पाकिस्तान में 70 फीसदी एंटीबायोटिक दवाओं का अनावश्यक उपयोग
नियंत्रण उपायों की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया गया
एंटीबायोटिक दवाओं के अंधाधुंध उपयोग को एक गंभीर मुद्दा बताया और नियंत्रण उपायों की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया गया।
इस्लामाबाद। पकिस्तान के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान में 70 प्रतिशत एंटीबायोटिक दवाओं का अनावश्यक रूप से उपयोग किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ सर्विसेज अकादमी की ओर से कराची में आयोजित एंटीमाइक्रोबियल स्टीवर्डशिप कॉन्फ्रेंस के दौरान यह तथ्य सामने आया। विशेषज्ञों ने सम्मेलन के दौरान रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) के खतरनाक वैश्विक प्रभाव पर प्रकाश डाला, जिसमें बताया गया कि इससे उत्पन्न जटिलताओं के कारण दुनिया भर में पचास लाख लोगों ने अपनी जान गंवा दी। उन्होंने एंटीबायोटिक दवाओं के अंधाधुंध उपयोग को एक गंभीर मुद्दा बताया और नियंत्रण उपायों की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया गया।
प्रोफेसर अली खान द्वारा साझा किए गए एक संबंधित आंकड़े के अनुसार, रोगाणुरोधी प्रतिरोध को पाकिस्तान में मौत का तीसरा प्रमुख कारण माना जाता है, जिसमें दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया के कारण सालाना 3 लाख मौतें और एएमआर से 7 लाख मौतें होती हैं। कार्यक्रम में उपस्थित स्वास्थ्य अधिकारियों, सरकारी स्वास्थ्य विशेषज्ञों, चिकित्सकों और नीति निर्माताओं ने इस तथ्य की निंदा की है कि चीन और भारत के बाद पाकिस्तान दुनिया में एंटीबायोटिक दवाओं का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। अकेले पाकिस्तान में 2023 में 126 अरब रुपये की एंटीबायोटिक दवाओं की खपत हुई। अधिकारियों ने लोगों से प्रशिक्षित और योग्य चिकित्सकों की सलाह के बिना एंटीबायोटिक्स न खरीदने और उपयोग न करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि एंटीबायोटिक्स आश्चर्यजनक दवाएं हैं जिन्होंने विश्व युद्धों और महामारी के दौरान लाखों लोगों की जान बचाई, लेकिन उनके अतार्किक उपयोग या दुरुपयोग के कारण एएमआर हुआ, जो अब एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य ङ्क्षचता बन रही है। उन्होंने कहा कि खुद से दवा लेना, झोलाछाप डॉक्टरों के एंटीबायोटिक दवाओं के अनुचित नुस्खे, कम अवधि के लिए एंटीबायोटिक लेना और कुछ कंपनियों द्वारा घटिया एंटीबायोटिक दवाओं का उत्पादन रोगाणुरोधी प्रतिरोध के कुछ प्रमुख कारण हैं।
Comment List