सारी बातें काल्पनिक: रेलवे के निजीकरण का कोई प्रश्न नहीं : वैष्णव

वैष्णव ने कहा कि रेलवे का निजीकरण नहीं हो सकता है क्योंकि पटरियां रेलवे की हैं, इंजन रेलवे के हैं, स्टेशन और बिजली के तार रेलवे के हैं।

सारी बातें काल्पनिक: रेलवे के निजीकरण का कोई प्रश्न नहीं : वैष्णव

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया कि रेलवे के निजीकरण का कोई प्रश्न ही नहीं है और इस बारे में कही गई सारी बातें ‘काल्पनिक’ हैं।

नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया कि रेलवे के निजीकरण का कोई प्रश्न ही नहीं है और इस बारे में कही गई सारी बातें ‘काल्पनिक’ हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की दृष्टि में रणनीतिक क्षेत्र के रूप में रेलवे की सामाजिक जवाबदेही है जिसे वाणिज्यिक व्यवहार्यता पर ध्यान देते हुए पूरा किया जा रहा है। वैष्णव ने कहा कि रेलवे का निजीकरण नहीं हो सकता है क्योंकि पटरियां रेलवे की हैं, इंजन रेलवे के हैं, स्टेशन और बिजली के तार रेलवे के हैं। इसके अलावा डिब्बे और सिग्नल प्रणाली भी रेलवे की ही हैं।


रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने वैष्णव ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती पीयूष गोयल भी पहले स्पष्ट कर चुके हैं कि रेलवे का ढांचा जटिल है और इसका निजीकरण नहीं होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मालगाड़ियों का भी निजीकरण नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का बचपन रेल से जुड़ाव है, वो रेल को भलीभांति समझते हैं। तकनीकी तौर पर, एक साधारण मानवीय दृष्ठिकोण से, एक पैसेंजर के दृष्टिकोण से देश का भविष्य कैसे बदल सकता है उस दृष्टिकोण से अपना दूरगामी विचार बहुत डिटेल में शेयर किया। सबका साथ सबका विकास उनका मूलमंत्र रहता है और आत्मनिर्भर भारत की कल्पना उनके कार्यक्रम की मूल में रहती है। अंत्योदय और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना से जुड़ा यह बजट है। उन्होंने कहा कि रेलवे का शेयर लगातार गिरता जा रहा था और उसके कारण देश का भी नुकसान हो रहा था। इकोनॉमी का लॉस बढ़ता जा रहा था, रेलवे में डीजल का बिल बढ़ता जा रहा था।

जब नेतृत्व संभाला तो सबसे पहले सफाई पर ध्यान दिया। स्टेशन की, ट्रेन की सबकी सफाई की, एक परिवर्तन आता है, उसके बाद में जितने फील्ड आॅफिस थे हमारे, बहुत सारी पॉवर नीचे डेलीगेट किए गए, आज 90 फीसदी टेंडर्स फील्ड आॅफिस में डिसाइड होते हैं, रेलवे बोर्ड में नहीं आते। उन्होंने कहा कि बजट में भारत की विविधिता को ध्यान में रखते हुए वन नेशन वन प्रोडक्ट का कॉन्सेप्ट अनाउंस किया गया है, बहुत जल्द पायलट प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा।

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