अन्तिम छोर की नहरों में पानी नहीं पहुंचने से हो रही अव्यवस्था
दैनिक नवज्योति में खबर प्रकाशित होने के बाद पीपल्दा विधायक मीणा ने लिखा पत्र
पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा ने मुख्य अभियन्ता सिंचित क्षेत्र विकास विभाग जयपुर को पत्र लिखकर अन्तिम छोर की नहरों में पानी पहुंचाने की मांग की है। पीपल्दा कोटा में इस वर्ष हुई अतिवृष्टि के कारण खरीफ की फसल नष्ट हो जाने से काश्तकार मात्र रबी की फसल पर ही निर्भर हैं।
बूढ़ादीत। दैनिक नवज्योति में खबर प्रकाशित होने के बाद पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा ने मुख्य अभियन्ता सिंचित क्षेत्र विकास विभाग जयपुर को पत्र लिखकर अन्तिम छोर की नहरों में पानी पहुंचाने की मांग की है। मीणा ने पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि मेरे विधान सभा क्षेत्र पीपल्दा कोटा में इस वर्ष हुई अतिवृष्टि के कारण खरीफ की फसल नष्ट हो जाने से काश्तकार मात्र रबी की फसल पर ही निर्भर हैं। किन्तु चम्बल सिंचित क्षेत्र में अन्तिम पिलाई के लिए वांछित सिंचाई जल नहीं पहुंच रहा है। जिससे उनके द्वारा कड़ी मेहनत से अब तक बचाए रखी फसल नष्ट होने के कगार पर है। टेल क्षेत्र से अभी नहरी पानी उपलब्ध नहीं हुआ तो किसान बरबाद हो जाएगा। जनसम्पर्क के दौरान मौके की स्थिति के मुताबिक तथा किसानों द्वारा जानकारी मिली है कि चम्बल सिंचित क्षेत्र की नहरों का सिस्टम वर्तमान में सही ढंग से नहीं चल पा रहा है। सिंचाई के लिए किसानों को नहरी पानी प्रत्येक नहर के टेल क्षेत्र से दिया जाना चाहिए था। किन्तु अनजाने में अथवा जानबूझकर टेल क्षेत्र से प्राथमिकतानुसार दिया जाने वाला पानी बहुत कम मात्रा में ऊपरी क्षेत्र से दिया जाने तथा नहरों की नियमित साफ-सफाई नहीं करने से झाड़-झंखाड़ एवं कांजी बीड के कारण नहरें अनेक स्थानों पर अवरूद्ध हो जाने से अत्यन्त खराब स्थिति उत्पन्न हो गई है।
अन्तिम छोर तक पानी पहुंचाने की नहीं हो रही कोशिश
मीणा ने बताया कि चम्बल नदी के बांधों में भरपूर पानी होने के बावजूद उसे अन्तिम छोर तक पहुंचाने की कोशिश नहीं करने के कारण किसान नहरी पानी के लिए तरस रहे हैं। विगत 8 दिवस से मेरे द्वारा लगातार आपके विभाग के सम्बन्धित सहायक अभियन्ता, अधिशासी अभियन्ता इटावा अन्ता एवं कोटा, अधीक्षण अभियन्ता कोटा, अतिरिक्त क्षेत्रीय विकास आयुक्त को लगातार उक्त स्थिति से सूचित किया जा रहा है। किन्तु किसी भी अधिकारी द्वारा अब तक भी टेल क्षेत्र का दौरा नहीं किया गया और न ही जलापूर्ति सुधार की दिशा में कोई अपेक्षित कार्यवाही किए जाने की जानकारी मिली है।
मीणा ने चेताया अधिकारियों को
मीणा ने अधिकारियों को चेताते हुए बताया कि नहरी पानी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने से किसान उद्वेलित हैं। नहरी सिस्टम के संचालन एवं रखरखाव की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए। इसके लिए सिंचित क्षेत्र विकास आयुक्त कोटा के साथ अधिकारियों द्वारा बैठकर नीति निर्धारित की जाए। समय-समय पर नहरी क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में भ्रमण कार्यक्रम बनाया जाना आवश्यक प्रतीत होता है। नहरों की हालत ठीक करने, जंगल सफाई कार्य करने के लिए मशीनें व लेबर आदि उपलब्ध करवाने के लिए अविलम्ब फण्ड दिया जाए। रिक्त चले आ रहे पदों को भरा जाए।
कुछ समय के लिए प्रत्येक नहर के अंतिम छोर की मॉनिटरिंग के लिए कर्मचारी नियुक्त किए जाएं। ऊपर से पानी पहुंचाने का सिस्टम चेंज कर नहर वाइज टेल एरिया से प्रारंभ किया जाए तथा जो राशि नहरों की मरम्मत के नाम पर नाबार्ड आदि से दी गई है उसका उपयोग सही ढंग से किया जाए आदि मांगें की गई हैं।
कानून व्यवस्था भंग होने की आशंका
मीणा ने बताया कि जानकारी मिली है कि इस स्थिति के कारण किसान आन्दोलन की राह पर चलने पर विवश हो रहे हैं। क्षेत्र में कानून व्यवस्था भंग होने की आशंका है। जनप्रतिनिधि के नाते में यह सुझाव दे रहा हूं। ताकि किसान आन्दोलन तथा किसानों को होने वाले नुकसान से बचा जा सके।
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