निगम ने पकड़े एक दर्जन मवेशी
देव नारायण योजना में राशि जमा करवाने का भी किया सरलीकरण
नगर निगम कोटा दक्षिण द्वारा शुक्रवार को शहर में सड़कों पर लावारिस हालत में घूमने वाले एक दर्जन मवेशियों को पकड़कर कायन हाउस में बंद किया है। वहीं देव नारायण योजना में आवेदन करने वाले पशु पालकों के लिए न्यास ने राशि जमा करवाने में सरलीकरण किया है।
कोटा । नगर निगम कोटा दक्षिण द्वारा शुक्रवार को शहर में सड़कों पर लावारिस हालत में घूमने वाले एक दर्जन मवेशियों को पकड़कर कायन हाउस में बंद किया है। वहीं देव नारायण योजना में आवेदन करने वाले पशु पालकों के लिए न्यास ने राशि जमा करवाने में सरलीकरण किया है।
नगर निगम कोटा दक्षिण के संवेदक द्वारा सुबह विज्ञान नगर क्षेत्र से सड़कों पर घूमने वाले मवेयिशों को घेराबंदी कर पकड़ा। जानकारी के अनुसार एक दर्जन मवेशी पकड़े जिनमें से 6 सांड और 6 बछड़े शामिल हैं। उन्हें नगर निगम की किशोरपुरा स्थित कायन हाउस में रखा गया है। नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण द्वारा शहर में घूमने वाले लावारिस मवेशियों को पकड़ने का अलग-अलग टेंडर दिया हुआ है। लेकिन हालत यह है कि मवेशी पकड़ने का टेंडर होने के बावजूद शहर कीे सड़कों पर मवेशियों का इतना अधिक जमावड़ा है कि उनसे यातायात बाधित होने के साथ ही दुर्घटनाओं का भी खतरा बना हुआ है।
देव नारायण योजना में पशु पालकों को शिफ्ट नहीं करने और निगम द्वारा मवेशियों को नहीं पकड़ने से शहर में हो रही समस्या के बारे में दैनिक नवज्योति में 4 मार्च के अंक में ‘ देव नारायण योजना में आवेदन की बार-बार बढ़ रही तारीख’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें योजना के शुरू नहीं होने से सड़कों पर मवेशियों के घूमने से होने वाली समलसया को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। उसके बाद निगम के अधिकारी हरकत में आए। संवेदक के माध्यम से शुक्रवार को 12 पशुओं को पकड़ा गया।
इधर मासिक किस्त होने से कर रहे पशु पालक आवेदन
इधर देव नारायण आवासीय योजना में पशु पालकों के लिए आवास बनाए गए हैं। लेकिन उनमें अभी तक भी अधिकतर पशु पालकों ने आवेदन नहीं किए हैं। जिससे नगर विकास न्यास को बार-बार आवेदन की तिथि बढ़ानी पड़ रही है।
जानकारी के अनुसार योजना में 737 आवास 35 गुणा 90 फीट और 237 आवास 35 गुणा 70 फीट वाले हैं। आवासों की राशि 14 लाख रुपए होने व पूर्व में एक माह में एक मुश्त राशि जमा करवाने से पशु पालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इस कारण से आवेदन नहीं कर पाए थे। पशु पालकों की समस्या को देखते हुए न्यास द्वारा बैंकों के साथ मिलकर शिविर लगाए जिनमें ऋण की सुविधा दी गई। लेकिन पशु पालकों के पास पर्यापत दस्तावेज नहीं होने से वे ऋण भी नहीं ले सके। उस समय न्यास ने उनकी 12 हजार व 10 हजार रुपए मासिक किस्त की। जिसमें कुछ लोगों ने फिर आवेदन किए। लेकिन उसके बाद भी आवास खाली रह गए। इस पर राज्य सरकार की सहमति से न्यास ने फिर से आवेदन की तिथि बढ़ाकर 7 मार्च कर दी है। साथ ही अब पशु पालकों को योजना में आवेदन करने पर न तो ऋण लेने की जरुरत है और न ही अधिक राशि मासिक किस्त के जमा करवाने की। अब पशु पालक 5 हजार व 6 हजार रुपए मासिक किश्त 20 साल तक जमा करवाकर आवास ले सकता है।
जानकारी के अनुसार योजना में राशि जमा करवाने का सरलीकरण करने के कारण अब अधिक पशु पालक आवेदन कर रहे हैं। योजना में अब तक 75 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। योजना में सर्वेधारी पशु पालक ही आवेदन कर सकते हैं।
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