डन, बिल्डरों के अलावा शोरूम व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर सबसे अधिक टैक्स बकाया है।

करीब 9.50 करोड़ टैक्स जमा
नगर निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों निगमों का यूडी टैक्स लक्ष्य करीब 18 करोड़ रुपए है। जिसमें से करीब 9.50 करोड़ रुपए ही टैक्स जमा हो सका है। जानकारी के अनुसार उत्तर क्षेत्र में करीब 4 करोड़ रुपए और दक्षिण क्षेत्र में करीब 5.50 करोड़ रुपए टैक्स जमा हुआ है।

22 सौ में से करीब 18 सौ हॉस्टलों का बकाया
नगर निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा शहर में वर्तमान में करीब 22 सौ हॉस्टल संचालित हं। जिनमें से करीब 18 सौ हॉस्टल ऐसे हैं जिनके द्वारा यूडी टैक्स जमा नहीं हुआ है। मात्र एक चौथाई हॉस्टलों का भी टैक्स जमा नहीं है। हॉस्टलों पर करीब 25 करोड़ से अधिक का टैक्स बकाया है।

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एक चौथाई मैरिज गार्डन का ही टैक्स जमा
जानकारी के अनुसार कोटा शहर में वर्तमान में करीब 80 मैरिज गार्डन संचालित हैं। हालांकि नगर निगम में इनमें से गिनती के ही गार्डन पंजीकृत हैं। लेकिन संस्थाओं की ओर से संचालित इन मैरिज गार्डनों का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है। हालत यह है उनमें से मात्र एक चौथाई 20 मैरिज गार्डनों का ही टैक्स जमा है। इन पर करीब 5 करोड़ रुपए टैक्स बकाया है।

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फायर एनओसी के लिए यूडी टैक्स आवश्यक
राज्य सरकार के आदेशानुसार किसी भी व्यवसायिक सम्पति विशेष रूप से मैरिज गार्डन व हॉस्टलों के संचालन के लिए फायर एनओसी आवश्यक है। वहीं फायर एनओसी तभी मिलेगी जब उसका यूडी टैक्स जमा होगा। जबकि कई बार देखने में आया है कि बिना यूडी टैक्स जमा करवाए हुए थी फायर एनओसी जारी की जा चुकी है। पूर्व में इस तरह का मामला सामने आया था।
सूत्रों के अनुसार शहर में संचालित अधिकतर हॉस्टलों व मैरिज गार्डन सचालकों के पास न तो फायर सिस्टम है। यदि सिस्टम लगा हुआ भी है तो एनओसी नहीं है। एनओसी लेने के लिए आवेदन के साथ यूडी टैक्स जमा होने की रसीद लगाना आवश्यक है। यही कारण है कि अधिकतर के पास फायर एनओसी ही नहीं है। जिससे कभी आग लगने की बड़ी घटना होने के समय इसका खुलासा हो चुका है।

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गत दिनों यूडी टैक्स कार्यालय का निरीक्षण कियाथा। उस समय शहर में यूडी टैक्स के दायरे में आने वाली सम्पतियों और उनके द्वारा जमा व बकाया टैक्स की जानकारी ली थी। टैक्स के दायरे में आने वाले सभी बड़े बकायादारों से टैक्स वसूली व समय से पहले जमा करवाने के लिए पहले नोटिस जारी किए जाएंगे। दो नोटिस तक और समय पर टैक्स जमा नहीं करवाने वालों पर सख्ती करते हुए नियमानुसार सीजिंत तक की कार्रवाई की जाएगी। हॉस्टल व मैरिज गार्डनों के लिए फायर एनओसी आवश्यक है। फायर एनओसी तभी मिलती है जब यूडी टैक्स की रसीद उसके साथ लगी हो। हॉस्टलों की हालत को देखते हुए उन पर भली ही सख्ती न हो लेकिन जो जमा करवा सकता है उससे लिया जाएगा। साथ ही शेष व्यवसायिक बकायादारों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
- ओम प्रकाश मेहरा, आयुक्त नगर निगम कोटा

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