कोविड के एक्सई वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता

बीए.1 और बीए.2 वेरिएंट का संयोजन, मुंबई में हो चुकी पुष्टि, एक्सपर्ट बोले-10 गुना अधिक संक्रामक, वैक्सीनेशन होने से नहीं होगा असर

कोविड के एक्सई वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता

पिछले कुछ दिनों से कोटा समेत प्रदेश भर में कोविड के नए मामले नहीं आने से सभी ने राहत की सांस ली है, लेकिन एक बार फिर से कोविड का नया वेरिएंट ‘एक्सई’ मुंबई में रिपोर्ट होने से सभी की चिंता बढ़ गई है।

कोटा । पिछले कुछ दिनों से कोटा समेत प्रदेश भर में कोविड के नए मामले नहीं आने से सभी ने राहत की सांस ली है, लेकिन एक बार फिर से कोविड का नया वेरिएंट ‘एक्सई’ मुंबई में रिपोर्ट होने से सभी की चिंता बढ़ गई है। खास बात यह है कि पिछले वेरिएंट से 10 गुना अधिक संक्रामक बताया जा रहा है। हालांकि, इसकी घातकता के प्रमाण नहीं मिले हैं। फिर भी चिकित्सा विभाग ने चिंता जताई है। एक्सपर्ट का कहना है कि वेरिएंट रिपोर्ट हुआ है। इस पर नजर रखे हुए हैं। उनका कहना है कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में नए  वेरिएंट को 'हाइब्रिड वैरिएंट' के तौर पर रिपोर्ट किया है। यह ओमिक्रॉन बीए.1 और बीए.2 के मिलकर तैयार हुआ वैरिएंट है। इस रीकॉम्बिनेंट वैरिएंट को बड़ी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले भी वेरिएंट्स के संयोजन के मामले सामने आते रहे हैं। डेल्टा और ओमिक्रॉन के संयोजन से तैयार डेल्टाक्रॉन को भी अध्ययनों में अधिक संक्रामक और घातक पाया गया है। हालांकि, देश में एक ही मामला सामने आया है। फिर भी इसके मरीज बढ़ सकते हंै। इसके लिए अधिक सैंपलिंग करने की जरूरत है।

वेरिएंट ऑफ कंसर्न के तौर पर क्लासीफाइड
एक्सपर्ट का कहना है कि इसके मामले ब्रिटेन में रिपोर्ट हो रहे थे। अभी यहां भी आने लगे हैं। प्रारंभिक जांच में वेरिएंट को अधिक संक्रामक जरूर बताया गया है, लेकिन  दो वेरिएंट्स का संयोजन चिंता की बात नहीं है।  एक्सपर्ट का कहना है कि किसी भी कोरोना वायरस वेरिएंट्स के साथ दूसरे वैरिएंट के संयोजन चिंता की बात नहीं है। यह क्रिया वायरस को स्वत: ही अपेक्षाकृत जल्दी मार देती है। हालांकि, इसे हल्के में बिल्कुल नहीं लिया जाना चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में  इसको 'वेरिएंट आॅफ कंसर्न' के तौर पर वर्गीकृत किया है।

वेरिएंट में आता रहेगा बदलाव
एक्सपर्ट का कहना है कि नया वेरिएंट जरूर आया है, लेकिन इससे घबराने की बात नहीं है। इस तरह से वेरिएंट में बदलाव आता रहता है। क्योंकि, कोविड वायरस आरएनए से बना है। इसकी संरचना में बदलाव आता रहता है, लेकिन कोटा में इसकी दिक्कत नहीं होगी। क्योंकि, यहां पर अधिकांश लोगों को टीकाकरण हो चुका है। साथ ही बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए थे। तीसरी लहर में ओमिक्रोन संक्रमण के बाद बनी एंटीबॉडी अभी चल रही है। ऐसे में वायरस से अधिक दिक्कत नहीं होगी। लोग संक्रमित हो सकते हंै, गंभीर नहीं होंगे। हालांकि, फिर भी सावधानी बरतें। कोविड नियमों की पालना करना जरूरी है।

इनका कहना है

नया वेरिएंट आने की जानकारी मिली है, लेकिन इससे लोगों पर अधिक असर नहीं होगा। अगले तीन माह तक कोविड के नए मामले न के बराबर आएंगे। ऐसा मेरा मानना है।
- डॉ. केके डंग, अस्थमा और श्वांस रोग विशेषज्ञ

अभी इस वेरिएंट को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं है। क्योंकि, एकाध मामला आया है। इस पर स्टडी करने की जरुरत है। इसके बाद स्थिति साफ होगी।
- डॉ. नवीन सक्सेना, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी, कोटा

नए वेरिएंट एक्सई की पुष्टि हुई है। ये पहले से 10 गुना अधिक संक्रामक है। हालांकि, इसका असर कम रहेगा। क्योंकि, अधिकांश लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है। संक्रमित भी हो गए हैं। फिर भी सावधान रहने की जरुरत है।
- डॉ. विजय सरदाना, प्राचार्य, न्यू मेडिकल कॉलेज, कोटा

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