जलदाय विभाग की गलती से सूखे लोगों के कंठ
छोटी काली सिंध नदी पर बने चेक डेम के समय पर गेट बंद नहीं करने से पानी हुआ कम
लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
चौमहला। कस्बे में छोटी काली सिंध नदी पर बने चेक डेम के गेट समय पर नहीं लगने से फरवरी माह में ही पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। गर्मी के मौसम में यह संकट और गहरा सकता है। जलदाय विभाग की उदासीनता व लापरवाही का खामियाजा कस्बे के बाशिंदों को भोगना पड़ रहा है। कस्बे के कुंडला रोड, नई आबादी क्षेत्र में पांच दिनों बाद नलों में पानी टपका। नदी में मात्र दस से पंद्रह दिनों का ही पानी बचा है। चौमहला कस्बे के मुख्य जल स्त्रोत छोटी काली सिंध नदी पर रेलवे पुलिया व गंगधार के समीप पानी रोकने के लिए चेक डेम बने हुए हैं। लेकिन समय रहते इन दोनों चेक डेम पर गेट नहीं लगाए गए। जब गेट लगाए गए तब तक नदी का बहाव बंद हो चुका था। नदी से किसानों ने सिंचाई भी की। जिस कारण नदी जल्दी सूख गई और फरवरी माह में ही पानी का संकट उत्पन्न हो गया। चौमहला कस्बे का मुख्य जल स्त्रोत छोटी काली सिंध नदी में पानी रीत गया है। जिस कारण कस्बे की पेय जलापूर्ति गड़बड़ा रही है। कस्बे के कुंडला रोड,नई आबादी, विलावली रोड, ईदगाह क्षेत्र में मंगलवार को पांचवें दिन जलापूर्ति की गई। जबकि कस्बे के अन्य क्षेत्रों में भी चार-पांच दिनों से पेयजल की सप्लाई नहीं हो सकी। जिस कारण सर्दियों के दिनों में ही लोगो को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। नदी में पानी रीत जाने से आने वाली गर्मी के मौसम में यह समस्या और गंभीर हो सकती है।
हर दूसरे दिन होती है जलापूर्ति
चौमहला कस्बे में कई वर्षों से एक दिन छोड़ कर एक दिन जलापूर्ति की जाती है। इसके लिए जलदाय विभाग ने कस्बे को आठ जोन में बांट रखा है। हर जोन में अलग-अलग समय पर जलापूर्ति की जाती है। मंगलवार को कुंडला रोड जोन में जलापूर्ति की गई जबकि अन्य जोन में सप्लाई नहीं होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
नदी पर हैं दो चेक डेम
छोटी काली सिंध नदी पर गंगधार व रेलवे पुलिया के समीप चेक डेम बने हुए हैं। इन पर 15 सितंबर तक हर साल गेट लगा दिए जाते हैं। इस वर्ष गेट लगाने का टेंडर लेट होने के कारण समय पर गेट नहीं लग पाए। जब तक गेट लगे, तब तक नदी में बहाव बंद हो चुका था। जिस कारण नदी में पानी का ठहराव नहीं हो सका। रेलवे पुलिया के समीप बने चेक डेम में रुके पानी से चौमहला कस्बे की जलापूर्ति होती है। जलदाय विभाग के सूत्रों के अनुसार नदी में अलग-अलग आवश्यकता अनुसार जेसीबी मशीन से गड्डे कर पानी लिफ्ट किया जाएगा। उसी से कस्बे में जलापूर्ति की जाएगी।
गोलखेडी में स्थित है इंटेक वेल
चौमहला कस्बे को जलापूर्ति के लिए जलदाय विभाग ने छोटी काली सिंध नदी पर गोलखेड़ी गांव में इंटेक वेल बना रखा है। इंटेक वेल में पानी समाप्त हो जाने के कारण सोमवार को जलदाय विभाग द्वारा नदी में जेसीबी मशीन से गड्ढा करवा कर पानी लिफ्ट किया गया। तब जाकर मंगलवार को कुंडला रोड वाले जोन में जलापूर्ति हो सकी।
कस्बे के वार्ड नंबर 4 में चार-पांच दिन से जलापूर्ति नहीं होने से परेशानी हो रही है। जलदाय विभाग द्वारा चेक डेम पर समय पर गेट नहीं लगाने से नदी जल्दी सूख गई है। यह विभाग की लापरवाही है। समय पर गेट लगाना चाहिए। गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या होगी।
- अनिल वर्मा, वार्ड नंबर-4
हमारे वार्ड में चार पांच दिन से जलापूर्ति नहीं होने से समस्या हो रही है। पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
- महेंद्र कटारिया, वार्ड-5
बस स्टेंड इलाके में चार दिनों से नलों में पानी नहीं आ रहा है। विभाग को समय से जलापूर्ति करनी चाहिए।
- कमल मोदी, बस स्टेंड निवासी
बस स्टेंड क्षेत्र में करीब 15 दिनों बाद तो लाइन सही हुई थी। अब चार दिनों से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है।
- दिलीप जैन, बस स्टेंड निवासी
एक मोटर खराब हो गई थी। उसे सही करवा दिया गया है। नदी में जेसीबी से गड्ढा करवा कर पानी लिफ्ट किया जा रहा है। जैसे-जैसे आवश्यकता होगी, नदी में गहरा गड्ढा करवा कर पानी लिफ्ट किया जाएगा। यदि गर्मी के मौसम में समस्या आई तो टैंकर लगाकर जलापूर्ति करवाई जाएगी।
- वन्दना शर्मा, जेईएन, जलदाय विभाग, चौमहला
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