जमीन का सीना फाड़कर निकाल रहे भू-जल, सबसे ज्यादा सांगोद में हो रहा दोहन

जमीन का सीना फाड़कर निकाल रहे भू-जल, सबसे ज्यादा सांगोद में हो रहा दोहन

कोटा में पिछले 4 साल में भू जल स्तर 1.5 मीटर से ज्यादा गिर चुका है।

कोटा। जिले का भू जल स्तर लगातार कम हो रहा है, जिसमें कोटा शहर के साथ ही आस पास के कस्बों में लगातार रिचार्ज से ज्यादा पानी का दोहन किया जा रहा है। ऐसे में चंबल नदी का पानी उपलब्ध नहीं होने की दशा में पेयजल के लिए सबसे उपयुक्त संसाधन की लगातार कमी हो रही है। साथ इसमें भू जल का लगातार हो रहा अनियंत्रित दोहन भी इस समस्या को और बढ़ा रहा है। कोटा में पिछले 4 साल में भू जल स्तर 1.5 मीटर से ज्यादा गिर चुका है। हालांकि हर साल बारिश होने पर शहर के साथ साथ जिले का भू जल स्तर बढ़ भी जाता है। लेकिन रिचार्ज से ज्यादा दोहन होने के कारण भू जल स्तर में लगातार गिरावट देखी जा रही है।

कोटा शहर का भूजल स्तर
वर्ष        स्तर (मीटर में)
2020        5.01 
2021        5.10
2022        3.36
2023        4.81

वर्ष 2021-22
ब्लॉक                 दोहन योग्य     जल दोहित जल     प्रतिशत      श्रेणी
इटावा                 11667           9662.37               82            अर्द्ध गंभीर
खैराबाद              5225.68        5926                    113          अति दोहित
कोटा शहर           942.07         2228.44                114.7       अति दोहित
लाडपुरा ग्रामीण    4702.97       5207.82                110.7       अति दोहित
सांगोद                9469.98       13438                  141          अति दोहित
सुल्तानपुर          11303.97      8578                    75            अर्द्ध गंभीर

वर्ष 2022-23
ब्लॉक                  दोहन योग्य जल      दोहित जल        प्रतिशत         श्रेणी
इटावा                  12083.61              10290.02         85.15        अर्द्ध गंभीर
खैराबाद               5378.54                6404               119.06       अति दोहित
कोटा शहर            2125.59                2533.73          119.20       अति दोहित
लाडपुरा ग्रामीण    5093.09                5777.80           113.4         अति दोहित
सांगोद                9983.50                14852.85         148.77       अति दोहित
सुल्तानपुर           11753.34             9086.13            77.30         अर्द्ध गंभीर

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हर साल रिचार्ज से ज्यादा दोहन
कोटा शहर में हर साल रिचार्ज से ज्यादा भू जल का दोहन किया जा रहा है। भू जल विभाग के वैज्ञानिक सुबोध मेहता ने बताया कि कोटा शहरी ब्लॉक में साल 2022-23 में मौनसून में करीब 2 हजार 361 हेक्टर मीटर पानी का रिचार्ज हुआ। लेकिन इससे 120 फीसदी से अधिक यानी करीब 2 हजार 533 हेक्टेयर मीटर पानी का दोहन किया गया। ऐसे में वर्ष 2022-23 में ही पानी के दोहन और रिचार्ज में 230 एचएएम की गिरावट रही जिससे कोटा शहरी ब्लॉक में पानी का स्तर 1.5 मीटर तक गिर गया। गत वर्ष कोटा शहरी ब्लॉक से घरेलू अव्यवसायिक और व्यवसायिक कार्यों में 115 फीसदी से अधिक पानी का दोहन हुआ। जिसकी भरपाई के रुप में केवल 2 हजार 157 एचएएम हेक्टेयर मीटर पानी ही रिचार्ज हुआ। वहीं साल 2021-22 में ब्लॉक की 1 हजार 942 हैक्टेयर मीटर की क्षमता की तुलना में 2 हजार 228 एचएएम हेक्टेयर मीटर पानी का दोहन किया। जिसमें रिचार्ज से करीब 300 हैक्टेयर मीटर पानी का अधिक दोहन किया गया। 

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चार साल में 1.2 मीटर गिरा जल स्तर
किसी भी क्षेत्र में भू जल स्तर की गणना करने के लिए कुओं का उपयोग किया जाता है। जहां कुओं में भू तल से जितना नीचे पानी नजर आता है उसे भू जल स्तर माना जाता है। बात करें कोटा शहर की तो शहर में जनवरी 2020 में भूजल स्तर 5.01 मीटर, जनवरी 2021 में 5.10 मीटर, वहीं वहीं जनवरी 2022 में भू जल स्तर 3.36 मीटर और जनवरी 2023 में ये जल स्तर 4.81 मीटर हो गया। हालांकि साल 2022 और 23 के बीच जल स्तर में वृद्धि हुई है। लेकिन पिछले 4 सालों की तुलना की जाए तो शहर का भू जल स्तर करीब 1.2 मीटर गिरा है। 

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कोटा जिले के 6 में से 4 ब्लॉक अति दोहित श्रेणी में 
कोटा जिले में भू जल स्तर को मापने के लिए 6 ब्लॉक बनाए गए हैं जिनमें भू जल स्तर को मापा जाता है। जिनमें 4 ब्लॉक अति दोहित श्रेणी में हैं। जिले के जिले के लाडपुरा, खैराबाद, कोटा शहरी और सांगोद ब्लॉक अति दोहित की श्रेणी में जा चुके हैं। इन ब्लॉकों में हर साल भू जल के रिचार्ज होने से ज्यादा पानी का दोहन किया जा रहा है। इसके अलावा चारों ब्लॉक में सबसे ज्यादा दोहन सांगोद ब्लॉक में देखने को मिल रहा है जहां हर साल क्षमता से 150 फीसदी तक भू जल का दोहन किया जा रहा है। खैराबाद ब्लॉक में हर साल क्षमता से 113 फीसदी से 120 फीसदी अधिक दोहन हो रहा है। इसी तरह लाडपुरा ब्लॉक में 110 से 115 फीसदी अधिक दोहन किया जा रहा है। इटावा में क्षमता से 80 फीसदी से 85 फीसदी और सुल्तानपुर में 75 से 80 फीसदी अधिक दोहन हो रहा है।

दो साल में ये रहा भूजल स्तर
कोटा जिले के 6 ब्लॉकों में से इटावा ब्लॉक को छोड़कर सभी ब्लॉकों में भू जल के स्तर में गिरावट देखने को मिली है। जहां इटावा ब्लॉक में वर्ष 2022 में स्तर 11.14 मीटर था जो साल 2023 में गिरकर 10.89 हो गया। वहीं खैराबाद ब्लॉक का स्तर वर्ष 2023 में 4.39 से गिरकर 9.56 मीटर रह गया। इसी तरह लाडपुरा ब्लॉक का जल स्तर वर्ष 2023 में 6.65 से गिरकर 11.92 मीटर हो गया। इसके अलावा सांगोद ब्लॉक का जल स्तर 10.28 से गिरकर 11.22 मीटर हो गया और सुल्तानपुर ब्लॉक का जल स्तर वर्ष 2023 में 9.55 से गिरकर 10.03 रह गया। 

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