भाजपा के पूर्व सांसद चौधरी बीरेंद्र सिंह, पत्नी प्रेमलता सिंह कांग्रेस में शामिल हुए
हरियाणा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद चौधरी बीरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रेमलता सिंह चौधरी अपने हजारों समर्थकों के साथ मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए।
नई दिल्ली। हरियाणा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद चौधरी बीरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रेमलता सिंह चौधरी अपने हजारों समर्थकों के साथ मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए।
हरियाणा के प्रमुख नेता तथा किसानों के मसीहा सर छोटू राम के पोते बीरेंद्र सिंह (78) ने आज यहां कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक, हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुमारी सैलजा, हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान, कांग्रेस ओबीसी विभाग के चेयरमैन कैप्टन अजय सिंह यादव, विधायक किरण चौधरी, पंजाब की पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्टल, सांसद नासिर हुसैन और पवन खेड़ा समेत अन्य नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।
वासनिक ने कहा कि मैं कांग्रेस परिवार में सिंह का स्वागत करता हूँ। आज देश में लोकतंत्र और संविधान के सामने चुनौतियां हैं। ऐसी परिस्थितियों को जानते हुए चौधरी बीरेंद्र सिंह ने तय किया है कि हमें कांग्रेस के साथ आना होगा। उनके आने से कांग्रेस को राष्ट्रीय स्तर और हरियाणा में बल मिलेगा।
हुड्डा ने कहा कि आज हरियाणा से भाजपा के पूर्व सांसद चौधरी बीरेंद्र सिंह जी अपने कई साथियों के साथ कांग्रेस में शामिल हुए हैं। आप सभी का कांग्रेस पार्टी में स्वागत है। देश के संविधान, लोकतंत्र को बचाने के लिए सबको एकजुट होने की जरुरत है और ऐसे मौके पर चौधरी बीरेंद्र सिंह और उनके समर्थकों का कांग्रेस में शामिल होना खुशी की बात है।
सूरजेवाला ने कहा कि चौधरी बीरेंद्र सिंह जी का कांग्रेस में शामिल होना हमारे लिए एक भावुक और गौरवान्वित क्षण है। चौधरी बीरेंद्र सिंह का इंदिरा गांधी, स्वर्गीय राजीव गांधी और सोनिया गांधी के साथ एक लंबा राजनीतिक जीवन रहा है। आपके आने से कांग्रेस को और मजबूती मिलेगी। हम आपका कांग्रेस पार्टी में स्वागत करते हैं।
सिंह ने कहा कि मेरा कांग्रेस में शामिल होना न सिर्फ घर वापसी है बल्कि ये विचारधारा की वापसी भी है। मैं ये बात इसलिए कह रहा हूं- क्योंकि मैंने मान्यताओं को निभाया है। देश में नेताओं के लिए व्यावहारिक रूप से कुछ गरिमा तथा मान्यताएं हैं जिन्हें निभाना चाहिए। इन सभी मान्यताओं को निभाने से ही देश मजबूत होगा।
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