करोड़ों की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए मकान
न्यास ने दिए नोटिस, नहीं की कार्रवाई
नांता थाने के नजदीक बंजारा बस्ती का मामला।
कोटा। शहर में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करने वालों के हौंसले लगातार बुलंद हो रहे हैं। अधिकारियों की लापरवाही व अनदेखी के साथ ही चुनाव की आचार संहिता का फायदा उठाकर अतिक्रमण करने वालों ने पक्के मकान तक बना लिए। यह मामला है नदी पार नांता क्षेत्र की बंजारा बस्ती का। नांता थाने से कुछ ही दूरी पर और राम नगर पत्थर मंडी के पास बंजारा बस्ती में नगर विकास न्यास की करोड़ों रुपए की बेशकीमती जमीन है। करीब 10 से 15 बीघा जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। यह अतिक्रमण अचानक नहीं हुआ। धीरे-धीरे लोग पत्थर लाकर वहां रखते रहे और मकान तक बना लिए लेकिन न तो न्यास अधिकारियों को पता चला और न ही पुलिस अधिकारियों को। हालांकि नगर विकास न्यास की ओर से हाल ही में इस क्षेत्र से अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए करीब 11 बीघा जमीन को अतिक्रमण से मुक्त भी कराया है। लेकिन उसके बावजूद अभी भी उसके आस-पास के क्षेत्र में काफी अधिक जमीन है जिस पर लोगों ने अतिक्रमण कर पक्के मकान तक बना लिए हैं। उन मकानों में लोग रह भी रहे हैं लेकिन न्यास अधिकारी उन पर कोई कार्रवाई तक नहीं कर पा रहे हैं। जानकारों के अनुसार सरकारी जमीन खाली पड़ी हुई है। इस क्षेत्र में न्यास के अधिकारी आते भी नहीं है। ऐसे में अतिक्रमण करने वालों को मौका मिल गया। यहां तक कि कई लोगों ने तो गरीब लोगों से रुपए लेकर उस जमीन को सस्ते में बेच भी दिया। छोटे-छोटे प्लॉट काटकर बेच दिए। मौके पर जो स्थिति है उसे देखकर ऐसा लग रहा है जैसे किसी कॉलोनाइजर ने कॉलोनी काट रखी हो।
नोटिस दिए, कार्रवाई करेंगे
नगर विकास न्यास के अतिक्रमण निरोधक दस्ते के प्रभारी व पुलिस उप अधीक्षक लोकेन्द्र पालीवाल ने बताया कि नांता की बंजारा बस्ती में करीब 12 से 15 बीघा जमीन पर अतिक्रमण हो रहा था। जिसमें से काफी जमीेन को तो अतिक्रमण से मुक्त करवा दिया है। लेकिन उसके आस-पास भी कई लोगों ने अतिक्रमण कर मकान बना लिए हैं। उन्हें मकान खाली करने के लिए नोटिस दिए गए हैं। उनके खिलाफ भी शीघ्र ही कार्रवाई की जाएगी।
जहां से हटाए वहां भी आकर जमे अतिक्रमी
इतना ही नहीं शहर में कई अन्य स्थानों पर भी सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण हो रहे हैं। न्यास अधिकारियों ने वहां पूर्व में कार्रवाई कर अतिक्रमियों को हटाया भी था। लेकिन फिर से वहां अतिक्रमण हो गया। यह स्थिति मेडिकल कॉलेज के सामने विनोबा भावे नगर, रंगबाड़ी और शहर के बीच की है।
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