खंभों पर खड़े यमदूत

पहले बनने से नहीं रोका, अब तारों को हटाने से मना कर रहे

खंभों पर खड़े यमदूत

शिफ्टिंग के खर्चे की वजह से हजारों जिंदगियों पर खड़ा हैं खतरा ।

कोटा। कोटा सकतपुरा क्षेत्र की काली बस्ती में महाशिवरात्रि के दिन एक बड़े हादसे में 19 बच्चे करंट की चपेट में आ गए थे। जिनमें से तीन बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। शहर के तीन मासूम बच्चों की जान लेने वाला ये हादसा झंडे में लगे स्टील पाइप के हाई टेंशन लाइन से टकराने के कारण हुआ था। जहां बस्ती में ये हाई टेंशन लाइन मात्र 15 फुट की उंचाई से निकल रही है। शहर में आए दिन कहीं ना कहीं से लोगों के बिजली के चपेट में आने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। इन हादसों का सबसे प्रमुख कारण मकानों का निर्माण बिजली के तारों के नीचे या विद्युत खभों के आस पास बना होना सामने आता है। लेकिन शहर की कई कच्ची बस्तियों से लेकर रिहायशी इलाकों में एक जैसी तस्वीर समाने आती हैं जहां मकान या तो तारों के नीचे बने हैं या खंभों को ही मकानों के अंदर लिया हुआ है।

कच्ची बस्तियों से लेकर रिहायशी इलाकों में तारों के बीच मकान
कोटा में कोई भी ऐसा इलाका नहीं छूटा है जिसमें विद्युत तारों और खभों के बीच लोगों ने अपने मकान खड़े किए हुए हैं। जहां लोग को खुद की जान की परवाह है ना दूसरों की। शहर के बालिता रोड, प्रेम नगर, ग्रीन पाम हाउसिंग सोसायटी, बोरखेड़ा, डीसीएम, नांता, सकतपुरा सहित कई इलाके ऐसे हैं, जहां मकान या तो खभों के बीच मौजूद हैं या तारों के नीचे। कई स्थानों पर तो हालात यहां तक खराब है कि लोगों ने हाइटेंशन लाइन के खभों तक को मकान के भीतर लिया हुआ है। जिस प्रशासन ना कोई कारवाई करता है ना ही नए बन रहे मकानों को रोकता है। विभाग पहले तो इन स्थानों पर मकानों को बनने से रोकता नहीं है। वहीं हटाने की शिकायत करने पर शिफ्टिंग का खर्च जमा करने को कहता है, जो बहुत ज्यादा है। इसके अलावा शहर में कई कॉलोनियां ऐसी हैं जिन्हें यूआईटी ने अप्रुव्ड कर दिया लेकिन मकानों के सामने से गुजर रही लाइनों और खंभों को हटाना भूल गए। ऐसे में इन कॉलोनियों में रहने वाले लोग दहशत में हैं। 

शिकायत पर शिफ्टिंग का खर्च मांगता  है विभाग
बस्तियों और रिहायशी इलाकों के ऊपर से गुजर रही इन लाइनों को लेकर लोगों ने कई बार शिफ्टिंग को लेकर शिकायत भी दर्ज कराई हुई है। लेकिन उस पर कोई कारवाई नहीं की जाती उल्टा विभाग और कंपनियां लाइन और खभों को शिफ्ट करने के लिए भारी रकम जमा करने के लिए कहती है। जिससे लोगों की समस्या ज्यों की त्यों ही रहती है। ग्रीन ऐवन्यु विस्तार योजना विकास समिति के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल ने बताया कि कॉलोनी में विद्युत तार मकानों के पास से गुजरने के साथ नालियों पर ट्रांसफार्मर स्थित है जिस कारण नालियों की सफाई नहीं हो पाती है। वहीं जान हानि का खतरा बना रहता है। इसके लिए विभाग से शिकायत भी लेकिन उन्होंने खर्च का पैसा जमा करने के लिए कहा जो बहुत भारी है। ऐसे ही प्रेम नगर द्वितीय में 33 केवी की लाइन मकानों के उपर से गुजर रही है जो बारिश के मौसम में कई बार टूटने के कारण मकानों के बिल्कुल पास आ गई है। साथ लाइन के कारण हादसे कई लोगों की जान जा चुकी है। इसे हटाने के लिए भी लोगों ने कई बार शिकायत की हुई है लेकिन विभाग हर बार शिफ्टिंग का खर्च जमा करने को कहता है जो बहुत ज्यादा है।

लोगों का कहना है
कॉलोनी में स्थित ट्रांसफार्मर और तारों को हटाने के लिए विभाग को कई बार शिकायत कर दी है। लेकिन विभाग वाले सभी से शिफ्टिंग का खर्च मांगते हैं जो आम आदमी की हैसियत से बहुत ज्यादा है। जिस कारण हमेशा हादसे का डर बना रहता है।
- दिलीप सिंह शेखावत, ग्रीन ऐवन्यु विस्तार योजना, बोरखेड़ा

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मकान काफी सालों से बने हुए है लोग बस चुके हैं ऐसे में कॉलानियां नहीं हटाई जा सकती हैं। विभाग को प्लानिंग करके इन तारों को हटाना चाहिए क्योंकि इनसे रोज हादसों का खतरा बना रहता है।
- राहुल मेघवाल, डीसीएम

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मकानों के ऊपर से गुजर रही 33 केवी लाइन के लिए कई बार विद्युत विभाग को शिकायत कर चुके हैं। अर्फोडेबल कॉलोनी के बनते समय विभाग ने उस इलाके की लाइन हटा दी पर यहां की छोड़ दी। यहां कई हादसों में दर्जनों अपनी जान गंवा चुके हैं फिर भी विभाग लाइनों को हटाने के लिए खर्चा जमा करने को कहता है।
- जगदीश राठौर, प्रेमनगर द्वितीय

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इनका कहना है
लाइनों के नीचे और खभों के पास बने मकान बिल्कुल अवैध हैं जिस पर मकान मालिकों को नोटिस दिया हुआ है। वहीं कलक्टर साहब के आदेश के के अनुसार जिन इलाकों में हाइटेंशन लाइन मकानों के ऊपर या खभें पास में बने हुए हैं उनका सर्वे कर रहे हैं जिन पर सरकार के आदेश के बाद आगे की कारवाई की जाएगी।
- आरके जीनवाल, जोनल चीफ, जेवीवीएनएल, कोटा

मैं अभी कोई जवाब देने की स्थिति में नहीं हूं लेकिन जहां भी ऐसे मकान या बस्तियां बनी हुई है उनका सर्वे किया जा रहा है। जिसके बाद ही आगे की कारवाई की जा सकेगी।
- विजय जैमीनी, अधीक्षण अभिंयता, राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम, कोटा

Tags: Accident

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