अब सर्विस केबल के लिए उपभोक्ता नहीं लगाएगा सहायक अभियंता कार्यालयों के चक्कर
केबल में फॉल्ट की सूचना मिलते ही एईएन या जेईएन पहुंचाएंगे उपभोक्ता के घर केबल
जयपुर सिटी सर्किल ने जारी किए निर्देश
जयपुर। अगर किसी उपभोक्ता के घर की सर्विस केबल में फॉल्ट आने के कारण बिजली गुल हो जाए तो अब उपभोक्ता को नई सर्विस केबल की राशि जमा कराने और केबल लेने के लिए सहायक अभियंता कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। फॉल्ट सुधारने आई फास्ट रेस्पॉन्स टीम (एफआरटी) की सूचना पर खुद संबंधित सहायक अभियंता या कनिष्ठ अभियंता उपभोक्ता के घर सर्विस केबल भिजवाएंगे ना कि उपभोक्ता को सहायक अभियंता कार्यालय आकर सर्विस केबल ले जाने और राशि जमा कराने के लिए बाध्य करेंगे।
जयपुर सिटी सर्किल ने जारी किए निर्देश
इस संबंध में जयपुर डिस्कॉम के सिटी सर्किल अधीक्षण अभियंता एके त्यागी ने मंगलवार को आदेश जारी किए हैं। आदेशों में साफ निर्देशित है कि इस आदेश की अनुपालना में किसी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अभी ऐसे चकरघिन्नी होते हैं उपभोक्ता
अक्सर यह देखा गया है कि उपभोक्ता द्वारा बिजली नहीं आने की शिकायत पर यदि एफआरटी टीम की ओर से उपभोक्ता की सर्विस केबल में फॉल्ट पाया जाता है तो एफआरटी के सदस्य उपभोक्ता को यह सलाह देते हैं कि वह सहायक अभियंता कार्यालय में राशि जमा कराए। राशि जमा कराने के बाद ही एफआरटी पार्टी शिकायत का निस्तारण करती है। ऐसी प्रक्रिया से उपभोक्ता को अनावश्यक असुविधा होती है और निगम की नकारात्मक छवि बनती है।
उपभोक्ताओं को ऐसे मिलेगी राहत
अधीक्षण अभियंता की ओर से इंजीनियर्स को जारी आदेश में कहा गया है कि मीटर या सर्विस लाइन खराब होने की स्थिति में उपभोक्ता को कार्यालय के चक्कर लगाने के लिए विवश नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि एफआरटी पार्टी से सूचना प्राप्त होने के बाद संबंधित सहायक अभियंता या कनिष्ठ अभियन्ता का यह दायित्व होगा कि उपभोक्ता के यहां सर्विस लाइन भिजवाए और उसके यहां नई सर्विस लाइन या केबल लगवाकर उसकी विद्युत व्यवस्था सुचारु करे। इस कार्य में यदि उपभोक्ता का मीटर जला हुआ पाया जाता है तो उस स्थिति में उपभोक्ता के आगामी विद्युत बिल में सीसी एंड आर के द्वारा मीटर राशि डेबिट कर दी जाए। सहायक अभियंता या कनिष्ठ अभियंता यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी परिस्थति में उपभोक्ता को सहायक अभियन्ता कार्यालय आकर सर्विस लाइन ले जाने और राशि जमा कराने के लिए बाध्य नहीं किया जाए।
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